श्रीनगर : अमेरिकी मैगजीन टाइम ने सोमवार को 2022 में प्रभावशाली 100 लोगों की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज का नाम भी शामिल है, जो पिछले साल से जेल में बंद हैं. खुर्रम का नाम नेताओं की कैटिगरी में शामिल किया है, जबकि वह सोशल एक्टिविस्ट हैं. इस लिस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भी नाम भी शामिल है. मगर प्रभावशाली नेताओं की लिस्ट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान का नाम नहीं है.
टाइम मैगजीन ने खुर्रम के बारे में संक्षिप्त जानकारी भी दी है. मैगजीन में लिखा है कि खुर्रम परवेज एशियन फेडरेशन अंगेस्ट इनवॉलेंट्री डिसएपिरेंस के अध्यक्ष हैं. उन्हें पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें चुप कराया गया, क्योंकि उनकी आवाज कश्मीर क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन और अन्याय के खिलाफ उनकी लड़ाई दुनिया भर में गूंजती थी. कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को रद्द करने और सड़कों पर विरोध करने वाले सैकड़ों लोगों को हिरासत में लेने के लगभग एक साल बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी. टाइम मैगजीन का दावा है कि यह पहली बार नहीं था जब परवेज को जबरन चुप कराया गया है.वह सच्चाई के लिए बोलते हैं, इसलिए उन पर हमले होते हैं. उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को 200 मिलियन से अधिक भारतीय मुसलमानों के उत्पीड़न के लिए भी आवाज उठाई थी. उनके बारे में आगे लिखा है कि मृदुभाषी खुर्रम आधुनिक समय का डेविड है, जिसने उन परिवारों को आवाज दी, जिन्होंने कथित तौर पर गायब होने के कारण अपने बच्चों को खो दिया था.
दिलचस्प बात यह है कि 14 मई को नई दिल्ली की एक विशेष एनआईए अदालत में खुर्रम परवेज के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. एनआईए के अनुसार, खुर्रम ने जम्मू-कश्मीर सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों को अंजाम देने, भर्ती करने और सहायता करने के लिए पाकिस्तान में स्थित एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से कथित तौर पर पैसे लिए हैं.
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