ETV Bharat / bharat

एक गांव ऐसा भी, जहां युवाओं से नहीं करना चाहती कोई लड़की शादी - हरियाणा समस्याएं

हरियाणा में एक ऐसा गांव भी है, जहां के युवाओं से लड़कियां शादी नहीं करना चाहती. पानीपत के खुखराना(khukhrana village) गांव में थर्मल पावर स्टेशन(panipat thermal power station) से उड़ने वाली राख के कारण गांव की 90 फीसदी से ज्यादा आबादी बीमार है.

जहां युवाओं से नहीं करना चाहती कोई लड़की शादी
जहां युवाओं से नहीं करना चाहती कोई लड़की शादी
author img

By

Published : Aug 2, 2021, 8:23 PM IST

पानीपत: पानीपत के थर्मल पावर स्टेशन के पास बसा गांव खुखराना(panipat khukhrana village), जहां पहले थर्मल पावर स्टेशन(panipat thermal power station) से उड़ने वाली राख से लोग परेशान थे. अब करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर सीमेंट बनाने वाले प्लांट से लोगों का जीना दूभर हो चुका है. 2012 में इस गांव को शिफ्ट करने के आदेश हो चुके थे लेकिन अभी तक गुटबाजी के चलते गांव शिफ्ट नहीं हो पाया है. जिसके चलते इस गांव में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. गांव बसाने के लिए सरकार द्वारा जगह तो दे दी गई लेकिन उस पर काम कछुए की चाल के बराबर चल रहा है.

हरियाणा का एक ऐसा गांव जहां के युवाओं से नहीं करना चाहती कोई लड़की शादी

इस गांव में करीब 3000 लोग रहते हैं और इनमें से 90% लोग चमड़ी और दमे की बीमारी से ग्रसित हैं. तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि कोई भी नया मकान नहीं बनाया गया है. नए मकान ना बनाने के पीछे दो कारण हैं पहले तो ग्रामीण यही सोचते हैं कि है गांव शिफ्ट हो जाएगा, लेकिन साल दर साल बीत रहे हैं. ये गांव शिफ्ट नहीं हो पा रहा. दूसरा कारण यह है कि इस गांव में वॉटर लेवल बहुत ऊपर है. जिस कारण जमीन भी धंसने का डर बना रहता है.

वॉटर लेवल ऊपर होने का कारण एक यह भी माना जा रहा है कि थर्मल पावर स्टेशन से निकलने वाली राख सीमेंट में इस्तेमाल की जाती है और सीमेंट प्लांट के लिए यह राख साथ ही बनाई गई राख की झील में स्टोर की जाती है और इसके साथ पानी भी छोड़ा जाता है. जिस कारण भूमिगत जल इस गांव में ऊपर आ गया है. सीमेंट प्लांट और थर्मल पावर स्टेशन से उड़ने वाली राख से इस गांव में चमड़ी का रोग दिन प्रतिदिन फैल रहा है. यही वजह है कि इस गांव के हर घर में एक चमड़ी का रोगी मिलेगा.

ये भी पढ़ें : #JeeneDo: नाबालिगों से गैंगरेप और गोवा सीएम के बयान के बाद महिलाएं और पर्यटक उठा रहे सवाल

ग्रामीण बताते हैं कि वह पिछले कई साल से नारकीय जीवन जी रहे हैं. यहां युवाओं के रिश्ते भी होना मुश्किल हो गया है. कोई भी इस गांव में अपनी बेटी का रिश्ता नहीं करना चाहता. चमड़ी के रोग के साथ-साथ इस गांव में दमा और टीबी के भी मरीज हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 8 से 9 साल से यहां शादी के लिए बहुत ही कम रिश्ते आ रहे हैं और शादी भी बहुत कम हो रही है. अगर कोई शादी होती भी है तो वह सरकारी नौकरी लगे हुए युवा की ही होती है.

ग्रामीणों का कहना है कि रिश्तेदार उनके घर रात नहीं रुकना चाहते, उन्हें भी है डर लगा रहता है कहीं वह भी किसी बीमारी का शिकार ना हो जाएं. बहरहाल अब यह देखना होगा कि कब तक इस गांव को शिफ्ट किया जाता है और लोगों को इस नर्क से निजात मिल पाती है. शायद तभी यहां के युवा शादी के बंधन में बंध पाएं.

ये भी पढ़ें- Tokyo Olympics: सेमीफाइनल में पहुंची भारतीय महिला हॉकी टीम, प्लेयर निशा वारसी के परिवार को गोल्ड की उम्मीदें

पानीपत: पानीपत के थर्मल पावर स्टेशन के पास बसा गांव खुखराना(panipat khukhrana village), जहां पहले थर्मल पावर स्टेशन(panipat thermal power station) से उड़ने वाली राख से लोग परेशान थे. अब करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर सीमेंट बनाने वाले प्लांट से लोगों का जीना दूभर हो चुका है. 2012 में इस गांव को शिफ्ट करने के आदेश हो चुके थे लेकिन अभी तक गुटबाजी के चलते गांव शिफ्ट नहीं हो पाया है. जिसके चलते इस गांव में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. गांव बसाने के लिए सरकार द्वारा जगह तो दे दी गई लेकिन उस पर काम कछुए की चाल के बराबर चल रहा है.

हरियाणा का एक ऐसा गांव जहां के युवाओं से नहीं करना चाहती कोई लड़की शादी

इस गांव में करीब 3000 लोग रहते हैं और इनमें से 90% लोग चमड़ी और दमे की बीमारी से ग्रसित हैं. तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि कोई भी नया मकान नहीं बनाया गया है. नए मकान ना बनाने के पीछे दो कारण हैं पहले तो ग्रामीण यही सोचते हैं कि है गांव शिफ्ट हो जाएगा, लेकिन साल दर साल बीत रहे हैं. ये गांव शिफ्ट नहीं हो पा रहा. दूसरा कारण यह है कि इस गांव में वॉटर लेवल बहुत ऊपर है. जिस कारण जमीन भी धंसने का डर बना रहता है.

वॉटर लेवल ऊपर होने का कारण एक यह भी माना जा रहा है कि थर्मल पावर स्टेशन से निकलने वाली राख सीमेंट में इस्तेमाल की जाती है और सीमेंट प्लांट के लिए यह राख साथ ही बनाई गई राख की झील में स्टोर की जाती है और इसके साथ पानी भी छोड़ा जाता है. जिस कारण भूमिगत जल इस गांव में ऊपर आ गया है. सीमेंट प्लांट और थर्मल पावर स्टेशन से उड़ने वाली राख से इस गांव में चमड़ी का रोग दिन प्रतिदिन फैल रहा है. यही वजह है कि इस गांव के हर घर में एक चमड़ी का रोगी मिलेगा.

ये भी पढ़ें : #JeeneDo: नाबालिगों से गैंगरेप और गोवा सीएम के बयान के बाद महिलाएं और पर्यटक उठा रहे सवाल

ग्रामीण बताते हैं कि वह पिछले कई साल से नारकीय जीवन जी रहे हैं. यहां युवाओं के रिश्ते भी होना मुश्किल हो गया है. कोई भी इस गांव में अपनी बेटी का रिश्ता नहीं करना चाहता. चमड़ी के रोग के साथ-साथ इस गांव में दमा और टीबी के भी मरीज हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 8 से 9 साल से यहां शादी के लिए बहुत ही कम रिश्ते आ रहे हैं और शादी भी बहुत कम हो रही है. अगर कोई शादी होती भी है तो वह सरकारी नौकरी लगे हुए युवा की ही होती है.

ग्रामीणों का कहना है कि रिश्तेदार उनके घर रात नहीं रुकना चाहते, उन्हें भी है डर लगा रहता है कहीं वह भी किसी बीमारी का शिकार ना हो जाएं. बहरहाल अब यह देखना होगा कि कब तक इस गांव को शिफ्ट किया जाता है और लोगों को इस नर्क से निजात मिल पाती है. शायद तभी यहां के युवा शादी के बंधन में बंध पाएं.

ये भी पढ़ें- Tokyo Olympics: सेमीफाइनल में पहुंची भारतीय महिला हॉकी टीम, प्लेयर निशा वारसी के परिवार को गोल्ड की उम्मीदें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.