नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खोरी गांव ( khori gaon) के आसपास के क्षेत्र में वन-गैर वन भूमि विवाद (forest-non forest land dispute) से संबंधित मामले की सुनवाई 15 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है.
मामला अदालत में तब आया जब सरकार ने खोरी गांव में करीब 10,000 घरों को गिराने का आदेश दिया गया, जो अवैध रूप से वन भूमि पर बनाए गए थे.
उसके बाद फार्म हाउस मालिकों (farm house owners) द्वारा अदालत में कई आवेदन दायर किए गए, जिन्होंने कहा कि उनकी संपत्ति हरियाणा सरकार (Haryana government) द्वारा अधिसूचित वन भूमि पर नहीं थी.
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर (Justice AM Khanwilkar) और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी (Justice Dinesh Maheshwari) की पीठ खोरी गांव विध्वंस से संबंधित कई याचिकाओं और आवेदनों पर सुनवाई कर रही थी. इसमें पुनर्वास नीति को चुनौती, मानदंड, लोगों की शिकायतें, भूमि के वर्गीकरण से संबंधित विवाद आदि मुद्दे न्यायालय के समक्ष हैं.
मामले में जिन लोगों के घरों को तोड़ा गया था उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख (Senior Advocate Sanjay Parikh ) ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि उन्हें एक पत्र मिला है, जिसमें अस्थायी आवंटन के लिए डिपॉजिटरी राशि (depository amount for provisional allottment) के रूप में 17,000 रुपये की मांग की गई है जो निर्देशों के विपरीत है.पारिख ने कहा कि अंतिम आवंटन पर पैसा लिया जाना चाहिए न कि अनंतिम आवंटन पर.
इस पर हरियाणा सरकार ने जवाब दिया कि पत्र अनजाने में जारी किया गया था और यह सुनिश्चित है कि इसे लागू नहीं किया गया है. सरकार ने अदालत से यह भी कहा कि वह अंतिम आवंटन के समय राशि को घटाकर 10,000 रुपये कर देगा.कोर्ट ने राज्य के सबमिशन को रिकॉर्ड किया.
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पारिख ने यह भी बताया कि आवंटन में देरी हो रही है, जिसके लिए कुछ मुआवजा दिया जाना चाहिए जिसके लिए फरीदाबाद नगर निगम (Faridabad Municipal Corporation) सहमत हो गया है.
कोर्ट ने कहा कि प्रभावित लोगों को छह महीने के लिए सहायता राशि मुहैया (solatium money for 6 months ) कराई जाएगी और भुगतान न होने की स्थिति में सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे.
कोर्ट ने कहा कि इस तरह की शिकायतें सीधे निगम को भेजी जा सकती हैं और इस पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि कोर्ट पर बोझ न पड़े. अगर शिकायत दो सप्ताह तक हल नहीं होती है, तो लोग शीर्ष अदालत में आवेदन दायर कर सकते हैं. मुद्दों को लेकर अब कोर्ट 12 नवंबर को मामले की फिर से सुनवाई करेगी.