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Floating Solar power plant: CM शिवराज बोले एमपी बनेगा 'Lungs of India', दुनिया के सबसे बड़े सोलर एनर्जी प्लांट के लिए साइन हुआ MOU

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी पर बने ओंकारेश्वर बांध में दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट तैयार किया जा रहा है. जिसके लिए प्रदेश सरकार ने एमओयू पर साइन कर लिया है. प्लांट के पहले चरण में 272 मेगावाट बिजली उत्पादन तय किया गया है. ओमकारेश्वर डेम में बनने वाला यह प्रोजेक्ट 3 हजार करोड़ का होगा. इसमें कई फ्लोटिंग सोलर पार्क तैयार किए जाएंगे.

Worlds largest solar power plant with 600 MW capacity is being set up on Omkareshwar Dam on Narmada river
नर्मदा नदी के ओंकारेश्वर बांध पर बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा तैरता सोलर एनर्जी प्लांट
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Published : Aug 4, 2022, 12:31 PM IST

Updated : Aug 5, 2022, 3:20 PM IST

खंडवा। मध्य प्रदेश में बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने और बिजली की समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से खंडवा में एक तैरता हुआ सौर ऊर्जा संयंत्र बनाया जा रहा है. जो 2022-23 तक 600 मेगावाट बिजली पैदा करेगा. इसे दुनिया का सबसे बड़ा तैरता सौर संयंत्र कहा जा रहा है. फ्लोटिंग सोलर प्लांट के पहले चरण के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने MOU पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. पहले चरण में 272 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू किया जाएगा. इसके लिए डैम में कई फ्लोटिंग सोलर पार्क बनाए जाएंगे.

CM Shivraj ने बताई प्लांट की विशेषताएं: ओंकारेश्वर का यह फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के लिए एमओयू साइन करने के दौरान सीएम ने दुनिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्लांट की विशेषताएं भी बताईं. सीएम शिवराज ने कहा कि खंडवा में बनने जा रहा यह सोलर पार्क अपने आप में अद्भुत है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अभी 'Heart of India' के नाम से जाना जाता है, मेरा सपना है कि इसे 'Lungs of India' बना दूं, इसलिए हमने 2 अगस्त 2022 को नई रिन्यूएबल एनर्जी नीति को स्वीकृति दी है. उन्होंने कहा कि मैं सोलर एनर्जी के क्षेत्र में काम करने वाले सभी निवेशकों को MP में आमंत्रित करता हूं. सीएम ने कहा कि-

-2012 में नवीनीकृत ऊर्जा की हमारी क्षमता थी 500 मेगावाट से कम लेकिन अब हमने उस में 10 गुना वृद्धि करके आज 5000 मेगावाट से ज्यादा की उत्पादन क्षमता विकसित कर ली है.
- मेरा कमिटमेंट है कि 2027 तक प्रदेश अपनी नवीनीकृत ऊर्जा की क्षमता बढ़ाकर 20000 मेगावाट कर लेगा.
- इस सोलर पावर प्लांट से लगभग 12 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन रोका जा सकता है.
- यह 1 करोड़ 92 लाख पेड़ लगाने के बराबर होगा.
- फ्लोटिंग सोलर पैनल बिछाने के लिए जमीन की जरूरत ही नहीं है. इसलिए विस्थापन भी शून्य होगा.
- डैम के पानी पर सोलर पैनल बिछाने से बिजली भी बनेगी और पानी भी बचेगा.
- भोपाल को 124 दिन पीने के पानी की जितनी जरूरत होती है, उतना पानी हमारे इस पावर प्लांट के कारण ओंकारेश्वर में बचेगा.

2 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बनेगा प्लांट 3 हजार करोड़ की आएगी लागत : खंडवा के ओमकारेश्वर डैम में तैयार हो रहा यह फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट डैम के लगभग 2 हजार हेक्टेयर एरिया में होगा. जिसके निर्माण में लगभग 3 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी. सोलर पावर प्लांट से लगभग 600 मेगावाट बिजली तैयार की जाएगी. इसके पहले चरण में 272 मेगावाट बिजली बनाए जाने के प्रोजेक्ट की शुरुआत होगी. खंडवा में फ्लोटिंग सोलर प्लांट बनने के साथ ही यह मध्य प्रदेश का एकमात्र जिला बन जाएगा, जिसके पास थर्मल पावर स्टेशन, हाइडल पावर स्टेशन और सोलर पावर स्टेशन होगा.

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज को सौर उर्जा प्लांट की सौगात , 2200 यूनिट बिजली का हर दिन होगा उत्पादन

अद्भुत होगी प्लांट की संरचना: फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के लिए जो स्ट्रैक्टर और फ्लोटिंग पार्क की जो संरचना तैयार की जा रही है उससे यह पावर प्लांट अपने आप में किसी अजूबे से कम नहीं होगा. पानी के उतार-चढ़ाव का इस पर कोई असर नहीं होगा. यह सतह पर अपने आप तैरेगा. पानी की तेज लहरों से भी सोलर प्लांट को कोई नुकसान नहीं होगा.दो हजार हेक्टेयर के एरिया में कई फ्लोटिंग सोलर एनर्जी पार्क तैयार किए जाएंगे. प्लांट शुरू होने के अगले दो सालों में प्रदेश को सस्ती बिजली मिलने भी संभावना है.
(Floating solar energy plant) (World Largest Floating Solar Plant in MP)

खंडवा। मध्य प्रदेश में बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने और बिजली की समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से खंडवा में एक तैरता हुआ सौर ऊर्जा संयंत्र बनाया जा रहा है. जो 2022-23 तक 600 मेगावाट बिजली पैदा करेगा. इसे दुनिया का सबसे बड़ा तैरता सौर संयंत्र कहा जा रहा है. फ्लोटिंग सोलर प्लांट के पहले चरण के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने MOU पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. पहले चरण में 272 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू किया जाएगा. इसके लिए डैम में कई फ्लोटिंग सोलर पार्क बनाए जाएंगे.

CM Shivraj ने बताई प्लांट की विशेषताएं: ओंकारेश्वर का यह फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के लिए एमओयू साइन करने के दौरान सीएम ने दुनिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्लांट की विशेषताएं भी बताईं. सीएम शिवराज ने कहा कि खंडवा में बनने जा रहा यह सोलर पार्क अपने आप में अद्भुत है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अभी 'Heart of India' के नाम से जाना जाता है, मेरा सपना है कि इसे 'Lungs of India' बना दूं, इसलिए हमने 2 अगस्त 2022 को नई रिन्यूएबल एनर्जी नीति को स्वीकृति दी है. उन्होंने कहा कि मैं सोलर एनर्जी के क्षेत्र में काम करने वाले सभी निवेशकों को MP में आमंत्रित करता हूं. सीएम ने कहा कि-

-2012 में नवीनीकृत ऊर्जा की हमारी क्षमता थी 500 मेगावाट से कम लेकिन अब हमने उस में 10 गुना वृद्धि करके आज 5000 मेगावाट से ज्यादा की उत्पादन क्षमता विकसित कर ली है.
- मेरा कमिटमेंट है कि 2027 तक प्रदेश अपनी नवीनीकृत ऊर्जा की क्षमता बढ़ाकर 20000 मेगावाट कर लेगा.
- इस सोलर पावर प्लांट से लगभग 12 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन रोका जा सकता है.
- यह 1 करोड़ 92 लाख पेड़ लगाने के बराबर होगा.
- फ्लोटिंग सोलर पैनल बिछाने के लिए जमीन की जरूरत ही नहीं है. इसलिए विस्थापन भी शून्य होगा.
- डैम के पानी पर सोलर पैनल बिछाने से बिजली भी बनेगी और पानी भी बचेगा.
- भोपाल को 124 दिन पीने के पानी की जितनी जरूरत होती है, उतना पानी हमारे इस पावर प्लांट के कारण ओंकारेश्वर में बचेगा.

2 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बनेगा प्लांट 3 हजार करोड़ की आएगी लागत : खंडवा के ओमकारेश्वर डैम में तैयार हो रहा यह फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट डैम के लगभग 2 हजार हेक्टेयर एरिया में होगा. जिसके निर्माण में लगभग 3 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी. सोलर पावर प्लांट से लगभग 600 मेगावाट बिजली तैयार की जाएगी. इसके पहले चरण में 272 मेगावाट बिजली बनाए जाने के प्रोजेक्ट की शुरुआत होगी. खंडवा में फ्लोटिंग सोलर प्लांट बनने के साथ ही यह मध्य प्रदेश का एकमात्र जिला बन जाएगा, जिसके पास थर्मल पावर स्टेशन, हाइडल पावर स्टेशन और सोलर पावर स्टेशन होगा.

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज को सौर उर्जा प्लांट की सौगात , 2200 यूनिट बिजली का हर दिन होगा उत्पादन

अद्भुत होगी प्लांट की संरचना: फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के लिए जो स्ट्रैक्टर और फ्लोटिंग पार्क की जो संरचना तैयार की जा रही है उससे यह पावर प्लांट अपने आप में किसी अजूबे से कम नहीं होगा. पानी के उतार-चढ़ाव का इस पर कोई असर नहीं होगा. यह सतह पर अपने आप तैरेगा. पानी की तेज लहरों से भी सोलर प्लांट को कोई नुकसान नहीं होगा.दो हजार हेक्टेयर के एरिया में कई फ्लोटिंग सोलर एनर्जी पार्क तैयार किए जाएंगे. प्लांट शुरू होने के अगले दो सालों में प्रदेश को सस्ती बिजली मिलने भी संभावना है.
(Floating solar energy plant) (World Largest Floating Solar Plant in MP)

Last Updated : Aug 5, 2022, 3:20 PM IST
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