देवास/खंडवा। मध्यप्रदेश के देवास जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के नेमावर में 35 मुस्लिम परिवार ने एक साथ हिंदू धर्म अपनाया. यह घर वापसी संतों के सानिध्य में तीर्थ क्षेत्र नेमावर में नर्मदा नदी के तट पर हुई हैं. जिसमें संत रामस्वरूप दास शास्त्री ने मंत्रोंच्चार कर शुद्धिकरण करवाया. इसके अलावा इसी तरह का एक मामला खंडवा जिले से सामने आया है. जहां महादेवगढ़ मंदिर में आदिल पठान ने हिंदू धर्म अपनाया है. जिसके बाद आदिल आदित्य बना. मंदिर परिसर में मुंडन करने के बाद आदिल ने विधि-विधान से पूजा कर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर आरती की. हवन कर ॐ नमः शिवाय का जप किया.
देवास में 190 लोगों की हुई घर वापसी: देवास में सबसे पहले इन मुस्लिम परिवारों को मुण्डन संस्कार हुआ, फिर नर्मदा जी में स्नान करवाकर जनेऊ संस्कार हुआ. इसके बाद हवन में आहुति देकर नामकरण किया गया. इस तरह 35 परिवार के कुल 190 लोगों ने सनातन धर्म में वापसी की है. स्वधर्म में दीक्षित इन परिवारों में अपार खुशियों का माहौल था. इस अवसर पर संत श्री 1008 आनंद गिरि महाराज, पंच मुखी बालाजी धाम अडवाणिया का सानिध्य मिला. यह पहले भी रतलाम में इस प्रकार के 58 लोगों की स्वधर्म में घर वापसी करवा चुके हैं. अपने अनुभव साझा करते हुए रामसिंह (पूर्व में मोहम्मद शाह) ने बताया कि "परिस्थितिवश हमने भले ही इस्लाम स्वीकार कर लिया था, लेकिन आज भी हमारे रक्त में हमारे पूर्वजों का खून दौड़ रहा है. जिसने हमको हमारी जड़ों से जोड़े रखा था.
खंडवा में आदिल बना आदित्य: वहीं खंडवा की बात करें तो यहां महादेवगढ़ मंदिर में आदिल पठान ने हिन्दू धर्म अपनाया. नर्मदानगर निवासी आदिल पठान कुछ वर्षों से खंडवा में परिवार के साथ रह रहा है. रामनगर में रहने वाले आदिल ने महादेवगढ़ मंदिर में दर्शन कर अपना मुंडन कराया. आदिल से बने आदित्य आर्य का कहना है कि "मुस्लिम धर्म में छोटे से बड़ा किए उसी जानवर को काटकर खा लिया जाता है. यह सब उसे शुरू से अच्छा नहीं लगता था. पिछले कई वर्ष से मैं दादाजी मंदिर भी आना-जाना कर रहा हूं. सिंगाजी मंदिर भी जाता हूं. महादेव गढ़ भी आता हूं और जो भी कुछ मैंने किया है, यह सारी चीजें मैंने अपने मन से की है. मुझे किसी ने यह करने के लिए दबाव नहीं डाला है. लंबे समय से हिन्दू धर्म से जुड़ने की मेरी आस्था थी, जो आज पूरी हुई है. मैं आदिल पठान से आदित्य आर्य बना हुं."
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आदिल ने धर्म परिवर्तन की जताई थी इच्छा: महादेवगढ़ मंदिर संरक्षक अशोक पालीवाल ने बताया कि "आदिल बीती रात को महादेवगढ़ मंदिर आया. मंदिर में दर्शन कर आदिल रो रहा था. यह देख मैंने उनसे पूछा कि क्यों रो रहे हो. तब इन्होंने बताया कि मुझे सपने में महादेव आते रहते हैं और में बचपन से ही हिन्दू सनातन धर्म से प्रेरित हूं. मेरे धर्म में जो हिंसा होती है और अन्य धर्मों का जो अनादर सिखाया जाता है, उससे मैं काफी व्यथित हूं. इसलिए मेरी घर वापसी कराई जाए. इसके बाद विधि विधान से हिंदू धर्म अपनाया है."