चंडीगढ़ : कनाडा में रह रहे घोषित वांछित आतंकवादी खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के विरोध में कनाडा समेत चार देशों में खालिस्तान समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया. खालिस्तान समर्थकों का मानना है कि निज्जर की हत्या भारतीय राजनयिकों के इशारे पर की गई थी और भारत सरकार अन्य खालिस्तान समर्थकों के लिए भी ऐसी साजिशें रच रही हैं. इसलिए खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय दूतावासों के बाहर भारतीय राजनयिकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
भारतीय दूतावासों के बाहर प्रदर्शन: कोलंबिया प्रांत के सरे शहर में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे की पार्किंग में दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्या के लिए खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय राजनयिकों को जिम्मेदार ठहराया है. 19 जून को निज्जर की हत्या के बाद विदेशों में लगातार भारत विरोधी आवाजें उठ रही थीं. इसी क्रम में शनिवार को भी भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया. कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन में भारतीय दूतावासों के बाहर शनिवार को विरोध प्रदर्शन करने के लिए लोग सड़कों पर उतर आए. इस प्रदर्शन में ज्यादा से ज्यादा लोगों को शामिल होने की अपील की गई, जिसके लिए विदेशों में जगह-जगह पोस्टर भी लगाए गए. बता दें कि आतंकी गुरपतवंत पन्नू ने सोशल मीडिया पर खालिस्तानी समर्थकों को आज भारतीय कार्यालयों के बाहर इकट्ठा होने और प्रदर्शन करने के लिए सार्वजनिक रूप से आमंत्रित भी किया था.
भारतीय राजनयिकों पर गुस्सा: खालिस्तान समर्थकों द्वारा प्रदर्शन को लेकर जारी किए जा रहे पोस्टरों में कई भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाया गया है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पोस्टरों में खुलेआम भारतीय राजनयिकों की तस्वीरें लगाई गई हैं और निज्जर की मौत के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया है. जिस पर भारत सरकार के अधिकारी भी नाराज हैं.
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जस्टिन ट्रूडो की चुप्पी पर कई सवाल: इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की चुप्पी ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है. ट्रूडो के रवैये पर केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही कड़ी टिप्पणी कर चुके हैं. आरोप ये भी है कि कनाडा में भारत विरोधी ताकतों को पनाह दी जा रही है और खालिस्तान जैसे मुद्दों पर कनाडा सरकार कुछ नहीं कर रही है.