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आम आदमी के लिए राहत वर्धक है केरल का एसएटी इन हाउस ड्रग बैंक - कार्डियोलॉजिकल और नेफ्रोलॉजिकल

केरल के श्री अविटोम थिरुनल (SAT) अस्पताल ने इन हाउस ड्रग बैंक (IHDB) के साथ मिलकर MRP की तुलना में बहुत कम कीमत पर ड्रग्स प्रदान करके पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल कायम की है. यह MRP दरों की तुलना में 28 से 98 प्रतिशत कम कीमत पर दवाएं बेचता है.

SAT इन हाउस ड्रग बैंक
SAT इन हाउस ड्रग बैंक
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Published : Jan 22, 2021, 9:41 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल के श्री अविटोम थिरुनल (SAT) अस्पताल ने इन हाउस ड्रग बैंक (IHDB) के साथ मिलकर MRP की तुलना में बहुत कम कीमत पर ड्रग्स प्रदान करके पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल कायम की है. SAT अस्पताल महिलाओं और बच्चों को वैश्विक मानकों के साथ गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है. SATअस्पताल के परिसर में इन हाउस ड्रग बैंक का कामकाज आम लोगों के लिए हमेशा से राहत देने वाला रहा है, क्योंकि वे अपनी दवाएं यहां से बहुत सस्ती दर पर प्राप्त कर सकते हैं.

इन हाउस ड्रग बैंक MRP दरों की तुलना में 28 से 98 प्रतिशत कम कीमत पर दवाएं बेचता है.1993 में इन हाउस ड्रग बैंक का डॉ हरिहरन के नेतृत्व में परिचालन शुरू किया गया था. यह भारत में पहली बार था कि सरकारी स्वास्थ्य विभाग के तहत एक दवा बेचने वाले काउंटर ने MRP की तुलना में बहुत कम दर पर आम लोगों को दवाएं बेचना शुरू किया.

SAT इन हाउस ड्रग बैंक

कोरोना काल के दौरान, SAT ड्रग बैंक ने N 95 मास्क 10 रुपये और पीपीई किट 275 रुपये से 350 रुपये तक बेचकर क्रांति ला दी.

केरल में न्यूरोलॉजिकल, कार्डियोलॉजिकल और नेफ्रोलॉजिकल समस्याओं के लिए दवाओं पर निर्भर व्यक्तियों की संख्या बहुत अधिक है. इन दवाओं की कीमत भी आम तौर पर उच्च होती है, और ज्यादातर आम लोगों पहुंच से बाहर होती है. दवा बैंक ऐसे लोगों के लिए एक राहत है, जो उपलब्ध न्यूनतम दर पर अपनी नियमित दवाएं खरीद सकते हैं.

औसतन दिन में 3500 से 4000 से अधिक मरीज SAT इन हाउस ड्रग बैंक तक पहुंचते हैं. कोविड लॉकडाउन अवधि के दौरान, SAT के पास 1.68 करोड़ रुपये की दवाओं की रिकॉर्ड बिक्री थी.

एसएटी ड्रग बैंक में औसत दैनिक राजस्व लगभग 90 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक है.

एसएटी इन हाउस ड्रग बैंक ने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी प्रवेश कर चुका है.

SAT आईएचडीबी केरल के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में और उपचारात्मक देखभाल सहित अन्य स्वास्थ्य योजनाओं के लिए दवाएं उपलब्ध करा रहा है.

दवा की बिक्री में आईएचडीबी की लगातार वृद्धि के पीछे SAT आईएचडीबी के मुख्य फार्मासिस्ट ए बीजू का हाथ माना जाता है.

बीजू का कहना है कि अगर दैनिक बिक्री की मात्रा अधिक रहती है, तो दवा कंपनियां स्टॉक को न्यूनतम दर पर उपलब्ध कराने के लिए तैयार रहती है. उन्होंने कहा कि कंपनियों के साथ सौदेबाजी और शीघ्र भुगतान अन्य कारक हैं जिन्होंने सफलता में मदद की, वास्तविक लाभ जनता के लिए है.

पढ़ें- पांच माह से कोरोना संक्रमित, 31 बार निकली पाॅजिटिव फिर भी स्वस्थ

SATगोल्डन जुबली भवन जिसकी लागत 3.5 करोड़ थी, को आईएचडीबी के लाभ शेयर का उपयोग करके बनाया गया था.

बीजू कहते हैं कि दवा की बिक्री कोई आसान व्यवसाय नहीं है. उन्हें अजनबियों से कई बार धमकी मिली है.

भारत की पहली आधुनिक फार्मेसी

SAT, IHDB भारत की पहली आधुनिक फार्मेसी बनने के लिए तैयार है. इसके लिए निर्माण में 5 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, यहां रोगियों को व्यक्तिगत परामर्श दिया जाएगा, और सभी दवाओं के बारे में जानने के लिए जनता के लिए एक कीओस्क (kiosk )स्थापित किया जाएगा.

अलग-अलग स्वास्थ्य स्थितियों, एटीएम काउंटर, दवाओं को खरीदने के लिए कतारों में खड़े होने से बचने के लिए एक टोकन प्रणाली, दवाओं को घर पर पहुंचाने की ऑनलाइन सुविधा, नई बिल्डिंग में सभी सुविधा होगी.

अधिकांश लोग दवा के निर्देशों से अनजान हैं - किसी दवा को लेने के लिए कैसे और क्या नहीं खाएं या क्या न खांए और किस तरह स्वस्थय रहें. आधुनिक फार्मेसी इस अंतर को भरने और लोगों को इन सभी पहलुओं से अवगत कराने और स्वस्थ जीवन जीने का प्रस्ताव देती है.

तिरुवनंतपुरम : केरल के श्री अविटोम थिरुनल (SAT) अस्पताल ने इन हाउस ड्रग बैंक (IHDB) के साथ मिलकर MRP की तुलना में बहुत कम कीमत पर ड्रग्स प्रदान करके पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल कायम की है. SAT अस्पताल महिलाओं और बच्चों को वैश्विक मानकों के साथ गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है. SATअस्पताल के परिसर में इन हाउस ड्रग बैंक का कामकाज आम लोगों के लिए हमेशा से राहत देने वाला रहा है, क्योंकि वे अपनी दवाएं यहां से बहुत सस्ती दर पर प्राप्त कर सकते हैं.

इन हाउस ड्रग बैंक MRP दरों की तुलना में 28 से 98 प्रतिशत कम कीमत पर दवाएं बेचता है.1993 में इन हाउस ड्रग बैंक का डॉ हरिहरन के नेतृत्व में परिचालन शुरू किया गया था. यह भारत में पहली बार था कि सरकारी स्वास्थ्य विभाग के तहत एक दवा बेचने वाले काउंटर ने MRP की तुलना में बहुत कम दर पर आम लोगों को दवाएं बेचना शुरू किया.

SAT इन हाउस ड्रग बैंक

कोरोना काल के दौरान, SAT ड्रग बैंक ने N 95 मास्क 10 रुपये और पीपीई किट 275 रुपये से 350 रुपये तक बेचकर क्रांति ला दी.

केरल में न्यूरोलॉजिकल, कार्डियोलॉजिकल और नेफ्रोलॉजिकल समस्याओं के लिए दवाओं पर निर्भर व्यक्तियों की संख्या बहुत अधिक है. इन दवाओं की कीमत भी आम तौर पर उच्च होती है, और ज्यादातर आम लोगों पहुंच से बाहर होती है. दवा बैंक ऐसे लोगों के लिए एक राहत है, जो उपलब्ध न्यूनतम दर पर अपनी नियमित दवाएं खरीद सकते हैं.

औसतन दिन में 3500 से 4000 से अधिक मरीज SAT इन हाउस ड्रग बैंक तक पहुंचते हैं. कोविड लॉकडाउन अवधि के दौरान, SAT के पास 1.68 करोड़ रुपये की दवाओं की रिकॉर्ड बिक्री थी.

एसएटी ड्रग बैंक में औसत दैनिक राजस्व लगभग 90 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक है.

एसएटी इन हाउस ड्रग बैंक ने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी प्रवेश कर चुका है.

SAT आईएचडीबी केरल के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में और उपचारात्मक देखभाल सहित अन्य स्वास्थ्य योजनाओं के लिए दवाएं उपलब्ध करा रहा है.

दवा की बिक्री में आईएचडीबी की लगातार वृद्धि के पीछे SAT आईएचडीबी के मुख्य फार्मासिस्ट ए बीजू का हाथ माना जाता है.

बीजू का कहना है कि अगर दैनिक बिक्री की मात्रा अधिक रहती है, तो दवा कंपनियां स्टॉक को न्यूनतम दर पर उपलब्ध कराने के लिए तैयार रहती है. उन्होंने कहा कि कंपनियों के साथ सौदेबाजी और शीघ्र भुगतान अन्य कारक हैं जिन्होंने सफलता में मदद की, वास्तविक लाभ जनता के लिए है.

पढ़ें- पांच माह से कोरोना संक्रमित, 31 बार निकली पाॅजिटिव फिर भी स्वस्थ

SATगोल्डन जुबली भवन जिसकी लागत 3.5 करोड़ थी, को आईएचडीबी के लाभ शेयर का उपयोग करके बनाया गया था.

बीजू कहते हैं कि दवा की बिक्री कोई आसान व्यवसाय नहीं है. उन्हें अजनबियों से कई बार धमकी मिली है.

भारत की पहली आधुनिक फार्मेसी

SAT, IHDB भारत की पहली आधुनिक फार्मेसी बनने के लिए तैयार है. इसके लिए निर्माण में 5 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, यहां रोगियों को व्यक्तिगत परामर्श दिया जाएगा, और सभी दवाओं के बारे में जानने के लिए जनता के लिए एक कीओस्क (kiosk )स्थापित किया जाएगा.

अलग-अलग स्वास्थ्य स्थितियों, एटीएम काउंटर, दवाओं को खरीदने के लिए कतारों में खड़े होने से बचने के लिए एक टोकन प्रणाली, दवाओं को घर पर पहुंचाने की ऑनलाइन सुविधा, नई बिल्डिंग में सभी सुविधा होगी.

अधिकांश लोग दवा के निर्देशों से अनजान हैं - किसी दवा को लेने के लिए कैसे और क्या नहीं खाएं या क्या न खांए और किस तरह स्वस्थय रहें. आधुनिक फार्मेसी इस अंतर को भरने और लोगों को इन सभी पहलुओं से अवगत कराने और स्वस्थ जीवन जीने का प्रस्ताव देती है.

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