तिरुवनंतपुरम: एसएफआई कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के आधिकारिक वाहन के शीशे पर हमला किया और राज्यपाल को काला झंडा दिखाया. राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस घटना ने पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है. राज्यपाल के खिलाफ एसएफआई के विरोध प्रदर्शन पर राजभवन ने मुख्य सचिव और राज्य पुलिस प्रमुख को पत्र लिखकर इस संबंध में जवाब तलब किया है.
राजभवन की ओर से राज्य सरकार के वरीष्ठ अधिकारियों से पूछा गया है कि राज्यपाल के वाहन को अवरुद्ध करने और उनकी आवाजाही की स्वतंत्रता को खतरे में डालने की कोशिश करने के बाद भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. फिलहाल दिल्ली में मौजूद राज्यपाल ने राजभवन के आला अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिये हैं. राजभवन का मानना है कि घटना के दौरान पुलिस प्रदर्शनकारियों को प्रभावी ढंग से रोकने और राज्यपाल को उचित सुरक्षा प्रदान करने में गंभीर रूप से विफल रही है.
इसके अलावा राजभवन ने इस बात को भी गंभीरता से लिया है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने के बजाय उन्हें गाड़ियों में सुरक्षित ले जाने की कोशिश की. राज्यपाल का आरोप है कि पुलिस ने राज्यपाल की यात्रा में बाधा डालने की साजिश रची.
दूसरी ओर पुलिस ने बताया कि घटना के बाद 18 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है. उनमें से 11 आरोपियों पर सरकारी अधिकारियों के काम में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. जानकारी के मुताबिक राजभवन इस मामले में राज्यपाल की यात्रा में बाधा और उनकी सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए आईपीसी की धारा 124 के तहत मामला दर्ज करने की भी मांग कर सकता है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि अगर डीवाईएफआई-एसएफआई गिरोह राज्यपाल के कार्यक्रम को बाधित करने की कोशिश करेंगे तो बीजेपी कार्यकर्ता उन्हें पूरी सुरक्षा देंगे. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष तिरुवनंतपुरम में मीडिया से रूबरू हो रहे थे. पुलिस की एफआईआर में अभी भी हमलावरों की हरकतों का जिक्र नहीं है, जिनका उद्देश्य राज्यपाल के वाहन पर हमला करना था.