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केरल चुनाव: कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा या अस्तित्व की लड़ाई?

केरल विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए काफी महत्वपूर्ण होने जा रहा है. यहां से कांग्रेस की जीत राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करेगा. इस मामले पर ईटीवी भारत संवाददाता नियामिका सिंह से बात करते हुए केरल के प्रभारी तारिक अनवर ने कहा कि कांग्रेस का भाग्य केरल और असम पर निर्भर है, जहां उसने चुनाव अभियानों में पार्टी के शीर्ष नोताओं के के साथ पूरी ताकत झोंक दी. कांग्रेस ने अब न सिर्फ हिंदी भाषित प्रदेशों में , बल्कि अन्य राज्यों जैसे ओडिशा, तेलंगाना और अब पश्चिम बंगाल में भी भाजपा को विरोधी का स्थान दिया है.

राहुल
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Published : Apr 6, 2021, 6:07 PM IST

Updated : Apr 6, 2021, 7:40 PM IST

नई दिल्ली : केरल में मंगलवार को को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा है. यहां विधानसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी, खासकर राहुल गांधी के लिए जोड़ो या तोड़ो की लड़ाई बन गया है. यह एक ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस किसी भी नुकसान से बचने के कोशिश कर रही है, क्योंकि कोरल का चुनाव देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर लड़ाई के लिए आगे की राह तय कर सकती है.

इतनी ही नहीं यह संदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बयान में भी स्पष्ट रूप से दिखाई दिया, जो केरल में विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर जारी किया गया था.

उन्होंने अपने बयान में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि केरल के लोग यूडीएफ को वोट देंगे, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी को मजबूत होगी.

प्रियंका ने लोगों से कहा कि केरल में यूडीएफ के लिए मतदान करके, आप राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए भी मतदान करेंगे. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस उन विभाजनकारी ताकतों का सामना कर सकती है जो भारतके सामने खड़ी हैं.

तारिक अनवर का बयान

इस मामले पर ईटीवी भारत से बात करते हुए केरल के प्रभारी तारिक अनवर ने कहा कि सोनिया गांधी ने अपने संदेश में जो कहा है वह बिल्कुल सही है.

पूरा देश केरल के चुनावों की ओर देख रहा है क्योंकि यह माना जाता है कि यदि कांग्रेस राज्य में सत्ता में आएगी, तो निश्चित रूप से राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी को लाभ होगा.

कांग्रेस का भाग्य केरल और असम पर निर्भर है, जहां उसने चुनाव अभियानों में पार्टी के शीर्ष नोताओं के के साथ पूरी ताकत झोंक दी. कांग्रेस ने अब न सिर्फ हिंदी भाषित प्रदेशों में , बल्कि अन्य राज्यों जैसे ओडिशा, तेलंगाना और अब पश्चिम बंगाल में भी भाजपा को विरोधी का स्थान दिया है.

इसलिए केरल में जीत कांग्रेस को गति दे सकती है. यह जीत राहुल के विचार के प्रति विश्वास की भावना भी जगाएगा, जिन्होंने इस विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों से लेकर प्रचार रणनीति तक सभी क्षेत्रों में कुछ प्रयोग किए हैं.

तारिक अनवर ने आगे कहा कि हम (कांग्रेस) सोचते हैं कि केरल चुनाव पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. हमें भी भरोसा है कि यूडीएफ राज्य में सरकार बनाएगी.

केरल में जीत राहुल गांधी के लिए प्रतिष्ठा का विषय भी है, क्योंकि वे वायनाड से लोकसभा सांसद हैं. इसलिए राहुल गांधी के लिए राज्य का अपना महत्व है.

उन्होंने कहा कि केरल और असम में कांग्रेस की सत्ता में आने की संभावनाएं सबसे अधिक हैं.

पार्टी ने राज्य में बड़े पैमाने पर प्रचार किया है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर की लोकप्रियता को देखते हुए, उनको लोगों की समस्याओं के बारे में जानने और प्रत्येक अनुभाग के साथ बातचीत करने की जिम्मेदारी दी गई, जिसके आधार पर कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र तैयार किया.

इस कदम से केरल में कांग्रेस मजबूत हुई है. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार से और कांग्रेस और बहतर हुई है.

अनवर ने आगे कहा कि पिछले पांच साल से यहां एलडीएफ की सरकार है. इस समय अवधि के दौरान घोटालों का विकास हुआ है, जिसमें गोल्ड माइनिंग मामला भी शामिल है, जिसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय भी संदेह के घेरे में आ गया है, लोग इस सरकार से निराश हैं.

पढ़ें - देश में बढ़ी कोरोना संक्रमितों की संख्या, महाराष्ट्र में सबसे अधिक 58% मामले

इसके अलावा एलडीएफ अपने वादों को पूरा करने में पूरी तरह से विफल रहा है, जो उन्होंने पिछले चुनावों के दौरान किए थे. अब वे स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के मामले में केरल को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक और कार्यकाल की मांग कर रहे हैं, लेकिन केरल के लोगों ने महसूस किया कि एलडीएफ सरकार ने राज्य के लिए कुछ भी नहीं किया.

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं और हमें विश्वास है कि यूडीएफ केरल में सरकार बनाने जा रहा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि लोगों ने हमारे घोषणापत्र को बहुत गंभीरता से लिया है. साथ ही, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी द्वारा किए गए चुनाव प्रचार ने केरल राज्य पर एक मजबूत प्रभाव डाला है.

दो मई को कांग्रेस पार्टी के लिए आंतरिक मामलों के लिए भी एक महत्वपूर्ण दिन होगा.

नई दिल्ली : केरल में मंगलवार को को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा है. यहां विधानसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी, खासकर राहुल गांधी के लिए जोड़ो या तोड़ो की लड़ाई बन गया है. यह एक ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस किसी भी नुकसान से बचने के कोशिश कर रही है, क्योंकि कोरल का चुनाव देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर लड़ाई के लिए आगे की राह तय कर सकती है.

इतनी ही नहीं यह संदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बयान में भी स्पष्ट रूप से दिखाई दिया, जो केरल में विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर जारी किया गया था.

उन्होंने अपने बयान में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि केरल के लोग यूडीएफ को वोट देंगे, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी को मजबूत होगी.

प्रियंका ने लोगों से कहा कि केरल में यूडीएफ के लिए मतदान करके, आप राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए भी मतदान करेंगे. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस उन विभाजनकारी ताकतों का सामना कर सकती है जो भारतके सामने खड़ी हैं.

तारिक अनवर का बयान

इस मामले पर ईटीवी भारत से बात करते हुए केरल के प्रभारी तारिक अनवर ने कहा कि सोनिया गांधी ने अपने संदेश में जो कहा है वह बिल्कुल सही है.

पूरा देश केरल के चुनावों की ओर देख रहा है क्योंकि यह माना जाता है कि यदि कांग्रेस राज्य में सत्ता में आएगी, तो निश्चित रूप से राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी को लाभ होगा.

कांग्रेस का भाग्य केरल और असम पर निर्भर है, जहां उसने चुनाव अभियानों में पार्टी के शीर्ष नोताओं के के साथ पूरी ताकत झोंक दी. कांग्रेस ने अब न सिर्फ हिंदी भाषित प्रदेशों में , बल्कि अन्य राज्यों जैसे ओडिशा, तेलंगाना और अब पश्चिम बंगाल में भी भाजपा को विरोधी का स्थान दिया है.

इसलिए केरल में जीत कांग्रेस को गति दे सकती है. यह जीत राहुल के विचार के प्रति विश्वास की भावना भी जगाएगा, जिन्होंने इस विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों से लेकर प्रचार रणनीति तक सभी क्षेत्रों में कुछ प्रयोग किए हैं.

तारिक अनवर ने आगे कहा कि हम (कांग्रेस) सोचते हैं कि केरल चुनाव पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. हमें भी भरोसा है कि यूडीएफ राज्य में सरकार बनाएगी.

केरल में जीत राहुल गांधी के लिए प्रतिष्ठा का विषय भी है, क्योंकि वे वायनाड से लोकसभा सांसद हैं. इसलिए राहुल गांधी के लिए राज्य का अपना महत्व है.

उन्होंने कहा कि केरल और असम में कांग्रेस की सत्ता में आने की संभावनाएं सबसे अधिक हैं.

पार्टी ने राज्य में बड़े पैमाने पर प्रचार किया है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर की लोकप्रियता को देखते हुए, उनको लोगों की समस्याओं के बारे में जानने और प्रत्येक अनुभाग के साथ बातचीत करने की जिम्मेदारी दी गई, जिसके आधार पर कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र तैयार किया.

इस कदम से केरल में कांग्रेस मजबूत हुई है. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार से और कांग्रेस और बहतर हुई है.

अनवर ने आगे कहा कि पिछले पांच साल से यहां एलडीएफ की सरकार है. इस समय अवधि के दौरान घोटालों का विकास हुआ है, जिसमें गोल्ड माइनिंग मामला भी शामिल है, जिसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय भी संदेह के घेरे में आ गया है, लोग इस सरकार से निराश हैं.

पढ़ें - देश में बढ़ी कोरोना संक्रमितों की संख्या, महाराष्ट्र में सबसे अधिक 58% मामले

इसके अलावा एलडीएफ अपने वादों को पूरा करने में पूरी तरह से विफल रहा है, जो उन्होंने पिछले चुनावों के दौरान किए थे. अब वे स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के मामले में केरल को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक और कार्यकाल की मांग कर रहे हैं, लेकिन केरल के लोगों ने महसूस किया कि एलडीएफ सरकार ने राज्य के लिए कुछ भी नहीं किया.

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं और हमें विश्वास है कि यूडीएफ केरल में सरकार बनाने जा रहा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि लोगों ने हमारे घोषणापत्र को बहुत गंभीरता से लिया है. साथ ही, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी द्वारा किए गए चुनाव प्रचार ने केरल राज्य पर एक मजबूत प्रभाव डाला है.

दो मई को कांग्रेस पार्टी के लिए आंतरिक मामलों के लिए भी एक महत्वपूर्ण दिन होगा.

Last Updated : Apr 6, 2021, 7:40 PM IST
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