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केरल पुलिस की अनूठी पहल, अधिकारियों को दे रही सांकेतिक भाषा की ट्रेनिंग

अब तक आपने मूक-बधिरों की सुविधा अनुसार थाने में व्यवस्था कराने की खबरें सुनी और पढ़ी होंगी, लेकिन अब से पुलिस अधिकारियों को सांकेतिक भाषा की ट्रेनिंग दिये जाने की बात सामने आई है. ऐसी अनूठी पहल केरल पुलिस की ओर से की गई है. किस थाने में इस पहल की शुरुआत हुई है, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

केरल पुलिस
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Published : Jul 30, 2022, 7:45 PM IST

कोझिकोड : पुलिस थानों को दिव्यांगों के अनुकूल बनाने की दिशा में केरल पुलिस ने अभिनव उपाय निकाला है. पुलिस अधिकारियों को यहां सांकेतिक भाषा समझने की ट्रेनिंग दी जा रही है. केरल पुलिस विभाग का यह अपनी तरह का पहला प्रयास माना जा रहा है. कोझीकोड शहर की पुलिस ने कम्पोजिट रीजनल सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट (CRC), चेवयूर की तकनीकी मदद से इस कार्यक्रम की शुरुआत की है.

प्रथम चरण में नगर पुलिस सीमा के अंतर्गत प्रत्येक थाने के चार पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इस तरह की पहल से उन लोगों को मदद मिलेगी, जो थाने में अपनी शिकायत या बयान बोलकर दर्ज करने में असमर्थ होते हैं. वहीं, कोर्ट में भी मूक-बधिर व्यक्तियों के बयानों पर तभी वैध कहलाते हैं, जब वह किसी विशेषज्ञ द्वारा समझकर पेश किया जाता है तथा पुलिस उन बयानों को रिकॉर्ड करने के लिए ऐसे विशेषज्ञों पर ही निर्भर करती है. इसके अलावा, पुलिस अधिकारियों को ऐसे दिव्याग जब पुलिस के पास अपनी शिकायतें लेकर आते हैं, तब उनकी समस्याओं को समझने में बहुत कठिनाई होती है.

केरल पुलिस की अनूठी पहल

पिछले दो दिनों से 100 से अधिक पुलिस अधिकारियों ने सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण लिया है. इसके अलावा, वे 14 दिनों के सर्टिफिकेट कोर्स में भी शामिल होंगे. अब तक, दिव्यांगों के लिए अनुकूल पुलिस थानों की अवधारणा केवल उनके अनुकूल भौतिक आधारभूत संरचना प्रदान करने तक ही सीमित थी. पुलिस विभाग ने उनसे संचार के मूल मुद्दे पर कभी ध्यान नहीं दिया था. विशेष शाखा सहायक आयुक्त ए उमेश ने कहा कि इस कार्यक्रम को राज्य के सभी पुलिस थानों में विस्तारित करने और सभी पुलिस थानों को दिव्यांगों के अनुकूल बनाने का विचार किया गया है.

कोझिकोड : पुलिस थानों को दिव्यांगों के अनुकूल बनाने की दिशा में केरल पुलिस ने अभिनव उपाय निकाला है. पुलिस अधिकारियों को यहां सांकेतिक भाषा समझने की ट्रेनिंग दी जा रही है. केरल पुलिस विभाग का यह अपनी तरह का पहला प्रयास माना जा रहा है. कोझीकोड शहर की पुलिस ने कम्पोजिट रीजनल सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट (CRC), चेवयूर की तकनीकी मदद से इस कार्यक्रम की शुरुआत की है.

प्रथम चरण में नगर पुलिस सीमा के अंतर्गत प्रत्येक थाने के चार पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इस तरह की पहल से उन लोगों को मदद मिलेगी, जो थाने में अपनी शिकायत या बयान बोलकर दर्ज करने में असमर्थ होते हैं. वहीं, कोर्ट में भी मूक-बधिर व्यक्तियों के बयानों पर तभी वैध कहलाते हैं, जब वह किसी विशेषज्ञ द्वारा समझकर पेश किया जाता है तथा पुलिस उन बयानों को रिकॉर्ड करने के लिए ऐसे विशेषज्ञों पर ही निर्भर करती है. इसके अलावा, पुलिस अधिकारियों को ऐसे दिव्याग जब पुलिस के पास अपनी शिकायतें लेकर आते हैं, तब उनकी समस्याओं को समझने में बहुत कठिनाई होती है.

केरल पुलिस की अनूठी पहल

पिछले दो दिनों से 100 से अधिक पुलिस अधिकारियों ने सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण लिया है. इसके अलावा, वे 14 दिनों के सर्टिफिकेट कोर्स में भी शामिल होंगे. अब तक, दिव्यांगों के लिए अनुकूल पुलिस थानों की अवधारणा केवल उनके अनुकूल भौतिक आधारभूत संरचना प्रदान करने तक ही सीमित थी. पुलिस विभाग ने उनसे संचार के मूल मुद्दे पर कभी ध्यान नहीं दिया था. विशेष शाखा सहायक आयुक्त ए उमेश ने कहा कि इस कार्यक्रम को राज्य के सभी पुलिस थानों में विस्तारित करने और सभी पुलिस थानों को दिव्यांगों के अनुकूल बनाने का विचार किया गया है.

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