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24 साल से केवल नारियल खा रहे हैं बालाकृष्णन, आज तक नहीं हुई कोई बीमारी - Kerala Coconut Board

क्या कोई इंसान 24 साल तक केवल नारियल खाकर जीवित रह सकता है ? सुनने में यह भले ही मुश्किल काम लगे, लेकिन केरल में ऐसा हुआ है. एक सीनियर सिटीजन पिछले 24 वर्षों से केवल नारियल खाकर जीवित हैं. जानिए क्या है मामला

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केवल नारियल खा रहे हैं बालाकृष्णन
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Published : Jan 17, 2022, 11:40 PM IST

कासरगोड : 63 साल के बालकृष्णन पलायी (Balakrishnan Palayi) केरल नारियल बोर्ड (Kerala Coconut Board) के ब्रांड एंबेसडर बन सकते हैं. बालकृष्णन ने पिछले 24 सालों से कच्चे नारियल (diet of tender coconuts) के अलावा कुछ नहीं खाया. नारियल के आहार पर जीवित बालकृष्णन इस उम्र में भी स्वस्थ और पुष्ट हैं.

बालकृष्णन बताते हैं कि उन्होंने गत 24 साल से नारियल के अलावा कुछ नहीं खाया. वह प्रतिदिन दो या तीन कच्चे नारियल खाते थे. वह पीलिककोड के कृषि अनुसंधान केंद्र से नारियल का साप्ताहिक कोटा खरीदते हैं. एक नारियल के लिए 25 रुपये का भुगतान करते हैं.

केरल के खाद्य प्रेमी बालकृष्णन (kerala food lover Balakrishnan) ने नारियल को अपना आहार उस समय बनाया, जब उन्हें भोजन नली में एक दुर्लभ बीमारी का पता चला. उन्हें 30 साल पहले इस बीमारी का पता चला था. उसके बाद, उनका पाचन धीमा हो गया. बालकृष्णन को किसी भी भोजन पदार्थ को निगलने में काफी समय लगता था.

बालाकृष्णन बताते हैं कि डॉक्टर ने उन्हें सुझाव दिया कि वह कोमल नारियल खाएं. इसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वे बताते हैं कि आहार में केवल कोमल-नारियल खाने से उन्हें किसी प्रकार की कोई कमजोर नहीं है. बालकृष्णन केरल पुलिस बल में और बाद में राजस्व विभाग में भी सेवाएं दे चुके हैं. वह एक उत्साही एथलीट हैं.

यह भी पढ़ें- Andhra groom 365 edible items : दिल खोलकर हुआ दामाद का सत्कार, परोसे गए 365 व्यंजन

केरल के बालाकृष्णन ने 52 साल की उम्र में नेशनल सिविल सर्विस मीट में और 2010 में मलेशिया में आयोजित मास्टर्स मीट में लंबी दूरी की दौड़ में पदक जीते थे. अब वह अपने मूल निवास पर नौकरी के इच्छुक युवा उम्मीदवारों को प्रशिक्षण देते हैं. कासरगोड और कन्नूर के कई लोग उनके शिष्य हैं. बालाकृष्णन को एक बार लेप्टोस्पायरोसिस होने के अलावा, पिछले 24 वर्षों में कभी कोई संक्रमण नहीं हुआ है.

कासरगोड : 63 साल के बालकृष्णन पलायी (Balakrishnan Palayi) केरल नारियल बोर्ड (Kerala Coconut Board) के ब्रांड एंबेसडर बन सकते हैं. बालकृष्णन ने पिछले 24 सालों से कच्चे नारियल (diet of tender coconuts) के अलावा कुछ नहीं खाया. नारियल के आहार पर जीवित बालकृष्णन इस उम्र में भी स्वस्थ और पुष्ट हैं.

बालकृष्णन बताते हैं कि उन्होंने गत 24 साल से नारियल के अलावा कुछ नहीं खाया. वह प्रतिदिन दो या तीन कच्चे नारियल खाते थे. वह पीलिककोड के कृषि अनुसंधान केंद्र से नारियल का साप्ताहिक कोटा खरीदते हैं. एक नारियल के लिए 25 रुपये का भुगतान करते हैं.

केरल के खाद्य प्रेमी बालकृष्णन (kerala food lover Balakrishnan) ने नारियल को अपना आहार उस समय बनाया, जब उन्हें भोजन नली में एक दुर्लभ बीमारी का पता चला. उन्हें 30 साल पहले इस बीमारी का पता चला था. उसके बाद, उनका पाचन धीमा हो गया. बालकृष्णन को किसी भी भोजन पदार्थ को निगलने में काफी समय लगता था.

बालाकृष्णन बताते हैं कि डॉक्टर ने उन्हें सुझाव दिया कि वह कोमल नारियल खाएं. इसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वे बताते हैं कि आहार में केवल कोमल-नारियल खाने से उन्हें किसी प्रकार की कोई कमजोर नहीं है. बालकृष्णन केरल पुलिस बल में और बाद में राजस्व विभाग में भी सेवाएं दे चुके हैं. वह एक उत्साही एथलीट हैं.

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केरल के बालाकृष्णन ने 52 साल की उम्र में नेशनल सिविल सर्विस मीट में और 2010 में मलेशिया में आयोजित मास्टर्स मीट में लंबी दूरी की दौड़ में पदक जीते थे. अब वह अपने मूल निवास पर नौकरी के इच्छुक युवा उम्मीदवारों को प्रशिक्षण देते हैं. कासरगोड और कन्नूर के कई लोग उनके शिष्य हैं. बालाकृष्णन को एक बार लेप्टोस्पायरोसिस होने के अलावा, पिछले 24 वर्षों में कभी कोई संक्रमण नहीं हुआ है.

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