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मानवबलि: ऐसी प्रथाओं पर लगाम कसने CPI(M) ने नए कानून की वकालत की

वामपंथी दल के राज्य सचिवालय ने बुधवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि मनुष्य की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली इस प्रकार की घटना को केवल कानून से नहीं रोका जा सकता, बल्कि इस तरह की प्रथाओं के खिलाफ समाज में एक मुहिम चलाने और जागरुकता पैदा की आवश्यकता है.

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Published : Oct 13, 2022, 4:38 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) ने राज्य में कथित मानव बलि की घटना की कड़ी निंदा करते हुए अंधविश्वास से जुड़ी इस प्रकार की प्रथाओं को रोकने के लिए एक नए कानून की आवश्यकता पर बल दिया है और इस संबंधी मौजूदा कानूनों को सख्ती से लागू करने का आग्रह किया है. वामपंथी दल के राज्य सचिवालय ने बुधवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि मनुष्य की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली इस प्रकार की घटना को केवल कानून से नहीं रोका जा सकता, बल्कि इस तरह की प्रथाओं के खिलाफ समाज में एक मुहिम चलाने और जागरुकता पैदा की आवश्यकता है.

इसमें कहा गया है कि पथनमथिट्टा के एलंथूर में 'जादू टोने के चलते हत्या' के इस मामले ने राज्य में मौजूद अंधविश्वास की गंभीरता और खतरे के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई की आवश्यकता को उजागर किया है. वामदल ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में केवल पिछले साल अंधविश्वास के कारण 73 हत्याएं की गईं. उसने कहा कि किसी ने नहीं सोचा होगा कि केरल जैसे राज्य में ऐसी घटना होगी. बयान में कहा गया, 'पार्टी अंतरात्मा को झकझोर देने वाली इस घटना की कड़ी निंदा करती है.'

माकपा ने कहा, 'मौजूदा कानूनों को सख्ती से लागू करने के अलावा, यदि आवश्यक हो तो, एक नया कानून लाने पर भी विचार किया जाना चाहिए.' बहरहाल, पार्टी के राज्य सचिवालय ने दूसरे आरोपी भागवल सिंह के सत्तारूढ़ दल के साथ कथित संबंध को लेकर राजनीतिक विरोधियों द्वारा लगाए गए आरोपों पर चुप्पी साधे रखी.

(पीटीआई-भाषा)

तिरुवनंतपुरम : केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) ने राज्य में कथित मानव बलि की घटना की कड़ी निंदा करते हुए अंधविश्वास से जुड़ी इस प्रकार की प्रथाओं को रोकने के लिए एक नए कानून की आवश्यकता पर बल दिया है और इस संबंधी मौजूदा कानूनों को सख्ती से लागू करने का आग्रह किया है. वामपंथी दल के राज्य सचिवालय ने बुधवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि मनुष्य की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली इस प्रकार की घटना को केवल कानून से नहीं रोका जा सकता, बल्कि इस तरह की प्रथाओं के खिलाफ समाज में एक मुहिम चलाने और जागरुकता पैदा की आवश्यकता है.

इसमें कहा गया है कि पथनमथिट्टा के एलंथूर में 'जादू टोने के चलते हत्या' के इस मामले ने राज्य में मौजूद अंधविश्वास की गंभीरता और खतरे के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई की आवश्यकता को उजागर किया है. वामदल ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में केवल पिछले साल अंधविश्वास के कारण 73 हत्याएं की गईं. उसने कहा कि किसी ने नहीं सोचा होगा कि केरल जैसे राज्य में ऐसी घटना होगी. बयान में कहा गया, 'पार्टी अंतरात्मा को झकझोर देने वाली इस घटना की कड़ी निंदा करती है.'

माकपा ने कहा, 'मौजूदा कानूनों को सख्ती से लागू करने के अलावा, यदि आवश्यक हो तो, एक नया कानून लाने पर भी विचार किया जाना चाहिए.' बहरहाल, पार्टी के राज्य सचिवालय ने दूसरे आरोपी भागवल सिंह के सत्तारूढ़ दल के साथ कथित संबंध को लेकर राजनीतिक विरोधियों द्वारा लगाए गए आरोपों पर चुप्पी साधे रखी.

(पीटीआई-भाषा)

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