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केरल हाईकोर्ट ने सीएम विजयन, बेटी वीणा समेत कई नेताओं को भेजा नोटिस

केरल उच्च न्यायालय ने कथित वित्तीय लेनदेन के मामले में शुक्रवार को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, उनकी बेटी टी वीणा और कुछ अन्य राजनीतिक नेताओं को नोटिस जारी किया है. जानिए क्या है पूरा मामला. Kerala High Court, Case of monthly quota controversy, Kerala High Court notice to Chief Minister.

Kerala High Court notice to Chief Minister
केरल हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 8, 2023, 7:05 PM IST

एर्नाकुलम: मासिक कोटा विवाद में केरल हाई कोर्ट ने निर्णायक कदम उठाया है. हाई कोर्ट ने विजिलेंस जांच की मांग वाली याचिका पर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और उनकी बेटी वीणा विजयन समेत 12 लोगों को नोटिस भेजने का आदेश दिया है.

उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, बेटी वीणा विजयन, पूर्व विपक्षी नेता और कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला और आईयूएमएल नेता पीके कुन्हालीकुट्टी सहित 12 लोगों के खिलाफ नोटिस भेजा है, जिनका याचिकाकर्ता ने जिक्र किया था.

ये है मामला: विवाद तब शुरू हुआ जब आयकर विवाद निवारण बोर्ड ने पाया कि एक निजी कंपनी द्वारा मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी को 1.72 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. रमेश चेन्निथला, पी.के. कुन्हालीकुट्टी सहित नेताओं को भी सीएमआरएल से धन प्राप्त करते पाया गया. तब विधायक मैथ्यू कुझालनदान ने मामला उठाया और मुख्यमंत्री और उनकी बेटी पर आरोप लगाए. हालांकि इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने का कदम उठाया गया था, लेकिन मैथ्यू कुज़लनाड के भाषण को विधानसभा रिकॉर्ड से हटा दिया गया था.

सीएमआरएल कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा आयकर विभाग के अंतरिम बोर्ड ऑफ सेटलमेंट को दिए गए बयान के अनुसार, उन्हें उद्यमी वीना विजयन या उनकी कंपनी से कोई विशेष सेवा नहीं मिली है. दस्तावेज़ों से यह भी पता चलता है कि दोनों पक्षों के नेताओं को कंपनी से पैसा मिला है. आयकर विभाग द्वारा जब्त किए गए नोटों में नेताओं के संक्षिप्त नाम हैं. कलामसेरी के मूल निवासी गिरीश बाबू ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच की मांग करते हुए सतर्कता अदालत का दरवाजा खटखटाया. लेकिन निगरानी कोर्ट ने गिरीश बाबू की शिकायत खारिज कर दी.

बाद में, गिरीश बाबू ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. इस बीच शिकायतकर्ता की मृत्यु हो गई. गिरीश के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि उन्हें याचिका पर आगे बढ़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है क्योंकि शिकायतकर्ता की मृत्यु हो चुकी है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने एमिकस क्यूरी नियुक्त कर दिया. हाई कोर्ट का फैसला एमिकस क्यूरी की रिपोर्ट पर आधारित था कि मामला आगे बढ़ सकता है.

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उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, बेटी वीणा विजयन, पूर्व विपक्षी नेता और कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला और आईयूएमएल नेता पीके कुन्हालीकुट्टी सहित 12 लोगों के खिलाफ नोटिस भेजा है, जिनका याचिकाकर्ता ने जिक्र किया था.

ये है मामला: विवाद तब शुरू हुआ जब आयकर विवाद निवारण बोर्ड ने पाया कि एक निजी कंपनी द्वारा मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी को 1.72 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. रमेश चेन्निथला, पी.के. कुन्हालीकुट्टी सहित नेताओं को भी सीएमआरएल से धन प्राप्त करते पाया गया. तब विधायक मैथ्यू कुझालनदान ने मामला उठाया और मुख्यमंत्री और उनकी बेटी पर आरोप लगाए. हालांकि इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने का कदम उठाया गया था, लेकिन मैथ्यू कुज़लनाड के भाषण को विधानसभा रिकॉर्ड से हटा दिया गया था.

सीएमआरएल कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा आयकर विभाग के अंतरिम बोर्ड ऑफ सेटलमेंट को दिए गए बयान के अनुसार, उन्हें उद्यमी वीना विजयन या उनकी कंपनी से कोई विशेष सेवा नहीं मिली है. दस्तावेज़ों से यह भी पता चलता है कि दोनों पक्षों के नेताओं को कंपनी से पैसा मिला है. आयकर विभाग द्वारा जब्त किए गए नोटों में नेताओं के संक्षिप्त नाम हैं. कलामसेरी के मूल निवासी गिरीश बाबू ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच की मांग करते हुए सतर्कता अदालत का दरवाजा खटखटाया. लेकिन निगरानी कोर्ट ने गिरीश बाबू की शिकायत खारिज कर दी.

बाद में, गिरीश बाबू ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. इस बीच शिकायतकर्ता की मृत्यु हो गई. गिरीश के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि उन्हें याचिका पर आगे बढ़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है क्योंकि शिकायतकर्ता की मृत्यु हो चुकी है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने एमिकस क्यूरी नियुक्त कर दिया. हाई कोर्ट का फैसला एमिकस क्यूरी की रिपोर्ट पर आधारित था कि मामला आगे बढ़ सकता है.

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