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केरल HC ने NBA के खिलाफ केंद्र की कठोर कार्रवाई पर लगाई रोक

नए आईटी नियमों के खिलाफ केरल उच्च न्यायाल में एनबीए की ओर से दायर याचिका की शुक्रवार को सुनवाई हुई. अदालत ने कहा कि नए आईटी नियमों का पालन न करने पर एनबीए के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं हो सकती है.

केरल हाई कोर्ट
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Published : Jul 9, 2021, 1:16 PM IST

Updated : Jul 9, 2021, 4:02 PM IST

नई दिल्ली : न्यूज ब्रॉडकास्ट एसोसिएशन (News Broadcasters Association- NBA) के नए आईटी नियमों (New IT Rules) के खिलाफ केरल उच्च न्यायालय में दायर याचिका की शुक्रवार को सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने कहा कि नए आईटी नियमों का पालन न करने पर एनबीए के खिलाफ केंद्र सरकार कोई कठोर कार्रवाई नहीं कर सकती है. शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश में केंद्र सरकार को कार्रवाई से रोक दिया है.

जस्टिस पीबी सुरेश कुमार ने भी केंद्र सरकार को नए आईटी नियमों के तहत एनबीए के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया है.

बता दें कि न्यूज ब्रॉडकास्ट एसोसिएशन ने गुरुवार को बताया कि उसने केरल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों को चुनौती दी है, क्योंकि ये नियम सरकारी अधिकारियों को मीडिया की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of press) को 'अनुचित रूप से प्रतिबंधित' करने के लिए 'अत्यधिक अधिकार' प्रदान करते हैं.

पढ़ें : एनबीए ने नए आईटी नियमों को केरल हाई कोर्ट में दी चुनौती

एनबीए ने एक बयान जारी कर कहा कि आईटी नियमों के भाग III (डिजिटल मीडिया के संबंध में आचार संहिता, प्रक्रिया और सुरक्षा उपाय) को चुनौती दी गई है, क्योंकि वे 'डिजिटल समाचार मीडिया की सामग्री को विनियमित करने के लिए कार्यपालिका को निरंकुश और अत्यधिक अधिकार देने वाला निगरानी तंत्र' तैयार करने की शक्ति प्रदान करता है.

एनबीए की तरफ से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि आईटी नियम भारतीय संविधान द्वार अनुच्छेद 19(1) के तहत मीडिया को मिले अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन करते हैं. साथ ही एनबीए की तरफ से तर्क दिया गया गया कि नए आईटी नियम भारतीय संविधान के अनुच्छेछ 14 (कानून के समक्ष समानता) का उल्लंघन करते हैं और सूचना प्रद्योगिकी अधिनियम,2000 के भी विपरीत हैं.

इसके अलावा उन्होंने आईटी नियमों के तीसरे भाग को चुनौती दी जिसमें डिजिटल मीडिया के संबंध में आचार संहिता, प्रक्रिया और सुरक्षा उपाय का जिक्र है. क्योंकि यह डिजिटल समाचार मीडिया की सामग्री को विनियमित करने के लिए कार्यकारी को निरंकुश, बेलगाम और अत्यधिक अधिकार देने वाली निगरानी तंत्र बनाता है.

कई डिजिटल समाचार मीडिया प्लेटफॉर्म पहले ही विभिन्न उच्च न्यायालयों में 2021 के आईटी नियमों को चुनौती दे चुके हैं और केंद्र ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख कर उसे सभी याचिकाओं को अपने पास स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है.

नई दिल्ली : न्यूज ब्रॉडकास्ट एसोसिएशन (News Broadcasters Association- NBA) के नए आईटी नियमों (New IT Rules) के खिलाफ केरल उच्च न्यायालय में दायर याचिका की शुक्रवार को सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने कहा कि नए आईटी नियमों का पालन न करने पर एनबीए के खिलाफ केंद्र सरकार कोई कठोर कार्रवाई नहीं कर सकती है. शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश में केंद्र सरकार को कार्रवाई से रोक दिया है.

जस्टिस पीबी सुरेश कुमार ने भी केंद्र सरकार को नए आईटी नियमों के तहत एनबीए के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया है.

बता दें कि न्यूज ब्रॉडकास्ट एसोसिएशन ने गुरुवार को बताया कि उसने केरल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों को चुनौती दी है, क्योंकि ये नियम सरकारी अधिकारियों को मीडिया की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of press) को 'अनुचित रूप से प्रतिबंधित' करने के लिए 'अत्यधिक अधिकार' प्रदान करते हैं.

पढ़ें : एनबीए ने नए आईटी नियमों को केरल हाई कोर्ट में दी चुनौती

एनबीए ने एक बयान जारी कर कहा कि आईटी नियमों के भाग III (डिजिटल मीडिया के संबंध में आचार संहिता, प्रक्रिया और सुरक्षा उपाय) को चुनौती दी गई है, क्योंकि वे 'डिजिटल समाचार मीडिया की सामग्री को विनियमित करने के लिए कार्यपालिका को निरंकुश और अत्यधिक अधिकार देने वाला निगरानी तंत्र' तैयार करने की शक्ति प्रदान करता है.

एनबीए की तरफ से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि आईटी नियम भारतीय संविधान द्वार अनुच्छेद 19(1) के तहत मीडिया को मिले अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन करते हैं. साथ ही एनबीए की तरफ से तर्क दिया गया गया कि नए आईटी नियम भारतीय संविधान के अनुच्छेछ 14 (कानून के समक्ष समानता) का उल्लंघन करते हैं और सूचना प्रद्योगिकी अधिनियम,2000 के भी विपरीत हैं.

इसके अलावा उन्होंने आईटी नियमों के तीसरे भाग को चुनौती दी जिसमें डिजिटल मीडिया के संबंध में आचार संहिता, प्रक्रिया और सुरक्षा उपाय का जिक्र है. क्योंकि यह डिजिटल समाचार मीडिया की सामग्री को विनियमित करने के लिए कार्यकारी को निरंकुश, बेलगाम और अत्यधिक अधिकार देने वाली निगरानी तंत्र बनाता है.

कई डिजिटल समाचार मीडिया प्लेटफॉर्म पहले ही विभिन्न उच्च न्यायालयों में 2021 के आईटी नियमों को चुनौती दे चुके हैं और केंद्र ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख कर उसे सभी याचिकाओं को अपने पास स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है.

Last Updated : Jul 9, 2021, 4:02 PM IST
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