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केरल उच्च न्यायालय ने हाथी पुनर्वास केंद्र के निरीक्षण के लिए न्याय मित्र नियुक्त किया

केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने तिरुवनंतपुरम जिले के कोट्टूर में हाथी पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण करने और वहां उपलब्ध सुविधाओं के बारे में रिपोर्ट देने के लिए एक न्याय मित्र नियुक्त किया है.

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Published : Dec 28, 2021, 1:28 PM IST

Updated : Dec 28, 2021, 2:45 PM IST

कोच्चि (केरल): केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने तिरुवनंतपुरम जिले के कोट्टूर में हाथी पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण करने और वहां उपलब्ध सुविधाओं के बारे में रिपोर्ट देने के लिए एक न्याय मित्र नियुक्त किया है.

उच्च न्यायालय ने सस्थमकोट्टा श्री धर्म संस्था टेम्पल के 'सस्थमकोट्टा नीलाकंदन' नाम के एक हाथी की दुर्दशा के बारे में मीडिया में आयी खबरों पर 2018 में संज्ञान लिया था और उसी याचिका पर यह फैसला आया है.

उच्च न्यायालय के आदेशों पर इस हाथी को हाथी पुनर्वास केंद्र ले जाया गया और इलाज के दौरान वहां उसकी मौत हो गयी. इसके बाद अदालत ने पाया कि कोट्टूर केंद्र में पुनर्वास के दौरान हाथी को इलाज देने और उसकी देखभाल में खामियां रही.

अदालत ने यह भी कहा था कि कोट्टूर केंद्र में उपलब्ध सुविधाओं में सुधार लाने की बेहद आवश्यकता है क्योंकि यह केरल में इकलौता हाथी पुनर्वास केंद्र है. इसके बाद राज्य सरकार ने अदालत को बताया था कि कोट्टूर केंद्र को उन्नत किया जा रहा है और इसे 51 हेक्टेयर के क्षेत्र तक बढ़ाया जाएगा, जहां हाथियों को उत्कृष्ट सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएगी.

ये भी पढ़ें: केरल HC का सरकार को आदेश - मुठभेड़ में मारे गये दो माओवादियों के शव सुरक्षित रखें

इस पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने न्याय मित्र को 15 जनवरी 2022 को केंद्र का निरीक्षण करने का निर्देश दिया और मामले पर अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी की तारीख तय कर दी.

ये भी पढ़ें: केरल : हाई कोर्ट ने UAPA मामले में खारिज की माकपा कार्यकर्ताओं की जमानत याचिका

(भाषा)

कोच्चि (केरल): केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने तिरुवनंतपुरम जिले के कोट्टूर में हाथी पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण करने और वहां उपलब्ध सुविधाओं के बारे में रिपोर्ट देने के लिए एक न्याय मित्र नियुक्त किया है.

उच्च न्यायालय ने सस्थमकोट्टा श्री धर्म संस्था टेम्पल के 'सस्थमकोट्टा नीलाकंदन' नाम के एक हाथी की दुर्दशा के बारे में मीडिया में आयी खबरों पर 2018 में संज्ञान लिया था और उसी याचिका पर यह फैसला आया है.

उच्च न्यायालय के आदेशों पर इस हाथी को हाथी पुनर्वास केंद्र ले जाया गया और इलाज के दौरान वहां उसकी मौत हो गयी. इसके बाद अदालत ने पाया कि कोट्टूर केंद्र में पुनर्वास के दौरान हाथी को इलाज देने और उसकी देखभाल में खामियां रही.

अदालत ने यह भी कहा था कि कोट्टूर केंद्र में उपलब्ध सुविधाओं में सुधार लाने की बेहद आवश्यकता है क्योंकि यह केरल में इकलौता हाथी पुनर्वास केंद्र है. इसके बाद राज्य सरकार ने अदालत को बताया था कि कोट्टूर केंद्र को उन्नत किया जा रहा है और इसे 51 हेक्टेयर के क्षेत्र तक बढ़ाया जाएगा, जहां हाथियों को उत्कृष्ट सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएगी.

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इस पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने न्याय मित्र को 15 जनवरी 2022 को केंद्र का निरीक्षण करने का निर्देश दिया और मामले पर अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी की तारीख तय कर दी.

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(भाषा)

Last Updated : Dec 28, 2021, 2:45 PM IST
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