कोच्चि: केरल में हुए एक बस हादसे में पांच विद्यार्थियों सहित नौ लोगों के मारे जाने के एक दिन बाद केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने शुक्रवार को राज्य में सड़क और वाहन चलाने की संस्कृति में बदलाव की वकालत की. अदालत ने कहा कि वह लापरवाही से वाहन चलाने वालों और सड़क पर नागरिकों की जान को लेकर चिंतित है. गौरतलब है कि बुधवार को एक निजी पर्यटक बस ने केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) (Kerala State Road Transport Corporation) की बस में पीछे से टक्कर मार दी थी, जिससे नौ लोगों की मौत हो गई थी और 40 अन्य घायल हो गए थे.
न्यायमूर्ति दीवान रामचंद्रन ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए पुलिस और मोटर वाहन विभाग से रिपोर्ट तलब की. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि हादसे की खबर सुनना पीड़ादायक था. राज्य परिवहन आयुक्त एस. श्रीजीत अदालत के समक्ष पेश हुए और विभाग द्वारा सामना किए जा रहे विभिन्न मुद्दों और पहलुओं से अदालत को अवगत कराया. वह राज्य सड़क सुरक्षा आयुक्त की भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. अदालत ने रेखांकित किया कि मोटर वाहन विभाग सड़क नियमों का उल्लंघन करने के मामले में रोजाना चालान व मुकदमा कर रहा है, लेकिन उसका असर सड़क पर नहीं दिख रहा है.
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अदालत ने कहा कि 'सड़कों पर उल्लेखनीय नतीजे सामने नहीं दिख रहे हैं, क्योंकि अपराधी लगातार ऐसा कर रहे हैं, क्योंकि वे जानते हैं या उनका मानना है कि इसका गंभीर असर उन पर नहीं होगा.' न्यायमूर्ति रामचंद्रन ने परिवहन आयुक्त से कहा कि वह मोटर वाहन विभाग के अधिकारियों के जरिये कठोर कार्रवाई करें और चालकों को कड़ा संदेश दें कि लापरवाही से वाहन चलाने को सहन नहीं किया जाएगा और वे कानून के तहत जवाबदेह होंगे.
(पीटीआई-भाषा)