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केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान बोले- मोहम्मद अली जिन्ना की पाकिस्तान बनाने की मांग नाजायज थी

केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान अपनी बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं. इंदौर में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना की पाकिस्तान बनाने की मांग नाजायज थी. (arif mohammad khan Jinnah demand Pakistan illegitimate)उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में किसी को भी खुद को अल्पसंख्यक नहीं कहना चाहिए.

arif mohammad khan
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Published : Dec 17, 2021, 6:47 PM IST

इंदौर : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने एक बार फिर कहा है कि धर्म के आधार पर भारत का बंटवारा गलत था. ये जिन्ना की जिद थी, जिसके कारण पाकिस्तान बना. उस समय भी कई लोगों ने धर्म के आधार पर पाकिस्तान बनाने की मांग को नाजायज बताया था. (arif mohammad khan Jinnah demand Pakistan illegitimate) आज भी मेरा मानना है कि ये पूरी तरह गलत था.

'नाजायज थी जिन्ना की पाकिस्तान की मांग'

देशभर में धर्म और धार्मिक सहिष्णुता के मुद्दों पर अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भारत के बंटवारे को नाजायज करार दिया है. इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना को इस्लाम का कितना ज्ञान था, इसका पता उनकी किताबों में मिल जाता है. उस समय बंटवारे की मांग पर मौलाना आजाद दीवारों पर सर पटक पटक कर रह गए, कि पाकिस्तान की मांग धर्म के आधार पर जायज नहीं है.

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भारत के बंटवारे को नाजायज करार दिया

'भारत में अल्पसंख्यक सबसे ज्यादा सुरक्षित'

इंदौर आए आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यक समुदाय सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं.(17 december 2021 Arif Mohammad Khan statement indore ) उनके धर्म और रीति रिवाजों को यहां कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत एक संवैधानिक देश है. यहां मुसलमानों सहित किसी के भी मन में यह गुंजाइश नहीं रह जाती कि वो अल्पसंख्यक है. उसकी संस्कृति, पूजा पद्धति, रिवाज अथवा मान्यताओं को कोई खतरा नहीं है.

पढ़ेंः पंचतत्व में विलीन 'शौर्यवीर' ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, बैरागढ़ विश्राम घाट पर भाई ने दी मुखाग्रि

'हिंदुस्तान में कोई अल्पसंख्यक नहीं'

केरल के राज्यपाल ने कहा कि इस देश में सदियों से लोग मिल जुल कर रहते आए हैं. ऐसे में किसी के भी पहचान या संस्कृति पर संकट की बात बेमानी है. उन्होंने कहा भारत जैसे देश में खुद को अल्पसंख्यक मानना ही गलत है. उन्होंने पारसी समुदाय का जिक्र करते हुए कहा, (arif mohammad khan on muslims minorities 17 december 2021)कि पारसी समुदाय की संख्या तो अब एक लाख से घटकर सत्तर हजार रह गई है. जब उन्हें अपनी संस्कृति या अपने अस्तित्व को लेकर खतरा या आशंका नहीं होती, तो अन्य समुदाय के लोगों का ऐसा सोचना बेमानी है.

इंदौर : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने एक बार फिर कहा है कि धर्म के आधार पर भारत का बंटवारा गलत था. ये जिन्ना की जिद थी, जिसके कारण पाकिस्तान बना. उस समय भी कई लोगों ने धर्म के आधार पर पाकिस्तान बनाने की मांग को नाजायज बताया था. (arif mohammad khan Jinnah demand Pakistan illegitimate) आज भी मेरा मानना है कि ये पूरी तरह गलत था.

'नाजायज थी जिन्ना की पाकिस्तान की मांग'

देशभर में धर्म और धार्मिक सहिष्णुता के मुद्दों पर अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भारत के बंटवारे को नाजायज करार दिया है. इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना को इस्लाम का कितना ज्ञान था, इसका पता उनकी किताबों में मिल जाता है. उस समय बंटवारे की मांग पर मौलाना आजाद दीवारों पर सर पटक पटक कर रह गए, कि पाकिस्तान की मांग धर्म के आधार पर जायज नहीं है.

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भारत के बंटवारे को नाजायज करार दिया

'भारत में अल्पसंख्यक सबसे ज्यादा सुरक्षित'

इंदौर आए आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यक समुदाय सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं.(17 december 2021 Arif Mohammad Khan statement indore ) उनके धर्म और रीति रिवाजों को यहां कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत एक संवैधानिक देश है. यहां मुसलमानों सहित किसी के भी मन में यह गुंजाइश नहीं रह जाती कि वो अल्पसंख्यक है. उसकी संस्कृति, पूजा पद्धति, रिवाज अथवा मान्यताओं को कोई खतरा नहीं है.

पढ़ेंः पंचतत्व में विलीन 'शौर्यवीर' ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, बैरागढ़ विश्राम घाट पर भाई ने दी मुखाग्रि

'हिंदुस्तान में कोई अल्पसंख्यक नहीं'

केरल के राज्यपाल ने कहा कि इस देश में सदियों से लोग मिल जुल कर रहते आए हैं. ऐसे में किसी के भी पहचान या संस्कृति पर संकट की बात बेमानी है. उन्होंने कहा भारत जैसे देश में खुद को अल्पसंख्यक मानना ही गलत है. उन्होंने पारसी समुदाय का जिक्र करते हुए कहा, (arif mohammad khan on muslims minorities 17 december 2021)कि पारसी समुदाय की संख्या तो अब एक लाख से घटकर सत्तर हजार रह गई है. जब उन्हें अपनी संस्कृति या अपने अस्तित्व को लेकर खतरा या आशंका नहीं होती, तो अन्य समुदाय के लोगों का ऐसा सोचना बेमानी है.

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