तिरुवनंतपुरम: केरल सरकार और राज्यपाल के बीच खींचतान जारी है. केरल सरकार ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. केरल के मुख्य सचिव और कानून सचिव ने शीर्ष अदालत के समक्ष एक विशेष अनुमति याचिका दायर की है. याचिका केरल हाई कोर्ट के 2022 के आदेश के खिलाफ प्रस्तुत की गई थी, जिसमें बिलों को रोकने के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ एक याचिका खारिज कर दी गई थी.
मुख्य सचिव की ओर से दाखिल याचिका में सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि केरल के राज्यपाल को लंबित बिलों का निपटारा करने का निर्देश दिया जाए. केरल राज्य सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि राज्यपाल महत्वपूर्ण विधेयकों पर निर्णय में देरी करके केरल राज्य के लोगों और विधानसभा के साथ अन्याय कर रहे हैं. एक हफ्ते के भीतर यह दूसरी बार है, जब केरल सरकार राज्यपाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा रही है.
इस बीच सुप्रीम कोर्ट गुरुवार (9/11/23) को केरल के राज्यपाल और केंद्र सरकार के खिलाफ राज्य सरकार और विधायक टी.पी. रामकृष्णन द्वारा दायर एक ऐसी ही याचिका पर विचार करने वाला था. पिछले हफ्ते भी केरल सरकार ने शीर्ष अदालत में एक रिट याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राज्यपाल जानबूझकर राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर विचार करने में देरी कर रहे हैं.
राज्य ने बताया कि कुछ बिल 2 वर्षों से लंबित थे. राज्यपाल के पास कुल 8 बिल लंबित हैं. राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत से राज्यपाल को लंबित विधेयकों का जल्द से जल्द निपटारा करने का निर्देश देने का आग्रह किया. अपनी रिट याचिका में केरल सरकार ने दलील दी कि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहे हैं.
पिछले कुछ महीनों से केरल सरकार राज्यपाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए कानून विशेषज्ञों से परामर्श कर रही थी. रिट याचिका अनुभवी वकील और पूर्व अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने तैयार की थी. सरकार से मशहूर वकील फली एस नरीमन ने भी सलाह ली थी.