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केरल गोल्ड स्मगलिंग केस: तीसरी बार बढ़ा सीएम पिनराई विजयन के पूर्व प्रधान सचिव का निलंबन - मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन सचिव

ईडी के मुताबिक, केरल गोल्ड स्मगलिंग केस में सीएम के पूर्व प्रधान सचिव ने कथित तौर पर सोने की तस्करी मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश की मदद की थी. सरकार ने उनके निलंबन की अवधि को तीसरी बार बढ़ा दिया है.

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गोल्ड स्मगलिंग केस
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Published : Jul 10, 2021, 7:16 PM IST

तिरुवनंतपुरम: केरल के गोल्ड स्मगलिंग केस में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के पूर्व प्रधान सचिव एम. शिवशंकर का निलंबन एक बार फिर बढ़ा दिया गया है. सरकार ने उनके निलंबन की अवधि को तीसरी बार बढ़ाया है. चर्चित सोने की तस्करी मामले में मुख्य आरोपी के साथ कथित संबंध सामने आने के बाद राज्य सरकार ने उन्हें पिछले साल 16 जुलाई निलंबित कर दिया था.

पूर्व प्रधान सचिव पर मुख्य आरोपी की मदद का आरोप

प्रधान सचिव पद से निलंबन के तुरंत बाद, एनआईए, सीमा शुल्क और प्रवर्तन निदेशालय ने एम. शिवशंकर से कई दौर की पूछताछ की थी जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी. ईडी के मुताबिक, पूर्व प्रधान सचिव ने कथित तौर पर सोने की तस्करी मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश की मदद की थी.

16 जुलाई 2020 को हुए थे निलंबित

मुख्य सचिव और वित्त के अतिरिक्त मुख्य सचिव की एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर शिवशंकर को 16 जुलाई, 2020 को निलंबित कर दिया गया था. स्वप्ना को शिवशंकर की सिफारिश पर आईटी विभाग में नौकरी की पेशकश भी की गई थी.

इसे भी पढ़ें, केरल गोल्ड स्मगलिंग केस : केटी जलील के खिलाफ प्रदर्शन जारी

क्या है पूरा केस

केरल में गोल्ड स्मगलिंग का यह मामले में पिछले साल 5 जुलाई को तब सामने आया था जब राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित यूएई के वाणिज्य दूतावास से 30 किलो सोने का पैकेज कस्टम अधिकारियों ने सीज किया था. इस पैकेज को रिसीव करने आए यूएई के वाणिज्य दूतावास के पूर्व पीआरओ को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद मामले में यूएई के वाणिज्य दूतावास की पूर्व कर्मचारी स्वप्रा सुरेश को भी गिरफ्तार किया गया. स्वप्रा और संदीप नायर को एनआईए मे बेंगलुरु से पकड़ा था. मामले की जांच आगे बढ़ी जिसमें केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के पूर्व प्रधान सचिव एम. शिवशंकर को भी मामले में शामिल होने के आरोप में पकड़ा गया था.

16 जुलाई को खत्म होने वाली थी शिवशंकर की दूसरी निलंबन अवधि

सरकार ने हाल ही में शिवशंकर के मामले की पुन: जांच के लिए एक निलंबन समीक्षा समिति का गठन किया था. उनकी दूसरी निलंबन अवधि 16 जुलाई को समाप्त होने वाली थी. नियमों के मुताबिक, राज्य सरकार किसी भी आईएएस अधिकारी को आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने पर निलंबित कर सकती है. यह निलंबन एक साल के लिए होता है और केंद्र सरकार को सूचित करने के बाद राज्य सरकार निलंबन को एक और साल के लिए बढ़ा सकती है.

नियमों के मुताबिक ही केरल सरकार ने भी शिवशंकर के निलंबन को बढ़ाने के मामले में केंद्र को सूचित किया था जिसके बाद ही उनका निलंबन बढ़ाया गया है.

तिरुवनंतपुरम: केरल के गोल्ड स्मगलिंग केस में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के पूर्व प्रधान सचिव एम. शिवशंकर का निलंबन एक बार फिर बढ़ा दिया गया है. सरकार ने उनके निलंबन की अवधि को तीसरी बार बढ़ाया है. चर्चित सोने की तस्करी मामले में मुख्य आरोपी के साथ कथित संबंध सामने आने के बाद राज्य सरकार ने उन्हें पिछले साल 16 जुलाई निलंबित कर दिया था.

पूर्व प्रधान सचिव पर मुख्य आरोपी की मदद का आरोप

प्रधान सचिव पद से निलंबन के तुरंत बाद, एनआईए, सीमा शुल्क और प्रवर्तन निदेशालय ने एम. शिवशंकर से कई दौर की पूछताछ की थी जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी. ईडी के मुताबिक, पूर्व प्रधान सचिव ने कथित तौर पर सोने की तस्करी मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश की मदद की थी.

16 जुलाई 2020 को हुए थे निलंबित

मुख्य सचिव और वित्त के अतिरिक्त मुख्य सचिव की एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर शिवशंकर को 16 जुलाई, 2020 को निलंबित कर दिया गया था. स्वप्ना को शिवशंकर की सिफारिश पर आईटी विभाग में नौकरी की पेशकश भी की गई थी.

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क्या है पूरा केस

केरल में गोल्ड स्मगलिंग का यह मामले में पिछले साल 5 जुलाई को तब सामने आया था जब राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित यूएई के वाणिज्य दूतावास से 30 किलो सोने का पैकेज कस्टम अधिकारियों ने सीज किया था. इस पैकेज को रिसीव करने आए यूएई के वाणिज्य दूतावास के पूर्व पीआरओ को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद मामले में यूएई के वाणिज्य दूतावास की पूर्व कर्मचारी स्वप्रा सुरेश को भी गिरफ्तार किया गया. स्वप्रा और संदीप नायर को एनआईए मे बेंगलुरु से पकड़ा था. मामले की जांच आगे बढ़ी जिसमें केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के पूर्व प्रधान सचिव एम. शिवशंकर को भी मामले में शामिल होने के आरोप में पकड़ा गया था.

16 जुलाई को खत्म होने वाली थी शिवशंकर की दूसरी निलंबन अवधि

सरकार ने हाल ही में शिवशंकर के मामले की पुन: जांच के लिए एक निलंबन समीक्षा समिति का गठन किया था. उनकी दूसरी निलंबन अवधि 16 जुलाई को समाप्त होने वाली थी. नियमों के मुताबिक, राज्य सरकार किसी भी आईएएस अधिकारी को आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने पर निलंबित कर सकती है. यह निलंबन एक साल के लिए होता है और केंद्र सरकार को सूचित करने के बाद राज्य सरकार निलंबन को एक और साल के लिए बढ़ा सकती है.

नियमों के मुताबिक ही केरल सरकार ने भी शिवशंकर के निलंबन को बढ़ाने के मामले में केंद्र को सूचित किया था जिसके बाद ही उनका निलंबन बढ़ाया गया है.

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