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केरल में NIA कोर्ट ने प्रोफेसर का हाथ काटने मामले में 6 और आरोपियों को माना दोषी, सजा का एलान कल

प्रोफेसर टीजे जोसेफ की हाथ काटने के मामले में विशेष एनआईए अदालत ने छह आरोपियों को दोषी पाया है. अदालत ने पांच लोगों शफीक, अजीज, जुबैर, मोहम्मद रफी और मंसूर को बरी कर दिया. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 12, 2023, 1:40 PM IST

कोच्ची : थोडुपुझा न्यूमैन कॉलेज के शिक्षक प्रोफेसर टीजे जोसेफ का हाथ काटने के मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने छह आरोपियों को दोषी पाया है. इस मामले में पांच आरोपियों को बरी कर दिया गया है. अदालत ने सजल, नासिर, नजीब, नौशाद, मोइतीन कुंज और अयूब को दोषी पाया है. अदालत ने माना कि सजल साजिश समेत अपराध को अंजाम देने में प्रत्यक्ष भागीदार है. वहीं अदालत ने नासिर को मास्टरमाइंड माना है.

कोर्ट ने कहा कि आरोपी दया के पात्र नहीं हैं. अदालत गुरुवार यानी कल दोपहर 3 बजे इस मामले में सजा सुनाई जाएगी. इस मामले में आरोपी बनाये गये शफीक, अजीज, जुबैर, मोहम्मद रफी और मंसूर को बरी कर दिया गया है.

प्रोफेसर टीजे जोसेफ पर 23 मार्च 2010 को थोडुपुझा न्यूमैन कॉलेज में आयोजित परीक्षा के प्रश्नपत्र में कथित तौर पर ईशनिंदा करने का आरोप लगा था. जिसके बाद चार जुलाई 2010 को आरोपियों ने उनका हाथ काट दिया था. उनके ऊपर चर्च से लौटते समय हमला किया गया था.

मामले में एनआईए ने अपनी जांच के बाद कोर्ट को बताया था कि आरोपियों को अपराध के लिए विदेशी सहायता मिली थी. आरोपियों को घटना से पहले और बाद में स्थानीय समर्थन भी मिला. एनआईए ने इस मामले में कुल 31 लोगों को आरोपी बनाया था. 30 अप्रैल 2015 को कोच्चि की एनआईए अदालत ने 13 लोगों को दोषी पाया था. कोर्ट ने तब 18 लोगों को बरी कर दिया था.

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इस फैसले के बाद भी एनआईए ने कुछ और लोगों को गिरफ्तार किया था. दूसरे चरण में कुल 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा चला था. इन 11 में से छह आरोपियों को कोर्ट ने आज दोषी पाया. अदालत ने पाया कि दोषी करार दिये गये छह लोग प्रोफेसर टीजे जोसेफ की हत्या में सीधे तौर पर शामिल थे. एनआईए ने कोर्ट में कहा था कि सभी आरोपी प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट के कार्यकर्ता थे. जिनके ऊपर यूएपीए की धारायें लगाई गई थी.

कोच्ची : थोडुपुझा न्यूमैन कॉलेज के शिक्षक प्रोफेसर टीजे जोसेफ का हाथ काटने के मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने छह आरोपियों को दोषी पाया है. इस मामले में पांच आरोपियों को बरी कर दिया गया है. अदालत ने सजल, नासिर, नजीब, नौशाद, मोइतीन कुंज और अयूब को दोषी पाया है. अदालत ने माना कि सजल साजिश समेत अपराध को अंजाम देने में प्रत्यक्ष भागीदार है. वहीं अदालत ने नासिर को मास्टरमाइंड माना है.

कोर्ट ने कहा कि आरोपी दया के पात्र नहीं हैं. अदालत गुरुवार यानी कल दोपहर 3 बजे इस मामले में सजा सुनाई जाएगी. इस मामले में आरोपी बनाये गये शफीक, अजीज, जुबैर, मोहम्मद रफी और मंसूर को बरी कर दिया गया है.

प्रोफेसर टीजे जोसेफ पर 23 मार्च 2010 को थोडुपुझा न्यूमैन कॉलेज में आयोजित परीक्षा के प्रश्नपत्र में कथित तौर पर ईशनिंदा करने का आरोप लगा था. जिसके बाद चार जुलाई 2010 को आरोपियों ने उनका हाथ काट दिया था. उनके ऊपर चर्च से लौटते समय हमला किया गया था.

मामले में एनआईए ने अपनी जांच के बाद कोर्ट को बताया था कि आरोपियों को अपराध के लिए विदेशी सहायता मिली थी. आरोपियों को घटना से पहले और बाद में स्थानीय समर्थन भी मिला. एनआईए ने इस मामले में कुल 31 लोगों को आरोपी बनाया था. 30 अप्रैल 2015 को कोच्चि की एनआईए अदालत ने 13 लोगों को दोषी पाया था. कोर्ट ने तब 18 लोगों को बरी कर दिया था.

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इस फैसले के बाद भी एनआईए ने कुछ और लोगों को गिरफ्तार किया था. दूसरे चरण में कुल 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा चला था. इन 11 में से छह आरोपियों को कोर्ट ने आज दोषी पाया. अदालत ने पाया कि दोषी करार दिये गये छह लोग प्रोफेसर टीजे जोसेफ की हत्या में सीधे तौर पर शामिल थे. एनआईए ने कोर्ट में कहा था कि सभी आरोपी प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट के कार्यकर्ता थे. जिनके ऊपर यूएपीए की धारायें लगाई गई थी.

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