तिरुवनंतपुरम: रीढ़ की हड्डी की असाधारण बीमारी से जूझ रहे एक बच्चे के इलाज के लिए ‘क्राउड फंडिंग’ के माध्यम से 18 करोड़ रुपये की राशि जुटाए जाने के कुछ ही दिन बाद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह इसपर लगने वाले कर की राशि माफ कर दें. विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आयातित दवाओं को कर और सीमा शुल्क से छूट देने का अनुरोध किया है.
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में विजयन ने राज्य के कन्नूर जिले के रहने वाले 18 महीने के मोहम्मद की समस्या से विस्तार में अवगत कराया है. मोहम्मद का स्पाईनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) का इलाज चल रहा है और इसकी दवाओं पर कर सहित करीब 18 करोड़ रुपये का खर्च आना है. एसएमए एक दुर्लभ किस्म की बीमारी है.
यह रेखांकित करते हुए कि एसएमए के इलाज में उपयोग होने वाली दवाएं 'हद से ज्यादा महंगी' हैं और बच्चे के परिजन उसे खरीदने में अक्षम हैं, विजयन ने कहा कि इसपर 18 करोड़ रुपये का खर्च आने वाला है और इसका आयात अमेरिका से किया जाता है.
मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्र ने बताया कि कर सहित दवा की कीमत करीब 18 करोड़ रुपये पड़ने वाली है. हाल ही में कर माफी के लिए पत्र लिखने वाले माकपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य एल्माराम करीम ने कहा कि दवा को आयात करने पर करीब 6.5 करोड़ रुपये का कर लगने वाला है जिसमें 23 प्रतिशत आयात कर और 12 प्रतिशत जीएसटी (माल एवं वस्तु कर) शामिल हैं.
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मोदी को बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में एसएमए से पीड़ित मुंबई के पांच महीने के एक बच्चे को ऐसी छूट दी थी. उन्होंने कहा, 'मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप केंद्रीय वित्त मंत्रालय को जीवन रक्षक दवा 'जोल्गेन्स्मा' के आयात पर लगने वाले सीमा शुल्क कर और जीएसटी नहीं लगाने की दिशा कदम उठाने का निर्देश दें.'
विदेश से खरीदनी है दवा
इस दवा की खरीद विदेश से होनी है और इलाज करने वाली समिति ने राज्य सरकार से खरीद प्रक्रिया शुरू करने की सिफारिश की है. सोशल मीडिया पर मोहम्मद के इलाज के लिए पैसे जुटाने को 'क्राउड फंडिग' शुरू की गई और दुनिया भर से जरुरत भर की राशि महज एक सप्ताह में जमा कर ली गई.
इलाज समिति ने सोमवार को बताया कि इलाज के लक्ष्य से दान प्राप्त करने के लिए जो बैंक खाता खोला गया था उसमें 18 करोड़ रुपये से ज्यादा पहुंच गए हैं और लोगों से कहा गया है कि अब और धन जमा ना करें.
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