मलप्पुरम: जिले के तनूर में ओट्टमपुरुम थुवालथीरम बीच पर एक मनोरंजक नाव के डूब जाने से बड़ी त्रासदी हुई. इस हादसे में 22 की मौत हो गई. मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. नाव तट से 300 मीटर दूर डूब गई, जिसमें लगभग 35 यात्री सवार थे. 11 लोगों को बचा लिया गया. बचाए गए सात लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. हादसा बीती रात 7 बजे हुआ. मरने वालों में ज्यादातर मलप्पुरम जिले के तनूर और परप्पनंगडी के मूल निवासी हैं. नाव पलट गई और पूरी तरह डूब गई. बताया जा रहा है कि नाव में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे. घटनास्थल पर अभी भी तलाशी चल रही है. बीती रात रोशनी की कमी के कारण राहत बचाव अभियान बाधित हुआ. केरल में पर्यटक नौका हादसे के एक दिन बाद राज्य सरकार ने सोमवार को मामले में न्यायिक जांच का आदेश दिया और मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया. वहीं पुलिस ने नाव के मालिक नसर को कालीकट से गिरफ्तार कर लिया है. वह कल रात दर्दनाक हादसे के बाद तनूर से फरार हो गया था।.
छुट्टी का दिन होने के कारण पर्यटकों की संख्या अधिक थी. पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन आज घटना स्थल पहुंचेंगे. हादसे में 35 लोगों को ले जा रही एक नाव दुर्घटनाग्रस्त हो गई. नाव का मालिक फरार है. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया. मृतकों का पोस्टमॉर्टम शुरू कर दिया गया है. राज्य सरकार ने आज केरल में राजकीय शोक की घोषणा की है.
हादसे में घायल दस लोगों का इलाज चल रहा है. एनडीआरएफ और दमकल की स्कूबा टीम दुर्घटनास्थल की तलाशी ले रही है. दमकल दल ने कहा कि अंडरकरंट तलाशी में बाधा बन रही है. प्रारंभिक जानकारी यह है कि सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करते हुए यह नौका यात्रा की गई थी. पुलिस ने कहा कि दुर्घटना का कारण नाव में क्षमता से अधिक लोगों का सवार होना था. जांच में यह भी पाया गया कि नाव का परिचालन बगैर लाइसेंस के किया जा रहा था. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नाव अधिक वजन के कारण पलट गई. आरोप है कि नाव, जिसे 6 बजे सेवा बंद करनी थी, 7 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गई और नाव में सवार लोग लाइफ जैकेट का उपयोग नहीं कर रहे थे.
स्थानीय लोगों ने सबसे पहले बचाव अभियान शुरू किया. नाव कीचड़ में फंस गई थी और प्रकाश की कमी के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ गई. सेवा केटीडीसी की अनुमति के साथ एक डबल डेकर नाव द्वारा संचालित की गई थी. अधिकारियों का कहना है कि जिस क्षेत्र में नदी और समुद्र मिलते हैं वहां नाव सेवा संचालित करने के लिए एक निजी व्यक्ति को अनुमति दी गई है.
ये भी पढ़ें- केरल में पर्यटकों से भरी नाव समुद्र में डूबी, 22 की मौत
मृतकों में परपनंगडी की रहनेवाली सैथलवी की संतान सफना (7), शामना (17) और हुस्ना (18), मलप्पुरम मुंडूपरम निहास की बेटी हादी फातिमा (7), एविल बीच परपनंगडी का रहने वाला कुन्नुममल कुंजंबी (38), तनूर का सिद्दीक (35), उसकी बेटी फातिमा मिन्हा (12), जाबिर की पत्नी जलसिया (40), बेटा जरीर (12), परप्पनंगडी के मूल निवासी कुनुमल सीनाथ (38), परपनंगडी के रहने वाले सिराज के बच्चे रुशदा, नायरा, सरसा, कुनुमल रसीला, पेरिन्थालमन्ना का मूल निवासी नवाज का बेटा अहलाह (7) और पेरिंथलमन्ना निवासी अंशीद (9) शामिल हैं.
इसके अलावा परप्पनंगडी निवासी सिविल पुलिस अधिकारी सबरुद्दीन (38) की भी इस दुर्घटना में मौत हो गई. मलप्पुरम जिले के चार मंत्री और विधायक घटना स्थल पर डेरा डाले हुए हैं. वहीं तिरुरनगांडी तालुक अस्पताल में घायलों से मुलाकात करने के बाद यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इस दुर्घटना को ‘‘दुखद’’ बताया और कहा कि सरकार उपचाराधीन मरीजों के इलाज का खर्च वहन करेगी.
विजयन ने तानुर में सर्वदलीय बैठक के बाद जांच और मुआवजे की घोषणा की, जिसमें विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेताओं ने भी हिस्सा लिया था. विजयन ने कहा, 'सर्वदलीय बैठक में मामले में न्यायिक जांच को लेकर फैसला किया गया. जांच में अन्य मामलों के साथ नौका की सुरक्षा से संबंधित तकनीकी मुद्दों को शामिल किया जाएगा। तकनीकी विशेषज्ञों को शामिल करते हुए एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा. केरल पुलिस का एक विशेष जांच दल मामले में जांच करेगा.' उन्होंने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की.