पलक्कड़: अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए मन्नारक्कड़ की विशेष अदालत ने अट्टापदी मधु हत्या मामले में 14 लोगों को आईपीसी की धारा 304 (2) के तहत गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया है. कोर्ट सजा का एलान 5 अप्रैल को करेगा.
कोर्ट ने हुसैन मेचेरिल, माराकर, शम्सुद्दीन, राधाकृष्णन, अबू बकर, सिद्दीकी, उबैद, नजीब, जैजुमोन, सजीव, सतीश, हरीश, बीजू, मुनीर को दोषी पाया. उन्हें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी पाया गया है.
कोर्ट ने दो आरोपियों अनीश और अब्दुल करीम को बरी कर दिया है. आरोपियों के खिलाफ अवैध जमावड़े, अनुसूचित जनजाति पर अत्याचार और चोट पहुंचाने के आरोप भी तय किए गए हैं. फैसले के लिए तीन स्थगन के बाद आज फैसले पर विचार किया गया. पुलिस ने मधु की मां और बहन को विशेष सुरक्षा दी है.
ये है मामला : 22 फरवरी, 2018 को पलक्कड़ जिले के अट्टापदी चिंदाकी कॉलोनी के मल्लन और मल्ली के बेटे 30 वर्षीय मधु की भीड़ के हमले में मौत हो गई थी.
भीड़ ने मधु पर चोर होने का आरोप लगाते हुए उसे पकड़ लिया और अट्टापदी (आदिवासी गांव) के मुकाली में ले जाकर उसकी पिटाई कर दी. तभी पुलिस आ गई और मधु को हिरासत में ले लिया गया जब तक उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. अभियोजन पक्ष का कहना है कि मधु की मौत अभियुक्तों के हमले में लगी चोटों के कारण हुई थी.
कुछ आरोपियों ने मधु को पकड़े जाने और पीटे जाने के फुटेज को सोशल मीडिया पर वायरल किया था. अभियोजन पक्ष की ओर से सबूत के तौर पर ये वीडियो भी कोर्ट में पेश किए गए. मधु की मां ने 2022 में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था क्योंकि घटना के चार साल बाद भी मुकदमा शुरू नहीं हुआ था.
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