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केरल: 46वां वायलार पुरस्कार लेखक हरीश को, भाजपा ने फैसले की आलोचना की

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Published : Oct 9, 2022, 8:12 AM IST

मलयालम भाषा के प्रसिद्ध लेखक एस हरीश को उनके उपन्यास 'मीशा' के लिए 46वें वायलर रामवर्मा स्मृति साहित्य पुरस्कार से नवाजा जाएगा.

उपन्यास मीशा
उपन्यास मीशा

तिरुवनंतपुरम: मलयालम भाषा के प्रसिद्ध लेखक एस. हरीश को उनके उपन्यास 'मीशा' के लिए 46वें वायलर रामवर्मा स्मृति साहित्य पुरस्कार से नवाजा जाएगा. आयोजकों ने शनिवार को बताया कि वायलार रामवर्मा स्मृति न्यास द्वारा स्थापित प्रतिष्ठित पुरस्कार में एक लाख रुपये की नकद राशि, प्रसिद्ध मूर्तिकार कनाई कुन्हीरमन द्वारा तैयार एक मूर्ति और एक प्रशस्ति पत्र शामिल है. न्यास के एक सदस्य ने बताया कि पुरस्कार के लिए नाम का चयन एक विशेषज्ञ समिति द्वारा किया गया है, जिसमें सारा जोसेफ और वी रमनकुट्टी जैसे लेखक शामिल थे.

पढ़ें: आरएसएस प्रमुख के बयान पर ओवैसी ने कहा, जनसंख्या नियंत्रण की जरूरत नहीं

लेखक को यह पुरस्कार 27 अक्टूबर को यहां आयोजित होने वाले एक समारोह में प्रदान किया जाएगा. डीसी बुक्स द्वारा प्रकाशित उपन्यास में दक्षिणी राज्य के कुट्टनाड क्षेत्र में गरीब और शोषित लोगों के जीवन को दरसाया गया है. अंग्रेजी में 'मुस्टेच' के नाम से अनुवादित किताब को पहले केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार और साहित्य 2020 के लिए जेसीबी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इसबीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केरल इकाई ने हरीश को पुरस्कृत करने के आयोजकों और ज्यूरी के फैसले की आलोचना की है.

पढ़ें: सीबीआई ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भ्रष्टाचार के मामलों में पूछताछ की

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेन्द्रन ने कहा कि इससे पहले यह पुरस्कार ललिताम्बिका अनथार्जनम से लेकर बेन्नीयामिन जैसे लेखकों को उनके बेहतर काम के लिए पुरस्कृत किया जा चुका है लेकिन यह हरीश को उनके 'राजनीतिक रुख' को ध्यान में रख कर यह पुरस्कार दिया जा रहा है.

तिरुवनंतपुरम: मलयालम भाषा के प्रसिद्ध लेखक एस. हरीश को उनके उपन्यास 'मीशा' के लिए 46वें वायलर रामवर्मा स्मृति साहित्य पुरस्कार से नवाजा जाएगा. आयोजकों ने शनिवार को बताया कि वायलार रामवर्मा स्मृति न्यास द्वारा स्थापित प्रतिष्ठित पुरस्कार में एक लाख रुपये की नकद राशि, प्रसिद्ध मूर्तिकार कनाई कुन्हीरमन द्वारा तैयार एक मूर्ति और एक प्रशस्ति पत्र शामिल है. न्यास के एक सदस्य ने बताया कि पुरस्कार के लिए नाम का चयन एक विशेषज्ञ समिति द्वारा किया गया है, जिसमें सारा जोसेफ और वी रमनकुट्टी जैसे लेखक शामिल थे.

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लेखक को यह पुरस्कार 27 अक्टूबर को यहां आयोजित होने वाले एक समारोह में प्रदान किया जाएगा. डीसी बुक्स द्वारा प्रकाशित उपन्यास में दक्षिणी राज्य के कुट्टनाड क्षेत्र में गरीब और शोषित लोगों के जीवन को दरसाया गया है. अंग्रेजी में 'मुस्टेच' के नाम से अनुवादित किताब को पहले केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार और साहित्य 2020 के लिए जेसीबी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इसबीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केरल इकाई ने हरीश को पुरस्कृत करने के आयोजकों और ज्यूरी के फैसले की आलोचना की है.

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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेन्द्रन ने कहा कि इससे पहले यह पुरस्कार ललिताम्बिका अनथार्जनम से लेकर बेन्नीयामिन जैसे लेखकों को उनके बेहतर काम के लिए पुरस्कृत किया जा चुका है लेकिन यह हरीश को उनके 'राजनीतिक रुख' को ध्यान में रख कर यह पुरस्कार दिया जा रहा है.

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