नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को विधानसभा में प्रदर्शनकारी किसानों से मुलाकात की. इस दौरान कृषि कानूनों और इससे जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई.
बैठक के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि पश्चिमी यूपी के किसानों के साथ केंद्र के तीनों काले कानून को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. साथ ही कहा कि ये कानून किसानों के लिए मौत के वारंट की तरह हैं.
कानून वापस लेने की अपील की
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर इन कानूनों को लागू किया जाता है तो खेती कुछ कॉर्पोरेट्स के हाथों में होगी. साथ ही कहा कि 28 फरवरी को मेरठ में एक भव्य किसान पंचायत होने जा रही है, जहां इन कानूनों पर चर्चा की जाएगी और भारत सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की अपील की जाएगी.
एमएसपी के लिए कानून बनाने की मांग
वहीं, राष्ट्रीय जाट महासंघ के नेता रोहित जाखड़ ने कहा कि हम मांग करते हैं कि एमएसपी के लिए एक कानून बनाया जाए. काले कानूनों को रद्द कर स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशें पत्र में लागू की जाएं. जब तक ये मांगें पूरी नहीं होंगी किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध जारी रखेंगे और हम गांवों में नहीं जाएंगे.
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इस चर्चा में दिल्ली समेत आंदोलन में शामिल उत्तर प्रदेश के किसान संगठन भी शामिल थे. दोपहर के भोजन के साथ चल रही इस चर्चा में खेती-किसानी पर चर्चा के साथ कृषि के भविष्य पर भी बात हुई. बैठक में दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत और राजेंद्र पाल गौतम भी मौजूद थे.