अहमदाबाद : गुजरात के वलसाड के सिविल अस्पताल के शवगृह में तीन दिनों से 30 से अधिक शव रखे हुए हैं. परिजनों को इनके दाह संस्कार के लिए 36 घंटे तक का इंतजार करना पड़ रहा है. वलसाड के सिविल अस्पताल के शवगृह की हालत काफी खराब है. यहां पर अंतिम संस्कार के लिए शव को सौंपने से पहले मृत मरीजों के रिश्तेदारों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार करना पड़ता है. साथ ही यदि रोगी की रिपोर्ट से पता चलता है कि उसे व्यक्ति कोविड-19 था तो अस्पताल प्रशासन रिश्तेदारों को केवल शरीर को दूर से देखने की अनुमति देता है और उसे उन्हें नहीं सौंपा जाता है.
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हालत यह है कि अस्पताल के उप-कक्ष में प्लास्टिक की चादर में लपेटकर इन शवों को रखा गया है. लेकिन शवों का तीन -चार दिनों से निस्तारण नहीं हो सका है क्योंकि इनकी पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं आई है. हालांकि अस्पताल ने रविवार को कुछ शवों को मरीजों के परिजनों को सौंप दिया, जबकि कुछ अन्य शवों को अंतिम संस्कार के लिए भेज दिया.
कोरोना संक्रमण तेज होने से वलसाड के 370 बेड के सिविल अस्पताल में सभी पर कोरोना मरीज को रखा गया है. जबकि कई कोरोना मरीजों को इलाज के लिए बेड का इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं कुछ गंभीर रोगियों की इलाज के अभाव में तो कुछ की इलाज के दौरान मौत हो गई.
शव नहीं देने पर मृतकों के रिश्तेदार प्रशासन से नाराज
मृतकों के रिश्तेदार शव को लेने के लिए अस्पताल के बाहर इंतजार कर रहे हैं ताकि उसका दाह संस्कार किया जा सके. लेकिन इसके लिए उन्हें इंतजार करना पड़ता है क्योंकि अस्पताल शव उन्हें केवल तभी सौंपेगा जब यह पता चल जाएगा कि वह कोरोना संक्रमित नहीं था.
देर रात शव परिजनाें को सौंपे जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी
शव नहीं मिलने के परेशान मृतकों के परिजनों के आक्रोश के बाद अस्पताल प्रबंधन ने उन मरीजों के शव सौंप दिए जिनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी.