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Kashmir famous for sufism: मनोज सिन्हा बोले- कश्मीर सूफीवाद के लिए भी प्रसिद्ध है - उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सूफीवाद

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के एसकेआईसीसी में आयोजित सूफी सम्मेलन में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत केरल के राज्यपाल आरिफ खान ने कश्मीर में सूफीवाद को लेकर अपने विचार व्यक्त किए.

Kashmir is famous for sufism apart from fascinating landscape says Manoj Sinha
मनोज सिन्हा बोले- कश्मीर प्राकृतिक खूबसूरती के साथ सूफीवाद के लिए भी प्रसिद्ध है
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Published : Jul 28, 2023, 8:16 AM IST

Updated : Jul 28, 2023, 8:34 AM IST

कश्मीर में सूफीवाद

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (SKICC) में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भाग लिया. इस मौके पर उन्होंने कहा,'कश्मीर में सड़कों पर हिंसा, पथराव, हड़ताल आदि अब अतीत की बात हो गई है. कश्मीर घाटी न केवल अपनी सुंदरता और प्राकृतिक दृश्यों के लिए बल्कि भाईचारे और सूफीवाद और धार्मिक सहिष्णुता के लिए भी प्रसिद्ध है.

अपने संबोधन में मनोज सिन्हा ने कहा कि कश्मीर में सड़क पर हिंसा अब अतीत की बात हो गई है. उन्होंने कहा, 'सड़कों पर हिंसा, जो कभी यहां की आम बात थी, अब नहीं रही. हड़तालें यहां की आम बात थीं और आम लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ी.' उन्होंने कहा कि आज कश्मीर में शांति है.' उपराज्यपाल ने कहा, 'कश्मीर घाटी सूफियों की तपोस्थली और सूफीवाद का केंद्र है और सभी धर्मों का सम्मान करना कश्मीर की परंपरा रही है. मैं कहना चाहता हूं कि अगर इस्लाम दूध है तो हिंदू धर्म चीनी की तरह है और सभी के साथ समान व्यवहार करना ही असली सूफीवाद है और सूफीवाद का सबसे महत्वपूर्ण संदेश है.

भाईचारे के लिए कश्मीर से ज्यादा मशहूर कोई जगह नहीं है. सूफीवाद लोगों को एकजुट करता है और धर्म, जाति की दीवारों को तोड़ता है.' उन्होंने आगे कहा, 'आज कश्मीर में शांति है, विकास के लिए शांति जरूरी है. शांति के बिना विकास संभव नहीं है.' केरल के राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान ने कहा, 'यही कारण है कि आप शेख आलम हैं, न कि शेख अल-कश्मीर.' शेख नूरुद्दीन नूरानी की शिक्षाओं की प्रशंसा करते हुए, जिन्हें शेख आलम के नाम से जाना जाता है, केरल के राज्यपाल ने कहा, 'इस महान सूफी की शिक्षाओं का पालन करके, कोई सूफीवाद का सही अर्थ समझ सकता है.'

ये भी पढ़ें- Jammu And Kashmir News : अलगाववाद को बढ़ावा देने के आरोप में 32 और सरकारी कर्मचारियों की हो रही जांच

इससे पहले उपराज्यपाल ने श्रीनगर में तीन दशक से अधिक समय के बाद आठवीं मुहर्रम के शांतिपूर्ण जुलूस का जिक्र किया और कहा, 'कश्मीर में हिंसा अतीत का हिस्सा है और लोग शांति की सांस ले रहे हैं.' गौरतलब है कि प्रशासन इस पर गुरुवार को 34 साल बाद आठ मुहर्रम का जुलूस शहीदगंज से डलगेट होते हुए मौलाना आजाद रोड तक ले जाने की इजाजत दे दी गई, लेकिन प्रशासन ने सुबह छह बजे से आठ बजे तक ही जुलूस निकालने की सलाह दी.

कश्मीर में सूफीवाद

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (SKICC) में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भाग लिया. इस मौके पर उन्होंने कहा,'कश्मीर में सड़कों पर हिंसा, पथराव, हड़ताल आदि अब अतीत की बात हो गई है. कश्मीर घाटी न केवल अपनी सुंदरता और प्राकृतिक दृश्यों के लिए बल्कि भाईचारे और सूफीवाद और धार्मिक सहिष्णुता के लिए भी प्रसिद्ध है.

अपने संबोधन में मनोज सिन्हा ने कहा कि कश्मीर में सड़क पर हिंसा अब अतीत की बात हो गई है. उन्होंने कहा, 'सड़कों पर हिंसा, जो कभी यहां की आम बात थी, अब नहीं रही. हड़तालें यहां की आम बात थीं और आम लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ी.' उन्होंने कहा कि आज कश्मीर में शांति है.' उपराज्यपाल ने कहा, 'कश्मीर घाटी सूफियों की तपोस्थली और सूफीवाद का केंद्र है और सभी धर्मों का सम्मान करना कश्मीर की परंपरा रही है. मैं कहना चाहता हूं कि अगर इस्लाम दूध है तो हिंदू धर्म चीनी की तरह है और सभी के साथ समान व्यवहार करना ही असली सूफीवाद है और सूफीवाद का सबसे महत्वपूर्ण संदेश है.

भाईचारे के लिए कश्मीर से ज्यादा मशहूर कोई जगह नहीं है. सूफीवाद लोगों को एकजुट करता है और धर्म, जाति की दीवारों को तोड़ता है.' उन्होंने आगे कहा, 'आज कश्मीर में शांति है, विकास के लिए शांति जरूरी है. शांति के बिना विकास संभव नहीं है.' केरल के राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान ने कहा, 'यही कारण है कि आप शेख आलम हैं, न कि शेख अल-कश्मीर.' शेख नूरुद्दीन नूरानी की शिक्षाओं की प्रशंसा करते हुए, जिन्हें शेख आलम के नाम से जाना जाता है, केरल के राज्यपाल ने कहा, 'इस महान सूफी की शिक्षाओं का पालन करके, कोई सूफीवाद का सही अर्थ समझ सकता है.'

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इससे पहले उपराज्यपाल ने श्रीनगर में तीन दशक से अधिक समय के बाद आठवीं मुहर्रम के शांतिपूर्ण जुलूस का जिक्र किया और कहा, 'कश्मीर में हिंसा अतीत का हिस्सा है और लोग शांति की सांस ले रहे हैं.' गौरतलब है कि प्रशासन इस पर गुरुवार को 34 साल बाद आठ मुहर्रम का जुलूस शहीदगंज से डलगेट होते हुए मौलाना आजाद रोड तक ले जाने की इजाजत दे दी गई, लेकिन प्रशासन ने सुबह छह बजे से आठ बजे तक ही जुलूस निकालने की सलाह दी.

Last Updated : Jul 28, 2023, 8:34 AM IST
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