मुरादाबाद: पखवाड़ा थानाक्षेत्र में एक अपराधी के साथ पुलिस की मुठभेड़ (mordabad police encounter) हुई. ये अपराधी चेकिंग के दौरान भागने की कोशिश कर रहा था. पुलिस ने इस बदमाश को पैर में गोली मार दी. अपराधी की पहचान जफर के रूप में हुई है. जो ठाकुरद्वारा/काशीपुर में पुलिस कर्मियों पर हमले के मामले में वांछित था. उस पर 1 लाख रुपये का इनाम था. जफर को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.
काशीपुर के कुंडा मुठभेड़ (Kashipur Shootout Case) को लेकर चर्चा में आए खनन माफिया जफर पर मुरादाबाद एडीजी जोन राजकुमार ने शुक्रवार को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख का इनाम घोषित कर दिया था. इसके साथ ही एडीजी ने कहा था कि जफर को शरण देने वाले को भी दोषी माना जाएगा. उसके विरुद्ध अपराधी को संरक्षण देने की धारा में कार्रवाई की जाएगी. जफर की गिरफ्तारी के लिए पांच अलग-अलग टीमें बनाई गई थीं.
मुरादाबाद एसएसपी हेमंत कुटियाल ने बताया कि पुलिस की कई टीमें जफर को पकड़ने के लिए लगातार दबिश दे रही थीं. शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुरादाबाद दौरे के मद्देनज़र सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था. शनिवार सुबह पाकबड़ा थाने की पुलिस वाहनों की चेकिंग कर थी. उस दौरान एक बाइक सवार को रोकने का प्रयास किया गया, जब उसने बाइक नहीं रोकी तो पुलिस ने उसका पीछा किया. बाइक सवार ने पुलिस पर फायरिंग की.
उन्होंने कहा कि इसके जबाब में पुलिस ने भी फायरिंग की. इसमें बाइक सवार के पैर में गोली लगी और वह गिर गया. जब पुलिस ने उसका हेलमेट उतरवाया, तो उसने बताया कि वह जफर है. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम होने के वजह से पुलिस उनके कार्यक्रम में व्यस्त होगी. इस मौके का फायदा उठाकर वो दिल्ली भागने की फिराक में था. पुलिस ने जफर को उपचार के लिए मुरादाबाद जिला अस्पताल भर्ती करा दिया.
12 अक्टूबर को मुरादाबाद की ठाकुरद्वारा पुलिस खनन माफिया जफर की तलाश में थी. पुलिस ने उसकी घेराबंदी की तो उसने एसओजी टीम पर फायर झोंक दिया. आरोपी का पीछा करते-करते पुलिस उत्तराखंड के कुंडा पहुंच गई. आरोपी एक घर में छिप गया. एसओजी टीम ने जब वहां दबिश दी, तब बवाल बढ़ गया. क्षेत्रीय लोगों ने पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी.
फायरिंग में ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख की पत्नी की मौत हो गई और दो पुलिसकर्मियों को भी गोली लगी थी. घटना के बाद उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश की पुलिस आमने-सामने आ गयी थी. आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा था.
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