कोलकाता: कोरोना के फर्जी वैक्सीनेशन (Kolkata Fake Vaccination Racket) को लेकर राजनीति तेज हो गई है. इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टी भाजपा (Bengal BJP) की ओर से 5 जुलाई को कोलकाता नगर निगम के सामने विरोध-प्रदर्शन किया गया था. हालांकि, बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बीच रास्ते में ही रोक दिया गया था और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया. ऐसे में बीजेपी अब इसी मुद्दे पर लगातार तीन दिनों तक पश्चिम बंगाल के सभी जिलों में अपने विरोध-प्रदर्शन (Protest) करने के साथ-साथ अन्य मांगों को लेकर दबाव बनाने की योजना बना रही है.
बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में कोलकाता के मुरलीधर सेन लेन में पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि पार्टी की महिला और युवा शाखा पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व करेगी. इस कार्यक्रम के तहत भगवा खेमा जिलाधिकारियों, अनुमंडला अधिकारियों और प्रखंड विकास अधिकारियों के कार्यालयों के सामने विरोध-प्रदर्शन आयोजित करेगा. इसके पहले कोविड-19 के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए पूरे इंतजाम करने के बाद ही विरोध-प्रदर्शनों का आयोजन होगा.
पढ़ें: कोलकाता: कोरोना टीकाकरण के फर्जी वैक्सीनेशन केस की जांच प्रक्रिया सवालों के घेरे में
भाजपा के प्रदेश महासचिव सायंतन बसु ने कहा कि इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए भाजपा की महिला एवं युवा शाखा के नेताओं को विशेष निर्देश दिए गए हैं. इस दौरान अपनी मांगों के संबंध में पार्टी की ओर से सभी जिलाधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा. कहा कि आंदोलन का कार्यक्रम भाजपा के सभी 39 संगठनात्मक जिलों में आयोजित होगा. इन कार्यक्रमों में भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे.
नकली टीकाकरण शिविर के अलावा, टीका वितरण में अनियमितताओं से संबंधित अन्य मुद्दों को भी उठाया जाएगा. क्योंकि लगभग सभी जिला और ब्लॉक स्तर के अस्पतालों में टीकाकरण के लिए लंबी कतार देखी जा रही है और टीके को लेकर बिचौलियों के साथ बंदरबाट के भी आरोप लगते रहते हैं. दरअसल, राज्य के अलग-अलग इलाकों में लोगों में राज्य सरकार की कार्यशैली को लेकर असंतोष व्याप्त है. तो यह अब एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा है और हम नहीं चाहते कि यह मुद्दा शांत हो जाए.