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हिमाचल प्रदेश : कंगना रनौत के बाद बैंबू आर्टिस्ट करतार सिंह सौंखले पद्मश्री से सम्मानित - बैंबू आर्टिस्ट करतार सिंह सौंखले

हिमाचल प्रदेश के दो कलाकारों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री से सम्मानित किया है. पहले हिमाचल की बेटी कंगना रनौत को, इसके बाद बैंबू आर्ट के लिए हमीरपुर निवासी करतार सिंह सौंखले को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. प्रदेश की जनता के लिए यह बड़े ही गर्व का विषय है.

बैंबू आर्टिस्ट करतार सिंह सौंखले पद्मश्री से सम्मानित
बैंबू आर्टिस्ट करतार सिंह सौंखले पद्मश्री से सम्मानित
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Published : Nov 9, 2021, 8:17 PM IST

शिमला : हिमाचल की बेटी और मशहूर फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के बाद बोतल में कलाकृतियां तैयार करने वाले हमीरपुर जिले के नादौन के नौहंगी निवासी बैंबू आर्टिस्ट करतार सिंह सौंखले को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. प्रदेश को दो अलग-अलग क्षेत्रों में पद्मश्री मिलना बड़े ही सम्मान की बात है.

करतार सिंह सौंखले अपनी पत्नी सुनीता और बेटे केतन के साथ सोमवार को ही दिल्ली में पहुंचे. करतार सिंह सौंखले को बैंबू आर्ट के लिए पद्मश्री सम्मान से मिला है. उन्हें इससे पहले कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है. एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड ने उन्हें ग्रैंड मास्टर, इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड ने उन्हें एक्सीलेंसी अवॉर्ड से सम्मानित किया है.

इसी साल गणतंत्र दिवस के मौके पर करतार सिंह को उनकी कला को देखते हुए पद्मश्री देने की घोषणा की गई थी. लॉकडाउन के बाद जुलाई में करतार सिंह सौंखला जी के हुनर को पहचानते हुए ईटीवी भारत ने करतार सिंह की कला को आम जनता तक पहुंचाने में एक छोटी सी कोशिश की थी. करतार सिंह सौंखला की मानें तो उन्हें बचपन से ही कुछ अलग करने की चाहत थी, इसलिए उन्होंने ऐसी कलाकृतियों का निर्माण शीशे की बोतल के अंदर किया, लेकिन मंच न मिलने के कारण करतार सिंह की यह कला धूमिल होती जा रही है.

आपको बता दें कि करतार सिंह सौंखला मार्च में ही एनआईटी हमीरपुर से स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ फार्मासिस्ट के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. उन्हें बचपन से ही कुछ अलग करने का शौक रहा है. वर्ष 2000 में मन में उठे बचपन के शौक के चलते शीशे की बोतल में बांस से निर्मित डिजाइन तैयार कर दिया और उसके बाद सिलसिला जारी रहा.

करतार सिंह अब तक सैकड़ों बोतल में विभिन्न कलाकृतियां बनाकर तैयार की गई हैं, जिनको देखकर लोग प्रशंसा करते हैं. हालांकि करतार सिंह की इन कलाकृतियों की प्रदर्शनी प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में भी लग चुके हैं, जहां पर हर किसी ने इसकी सराहना की है. पीएम मोदी, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की कलाकृतियां भी बनाई.

पढ़ें - तरुण गोगोई को मरणोपरांत पद्म भूषण, पत्नी बोलीं- 'पति के योगदान को मिली मान्यता'

वहीं, करतार सिंह सौंखला ने बताया कि कलाकृतियां बनाने का शौक बचपन से रहा है, लेकिन लॉकडाउन के चलते पीएम मोदी, सीएम जयराम ठाकुर, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की बोतल में कलाकृतियां बनाई हैं, जिन्हें उन्होंने घर में मौजूदा बांस से बनाया है.

करतार सिंह की पत्नी सुनीता ने बताया कि पहले उन्हें इस तरह के काम करते हुए बेकार लगता था, लेकिन अब लोगों की सराहना मिलने पर अच्छा लगता है. उन्होंने कहा कि बांस के टुकड़े को तराश कर बोतल में कलाकृति बनाना बहुत कठिन काम है. करतार सिंह की प्रदेश सरकार से मांग है कि बैंबू आर्ट को बढ़ावा देने के लिए छोटे-छोटे स्थानों पर बैंबू आर्ट ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएं और टूरिज्म से जोड़ा जाए, ताकि युवा इसका फायदा उठा सकें.

शिमला : हिमाचल की बेटी और मशहूर फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के बाद बोतल में कलाकृतियां तैयार करने वाले हमीरपुर जिले के नादौन के नौहंगी निवासी बैंबू आर्टिस्ट करतार सिंह सौंखले को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. प्रदेश को दो अलग-अलग क्षेत्रों में पद्मश्री मिलना बड़े ही सम्मान की बात है.

करतार सिंह सौंखले अपनी पत्नी सुनीता और बेटे केतन के साथ सोमवार को ही दिल्ली में पहुंचे. करतार सिंह सौंखले को बैंबू आर्ट के लिए पद्मश्री सम्मान से मिला है. उन्हें इससे पहले कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है. एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड ने उन्हें ग्रैंड मास्टर, इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड ने उन्हें एक्सीलेंसी अवॉर्ड से सम्मानित किया है.

इसी साल गणतंत्र दिवस के मौके पर करतार सिंह को उनकी कला को देखते हुए पद्मश्री देने की घोषणा की गई थी. लॉकडाउन के बाद जुलाई में करतार सिंह सौंखला जी के हुनर को पहचानते हुए ईटीवी भारत ने करतार सिंह की कला को आम जनता तक पहुंचाने में एक छोटी सी कोशिश की थी. करतार सिंह सौंखला की मानें तो उन्हें बचपन से ही कुछ अलग करने की चाहत थी, इसलिए उन्होंने ऐसी कलाकृतियों का निर्माण शीशे की बोतल के अंदर किया, लेकिन मंच न मिलने के कारण करतार सिंह की यह कला धूमिल होती जा रही है.

आपको बता दें कि करतार सिंह सौंखला मार्च में ही एनआईटी हमीरपुर से स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ फार्मासिस्ट के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. उन्हें बचपन से ही कुछ अलग करने का शौक रहा है. वर्ष 2000 में मन में उठे बचपन के शौक के चलते शीशे की बोतल में बांस से निर्मित डिजाइन तैयार कर दिया और उसके बाद सिलसिला जारी रहा.

करतार सिंह अब तक सैकड़ों बोतल में विभिन्न कलाकृतियां बनाकर तैयार की गई हैं, जिनको देखकर लोग प्रशंसा करते हैं. हालांकि करतार सिंह की इन कलाकृतियों की प्रदर्शनी प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में भी लग चुके हैं, जहां पर हर किसी ने इसकी सराहना की है. पीएम मोदी, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की कलाकृतियां भी बनाई.

पढ़ें - तरुण गोगोई को मरणोपरांत पद्म भूषण, पत्नी बोलीं- 'पति के योगदान को मिली मान्यता'

वहीं, करतार सिंह सौंखला ने बताया कि कलाकृतियां बनाने का शौक बचपन से रहा है, लेकिन लॉकडाउन के चलते पीएम मोदी, सीएम जयराम ठाकुर, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की बोतल में कलाकृतियां बनाई हैं, जिन्हें उन्होंने घर में मौजूदा बांस से बनाया है.

करतार सिंह की पत्नी सुनीता ने बताया कि पहले उन्हें इस तरह के काम करते हुए बेकार लगता था, लेकिन अब लोगों की सराहना मिलने पर अच्छा लगता है. उन्होंने कहा कि बांस के टुकड़े को तराश कर बोतल में कलाकृति बनाना बहुत कठिन काम है. करतार सिंह की प्रदेश सरकार से मांग है कि बैंबू आर्ट को बढ़ावा देने के लिए छोटे-छोटे स्थानों पर बैंबू आर्ट ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएं और टूरिज्म से जोड़ा जाए, ताकि युवा इसका फायदा उठा सकें.

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