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Karnatka Hizab Row: कोर्ट से फैसला होने तक हर छात्र को तय ड्रेस में ही स्कूल और कॉलेज आना है: शिक्षा मंत्री बीसी नागेश

कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश (Karnataka Education Minister BC Nagesh) ने कहा कि कर्नाटक शिक्षा अधिनियम 2013 और 2018 के अनुसार, सभी शैक्षणिक संस्थानों को अपना गणवेश तय करने की शक्ति दी गई है. लेकिन एक शर्त है कि गणवेश को कम से कम पांच साल जारी रखना होगा. सरकार जल्द इस पर अपने निर्णय की घोषणा करेगी.

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Published : Feb 4, 2022, 10:45 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश (Karnataka Education Minister BC Nagesh) ने कहा कि चूंकि हिजाब का मुद्दा कोर्ट में है इसलिए हर छात्र को स्कूल और कॉलेज में तय गणवेश में ही आना है. मीडिया से बात करते हुए, मंत्री नागेश ने कहा कि कानून विभाग और शिक्षा विभाग ने आज मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर सलाह दी है. हम जल्द ही इस पर सरकार के फैसले के बारे में महाधिवक्ता की राय लेकर अदालत को सूचित करेंगे.

कर्नाटक शिक्षा अधिनियम 2013 और 2018 (Karnataka Education Act 2013 and 2018) के अनुसार, सभी शैक्षणिक संस्थानों को अपना गणवेश तय करने की शक्ति दी गई है. लेकिन एक शर्त है कि गणवेश को कम से कम पांच साल जारी रखना होगा. सरकार जल्द इस पर अपने निर्णय की घोषणा करेगी. लेकिन छात्रों को स्कूल विकास और निगरानी समिति (School Development and Monitoring Committee (SDMC)) द्वारा इस शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में उच्च न्यायालय के फैसले तक एक समान नियमों का पालन करना चाहिए. यह स्पष्ट है कि छात्रों को हिजाब और भगवा शॉल पहनकर स्कूल परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है.

पढ़ेंः कर्नाटक हिजाब विवाद: अपनी मांग पर अड़ी छात्राएं

कोई भी अपने धार्मिक विचारों को शिक्षण संस्थानों पर नहीं थोप (Religious views on educational institutions) सकता है. बच्चे इतनी रुचि के साथ स्कूल आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों और अभिभावकों ने प्रवेश के दौरान वर्दी के नियमों को पढ़ा और हस्ताक्षर किए हैं. मैं सभी विधायकों से अपील करता हूं कि इस तरह की स्थिति नहीं होनी चाहिए. बच्चों को स्कूल में अपनी शिक्षा जारी रखने दें. बच्चे शिक्षा से वंचित न हों. मैंने पहले ही कुछ बच्चों से फोन पर बात की है. यदि आवश्यकता होगी तो मैं अगले कुछ दिनों में उस स्थान का दौरा करूंगा.

बेंगलुरु: कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश (Karnataka Education Minister BC Nagesh) ने कहा कि चूंकि हिजाब का मुद्दा कोर्ट में है इसलिए हर छात्र को स्कूल और कॉलेज में तय गणवेश में ही आना है. मीडिया से बात करते हुए, मंत्री नागेश ने कहा कि कानून विभाग और शिक्षा विभाग ने आज मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर सलाह दी है. हम जल्द ही इस पर सरकार के फैसले के बारे में महाधिवक्ता की राय लेकर अदालत को सूचित करेंगे.

कर्नाटक शिक्षा अधिनियम 2013 और 2018 (Karnataka Education Act 2013 and 2018) के अनुसार, सभी शैक्षणिक संस्थानों को अपना गणवेश तय करने की शक्ति दी गई है. लेकिन एक शर्त है कि गणवेश को कम से कम पांच साल जारी रखना होगा. सरकार जल्द इस पर अपने निर्णय की घोषणा करेगी. लेकिन छात्रों को स्कूल विकास और निगरानी समिति (School Development and Monitoring Committee (SDMC)) द्वारा इस शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में उच्च न्यायालय के फैसले तक एक समान नियमों का पालन करना चाहिए. यह स्पष्ट है कि छात्रों को हिजाब और भगवा शॉल पहनकर स्कूल परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है.

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कोई भी अपने धार्मिक विचारों को शिक्षण संस्थानों पर नहीं थोप (Religious views on educational institutions) सकता है. बच्चे इतनी रुचि के साथ स्कूल आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों और अभिभावकों ने प्रवेश के दौरान वर्दी के नियमों को पढ़ा और हस्ताक्षर किए हैं. मैं सभी विधायकों से अपील करता हूं कि इस तरह की स्थिति नहीं होनी चाहिए. बच्चों को स्कूल में अपनी शिक्षा जारी रखने दें. बच्चे शिक्षा से वंचित न हों. मैंने पहले ही कुछ बच्चों से फोन पर बात की है. यदि आवश्यकता होगी तो मैं अगले कुछ दिनों में उस स्थान का दौरा करूंगा.

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