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कर्नाटक में चुनाव से पहले इस्तीफे का दौर, भाजपा और जेडीएस विधायक ने दिया इस्तीफा

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद एक-एक कर विधायकों के इस्तीफे का सिलसिला शुरू हो गया है. शुक्रवार को एक बीजेपी और एक जेडीएस विधायक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बल्लारी के कुदलीगी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक एन वाई गोपालकृष्ण ने राजनीतिक जीवन से संन्यास लेने की घोषणा की. वहीं, जेडीएस विधायक ए टी रामास्वामी ने भी इस्तीफा सौंप दिया.

BJP JDS mla resigned
कर्नाटक में चुनाव से पहले इस्तीफे का दौर
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Published : Mar 31, 2023, 8:06 PM IST

सिरसी/बेंगलुरु : कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कुडलिगी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक एन वाई गोपालकृष्ण ने शुक्रवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.

गोपालकृष्ण ने विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी से उनके कार्यालय में मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा. कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच गोपालकृष्ण ने कहा कि वह राजनीति से संन्यास पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मेरी उम्र 72 वर्ष है और इस उम्र में मैं जिम्मेदारी नहीं उठा सकता. उम्र के साथ-साथ स्वास्थ्य भी इसका कारण है. दूसरे किसी दल में शामिल होने के बारे में मैंने अभी तक सोचा नहीं है. मेरी योजना है कि मैं राजनीति से संन्यास लूं.'

भाजपा नेता ने संकेत किया कि उनका पुत्र 'किसी भी दल से चुनाव लड़ने को इच्छुक है और उनके इस्तीफे के कारणों में यह भी एक था. खबरों के अनुसार, उन्होंने हाल ही में राज्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं डी के शिवकुमार और सिद्दरमैया से मुलाकात और चर्चा की थी.

छह बार के विधायक गोपालकृष्ण पहले कांग्रेस में ही थे. वह चित्रदुर्ग जिले के मोलाकलमुरु विधानसभा क्षेत्र से चार बार (1997, 1999, 2004 और 2008) चुनाव जीत चुके हैं। भाजपा में शामिल होने और कुडलिगी से चुनाव जीतने से पहले वह बल्लारी विधानसभा क्षेत्र का भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

वर्ष 2018 में कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने पर वह चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे. पार्टी ने उन्हें मोलाकलमुरु के बजाय विजयनगर जिले के कुडलिगी से टिकट दिया, क्योंकि वरिष्ठ नेता श्रीरामुलु को मोलाकलमुरु से मैदान में उतारा गया था। श्रीरामुलु ने यहां से जीत दर्ज की थी.

जद (एस) के वरिष्ठ विधायक रामास्वामी ने इस्तीफा दिया : उधर, जनता दल (एस) के वरिष्ठ नेता ए टी रामास्वामी ने शुक्रवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. वह अर्कलगुड से विधायक थे.

रामास्वामी इस सप्ताह विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले जद (एस) के दूसरे विधायक हैं. इससे पहले 27 मार्च को पार्टी के एक अन्य विधायक एस आर श्रीनिवास ने इस्तीफा दे दिया था और वह बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे. रामास्वामी ने यहां विधानसभा में विधानसभा सचिव को अपना इस्तीफा सौंपा, क्योंकि विधानसभाध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी शहर में नहीं थे. वह अभी अपने गृहनगर सिरसी में हैं.

अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि रामास्वामी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे या कांग्रेस में. रामास्वामी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, 'मैंने अर्कलगुड के विधायक के तौर पर इस्तीफा दे दिया है. मैंने अपना इस्तीफा विधानसभा सचिव को सौंप दिया है और विधानसभा अध्यक्ष के आने के बाद मैं उनसे मिलूंगा और उनसे इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध करूंगा.'

उन्होंने विधानसभा सदस्य के रूप में सेवा करने का अवसर देने के लिए जद (एस) को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने कभी भी व्यक्तिगत लाभ के लिए राजनीति नहीं की और पूरी ईमानदारी से राज्य एवं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की सेवा की है.

रामास्वामी ने कहा, 'मैंने जद (एस) नहीं छोड़ा. उन्होंने खुद ही मुझे बाहर कर दिया... मैं धन बल का शिकार हुआ हूं. मैंने आज आधिकारिक रूप से इस्तीफा दे दिया है, मैं भविष्य के बारे में चर्चा करूंगा और फिर निर्णय लूंगा... अन्य दलों के लोगों ने मुझसे संपर्क किया है.'

पढ़ें- Karnataka News: कर्नाटक में चुनाव अधिकारियों ने मुख्यमंत्री बोम्मई की निजी कार की तलाशी ली

(पीटीआई-भाषा)

सिरसी/बेंगलुरु : कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कुडलिगी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक एन वाई गोपालकृष्ण ने शुक्रवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.

गोपालकृष्ण ने विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी से उनके कार्यालय में मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा. कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच गोपालकृष्ण ने कहा कि वह राजनीति से संन्यास पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मेरी उम्र 72 वर्ष है और इस उम्र में मैं जिम्मेदारी नहीं उठा सकता. उम्र के साथ-साथ स्वास्थ्य भी इसका कारण है. दूसरे किसी दल में शामिल होने के बारे में मैंने अभी तक सोचा नहीं है. मेरी योजना है कि मैं राजनीति से संन्यास लूं.'

भाजपा नेता ने संकेत किया कि उनका पुत्र 'किसी भी दल से चुनाव लड़ने को इच्छुक है और उनके इस्तीफे के कारणों में यह भी एक था. खबरों के अनुसार, उन्होंने हाल ही में राज्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं डी के शिवकुमार और सिद्दरमैया से मुलाकात और चर्चा की थी.

छह बार के विधायक गोपालकृष्ण पहले कांग्रेस में ही थे. वह चित्रदुर्ग जिले के मोलाकलमुरु विधानसभा क्षेत्र से चार बार (1997, 1999, 2004 और 2008) चुनाव जीत चुके हैं। भाजपा में शामिल होने और कुडलिगी से चुनाव जीतने से पहले वह बल्लारी विधानसभा क्षेत्र का भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

वर्ष 2018 में कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने पर वह चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे. पार्टी ने उन्हें मोलाकलमुरु के बजाय विजयनगर जिले के कुडलिगी से टिकट दिया, क्योंकि वरिष्ठ नेता श्रीरामुलु को मोलाकलमुरु से मैदान में उतारा गया था। श्रीरामुलु ने यहां से जीत दर्ज की थी.

जद (एस) के वरिष्ठ विधायक रामास्वामी ने इस्तीफा दिया : उधर, जनता दल (एस) के वरिष्ठ नेता ए टी रामास्वामी ने शुक्रवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. वह अर्कलगुड से विधायक थे.

रामास्वामी इस सप्ताह विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले जद (एस) के दूसरे विधायक हैं. इससे पहले 27 मार्च को पार्टी के एक अन्य विधायक एस आर श्रीनिवास ने इस्तीफा दे दिया था और वह बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे. रामास्वामी ने यहां विधानसभा में विधानसभा सचिव को अपना इस्तीफा सौंपा, क्योंकि विधानसभाध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी शहर में नहीं थे. वह अभी अपने गृहनगर सिरसी में हैं.

अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि रामास्वामी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे या कांग्रेस में. रामास्वामी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, 'मैंने अर्कलगुड के विधायक के तौर पर इस्तीफा दे दिया है. मैंने अपना इस्तीफा विधानसभा सचिव को सौंप दिया है और विधानसभा अध्यक्ष के आने के बाद मैं उनसे मिलूंगा और उनसे इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध करूंगा.'

उन्होंने विधानसभा सदस्य के रूप में सेवा करने का अवसर देने के लिए जद (एस) को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने कभी भी व्यक्तिगत लाभ के लिए राजनीति नहीं की और पूरी ईमानदारी से राज्य एवं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की सेवा की है.

रामास्वामी ने कहा, 'मैंने जद (एस) नहीं छोड़ा. उन्होंने खुद ही मुझे बाहर कर दिया... मैं धन बल का शिकार हुआ हूं. मैंने आज आधिकारिक रूप से इस्तीफा दे दिया है, मैं भविष्य के बारे में चर्चा करूंगा और फिर निर्णय लूंगा... अन्य दलों के लोगों ने मुझसे संपर्क किया है.'

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(पीटीआई-भाषा)

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