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कर्नाटक विधानसभा के अंदर RSS के खिलाफ लगे नारे, स्पीकर ने जताई नाराजगी

कर्नाटक विधानसभा में हंगामा पिछले सप्ताह से ही जारी है. कांग्रेस राज्य के मंत्री केएस ईश्वरप्पा के त्याग पत्र की मांग कर रहे हैं. उन्होंने राष्ट्र ध्वज पर एक विवादास्पद बयान दिया था. सदन के अंदर विरोध करते हुए कांग्रेस के सदस्यों ने आरएसएस के खिलाफ भी नारे लगाए. इस पर स्पीकर ने नाराजगी जताई. (Karnataka speaker objects on congress mlas).

congress protest inside assembly karnataka
कर्नाटक विधानसभा के अंदर कांग्रेस का विरोध
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Published : Feb 21, 2022, 5:24 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक विधानसभा में सोमवार को लगातार चौथे दिन कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा जो राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा के राष्ट्र ध्वज पर कथित बयान के लिए उन्हें बर्खास्त करने और मंत्री के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं. (Karnataka speaker objects on congress mlas).

वहीं, हंगामे के बीच विधानसभा में चार विधेयक पारित किए गए. विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े ने कांग्रेस सदस्यों द्वारा आसन के समक्ष आकर किए गए हंगामे के दौरान 'अनावश्यक' तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम घसीटे जाने को लेकर 'कड़ी आपत्ति' जताई. मंत्री को हटाए जाने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार से विधानसभा के भीतर विधान सौध में डेरा डाला हुआ है और वे रात में भी वहीं सो रहे हैं.

गौरतलब है कि ईश्वरप्पा ने हाल में कहा था कि भविष्य में कभी 'भगवा ध्वज' राष्ट्रीय ध्वज बन सकता है और तब इसे लाल किले पर फहराया जा सकता है. हालांकि, बाद में उन्होंने कहा था कि अभी तिरंगा ही राष्ट्रीय ध्वज है और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए.

सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद कांग्रेस सदस्य आसन के सामने आ गए और ईश्वरप्पा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे. हंगामे के बावजूद विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल जारी रखा. हालांकि, कांग्रेस के किसी विधायक ने इसमें हिस्सा नहीं लिया. हंगामे के बीच विधानसभा ने बिना चर्चा के चार विधेयक भी पारित किए, जिनमें कर्नाटक सिविल सेवा (2011 बैच के राजपत्रित परिवीक्षाधीनों के चयन और नियुक्ति का सत्यापन) विधेयक, 2022, कर्नाटक स्टाम्प (संशोधन) विधेयक, 2022, कर्नाटक स्टाम्प (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2022 और आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश, 1944, (कर्नाटक संशोधन) विधेयक, 2022 शामिल रहे.

विधेयकों के पारित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने कांग्रेस सदस्यों से अपनी सीटों पर वापस जाने को भी कहा, जिसे मुख्य विपक्षी दल ने अनसुना कर दिया और न्याय की मांग उठाई.

ये भी पढे़ं : कर्नाटक में बजरंग दल कार्यकर्ता हत्या मामले में दो गिरफ्तार, पत्थरबाजी, वाहन जलाए

बेंगलुरु : कर्नाटक विधानसभा में सोमवार को लगातार चौथे दिन कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा जो राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा के राष्ट्र ध्वज पर कथित बयान के लिए उन्हें बर्खास्त करने और मंत्री के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं. (Karnataka speaker objects on congress mlas).

वहीं, हंगामे के बीच विधानसभा में चार विधेयक पारित किए गए. विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े ने कांग्रेस सदस्यों द्वारा आसन के समक्ष आकर किए गए हंगामे के दौरान 'अनावश्यक' तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम घसीटे जाने को लेकर 'कड़ी आपत्ति' जताई. मंत्री को हटाए जाने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार से विधानसभा के भीतर विधान सौध में डेरा डाला हुआ है और वे रात में भी वहीं सो रहे हैं.

गौरतलब है कि ईश्वरप्पा ने हाल में कहा था कि भविष्य में कभी 'भगवा ध्वज' राष्ट्रीय ध्वज बन सकता है और तब इसे लाल किले पर फहराया जा सकता है. हालांकि, बाद में उन्होंने कहा था कि अभी तिरंगा ही राष्ट्रीय ध्वज है और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए.

सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद कांग्रेस सदस्य आसन के सामने आ गए और ईश्वरप्पा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे. हंगामे के बावजूद विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल जारी रखा. हालांकि, कांग्रेस के किसी विधायक ने इसमें हिस्सा नहीं लिया. हंगामे के बीच विधानसभा ने बिना चर्चा के चार विधेयक भी पारित किए, जिनमें कर्नाटक सिविल सेवा (2011 बैच के राजपत्रित परिवीक्षाधीनों के चयन और नियुक्ति का सत्यापन) विधेयक, 2022, कर्नाटक स्टाम्प (संशोधन) विधेयक, 2022, कर्नाटक स्टाम्प (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2022 और आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश, 1944, (कर्नाटक संशोधन) विधेयक, 2022 शामिल रहे.

विधेयकों के पारित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने कांग्रेस सदस्यों से अपनी सीटों पर वापस जाने को भी कहा, जिसे मुख्य विपक्षी दल ने अनसुना कर दिया और न्याय की मांग उठाई.

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