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कर्नाटक : रेजिडेंट डॉक्टरों का अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान, चिकित्सा सेवाएं बंद

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Published : Nov 29, 2021, 3:51 PM IST

कर्नाटक एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (Karnataka Association of Resident Doctors) ने अपने कोविड भत्ते का भुगतान न करने और फीस में कटौती (non-reduction of fees) को लेकर राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल (statewise indefinite strike) का आह्वान किया है.

रेजिडेंट डॉक्टरों का अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान
रेजिडेंट डॉक्टरों का अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान

बेंगलुरु : कर्नाटक एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (Karnataka Association of Resident Doctors) ने अपने कोविड भत्ते का भुगतान न करने और फीस में कटौती (non-reduction of fees ) सहित अन्य मुद्दों के विरोध में आज से राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल (statewise indefinite strike) का आह्वान किया है.

उन्होंने सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों (govt medical college hospitals) में ओपीडी और वैकल्पिक ओटी (आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर) सहित सभी वैकल्पिक सेवाओं को वापस लेने का आह्वान किया है.

विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि कोविड महामारी के दौरान राज्य सरकार ने रेजिडेंट और इंटर्न डॉक्टरों (Resident and Intern doctors) का इस्तेमाल किया और अब हमें नजरअंदाज किया जा रहा है. ऐसा लगता है कि सरकार राज्य के युवा डॉक्टरों की उपेक्षा कर रही है.

रेजिडेंट डॉक्टरों का अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान

बता दें कि मई 2021 को कर्नाटक सरकार ने सभी रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए अप्रैल महीने से शुरू होने वाले 10,000 रुपये प्रति माह के स्टाइपेनड की घोषणा की थी.

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि घोषणा को छह महीने हो चुके हैं और अभी तक राज्य सरकार द्वारा फंड जारी नहीं किया गया है.

पढ़ें - महाराष्ट्र: कोरोना टीके की दोनों खुराक ले चुके 55 बुजुर्ग कोरोना पॉजिटिव

डॉक्टरों ने यह भी कहा कि उनकी शैक्षणिक फीस (academic fees hike) 30,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख कर दी गई है. कर्नाटक एक ऐसा राज्य है, जो मेडिकल कॉलेजों से सबसे अधिक फीस प्राप्त कर रहा है, भले ही उन्हें सरकारी सीट मिल गई हो. कोविड के दौरान भी छात्रों को कोई रियायत नहीं दी गई.

बेंगलुरु : कर्नाटक एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (Karnataka Association of Resident Doctors) ने अपने कोविड भत्ते का भुगतान न करने और फीस में कटौती (non-reduction of fees ) सहित अन्य मुद्दों के विरोध में आज से राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल (statewise indefinite strike) का आह्वान किया है.

उन्होंने सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों (govt medical college hospitals) में ओपीडी और वैकल्पिक ओटी (आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर) सहित सभी वैकल्पिक सेवाओं को वापस लेने का आह्वान किया है.

विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि कोविड महामारी के दौरान राज्य सरकार ने रेजिडेंट और इंटर्न डॉक्टरों (Resident and Intern doctors) का इस्तेमाल किया और अब हमें नजरअंदाज किया जा रहा है. ऐसा लगता है कि सरकार राज्य के युवा डॉक्टरों की उपेक्षा कर रही है.

रेजिडेंट डॉक्टरों का अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान

बता दें कि मई 2021 को कर्नाटक सरकार ने सभी रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए अप्रैल महीने से शुरू होने वाले 10,000 रुपये प्रति माह के स्टाइपेनड की घोषणा की थी.

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि घोषणा को छह महीने हो चुके हैं और अभी तक राज्य सरकार द्वारा फंड जारी नहीं किया गया है.

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डॉक्टरों ने यह भी कहा कि उनकी शैक्षणिक फीस (academic fees hike) 30,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख कर दी गई है. कर्नाटक एक ऐसा राज्य है, जो मेडिकल कॉलेजों से सबसे अधिक फीस प्राप्त कर रहा है, भले ही उन्हें सरकारी सीट मिल गई हो. कोविड के दौरान भी छात्रों को कोई रियायत नहीं दी गई.

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