देवनहल्ली (बेंगलुरु ग्रामीण) : कर्नाटक रक्षा वेदिके के नारायण गौड़ा गुट द्वारा आज कर्नाटक में कन्नड़ में नेम प्लेट लगाए जाने की मांग को लेकर एक विशाल विरोध रैली निकाली गई. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने अंग्रेजी भाषा में मौजूद विज्ञापनों को फाड़कर अपना आक्रोश व्यक्त किया. यह रैली देवनहल्ली के सदाहल्ली टोल से बेंगलुरु कब्बन पार्क तक के लिए निकाली गई. इस दौरान रास्ते में जितनी भी नेम प्लेट अंग्रेजी और गैर कन्नड़ भाषा में लिखी मिली उन सभी को कार्यकर्ताओं ने फाड़ डाला.
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#WATCH | Police detained members of Karnataka Rakshana Vedike, protesting to deliver messages to owners of many malls, shops, commercial buildings, companies and factories, especially multinational companies to install Kannada sign boards and give more visibility to the Kannada… pic.twitter.com/tRjsPidLbB
— ANI (@ANI) December 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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इस विरोध रैली के दौरान कोई भी अप्रिय घटना ना घटे इसके लिए डीसीपी लक्ष्मीप्रसाद के नेतृत्व में सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए है. सदाहल्ली टोल के पास से लेकर शहर के तमाम इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनाती की गई है. एक एसीपी, 6 इंस्पेक्टर और 12 सब-इंस्पेक्टर सहित 500 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किए गए हैं. पुलिस ने KaRaVe विरोध रैली के दौरान कोई दंगा ना हो इसे रोकने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. बेंगलुरु एयरपोर्ट रोड पर पहले से ही बैरिकेड लगा दिया गया है.
बता दें, कारावे (कर्नाटक रक्षण वेदिके) कार्यकर्ता कन्नड़ नेमप्लेट नहीं लगाने वालों के खिलाफ आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं. दरअसल, पिछले दिनों बृहत बंगलूरू महानगर पालिका (बीबीएमपी) के द्वारा 28 फरवरी तक नगर पालिका के अंतर्गत आने वाली सभी दुकानों पर 60 फीसदी तक कन्नड़ भाषा वाली नेमप्लेट लगाने का निर्देश दिया गया था. इस आदेश में उन्होंने ये भी कहा था कि अगर कोई दुकानदार इस आदेश का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. जिन दुकानों की नेमप्लेट में कन्नड़ भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, उन दुकानों के ट्रेड लाइसेंस बंगलूरू नगर पालिका रद्द कर सकती है.
इसी क्रम में बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त तुषार गिरिनाथ ने बैठक की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि 28 फरवरी तक शहर में 60 फीसदी कन्नड़ भाषा के नेमप्लेट लगाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि निगम के अंतर्गत दुकानों, होटलों, मॉल और अन्य वाणिज्यिक दुकानों के नेमप्लेट में कन्नड़ भाषा के अनिवार्य उपयोग के संबंध में सभी क्षेत्रीय वन अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की जाएगी और उचित निर्देश दिए जाएंगे.
हम कन्नड़ नेमप्लेट अनिवार्य करने के लिए कानून बना रहे हैं: मंत्री शिवराज तंगदागी : कन्नड़ और संस्कृति मंत्री शिवराज तंगदागी ने कहा है कि वे कन्नड़ नेमप्लेट को अनिवार्य रूप से अपनाने के लिए एक कानून बना रहे हैं. विकास सौधा में मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मैं इस मुद्दे पर नारायण गौड़ा के संघर्ष का समर्थन करता हूं. लेकिन दूसरों को परेशान न करें. सरोजिनी महिषी रिपोर्ट दोनों सदनों में पारित हो चुकी है. हम इसके अनुसार नियमों का पालन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जनवरी के पहले सप्ताह में हमारी अंतिम बैठक होगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि नेमप्लेट में 60 प्रतिशत कन्नड़ शब्द होने चाहिए.
टास्क फोर्स का गठन: अनिवार्य कन्नड़ नेमप्लेट, कन्नड़ शिक्षण के कार्यान्वयन के लिए एक टास्क फोर्स समिति का गठन किया जाएगा. कन्नड़ संस्कृति और पुलिस विभाग सहित विभिन्न विभागों को मिलाकर एक टास्क फोर्स समिति के गठन पर विचार किया गया है. मंत्री शिवराज ने कहा कि कानून लाने के बाद अगर कन्नड़ नेम प्लेट नहीं लगाई तो दुकान का लाइसेंस रद्द कर देंगे. अगर स्कूलों में कन्नड़ नहीं पढ़ाई गई तो न केवल जुर्माना बल्कि शिक्षण संस्थान की मान्यता रद्द करने की सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह बात सीएम और डीसीएम ने साफ तौर पर कही है. सरकारी फाइलें कन्नड़ में शुरू होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम कानून लाएंगे जैसा कि कन्नड़ समर्थक संगठनों ने कहा है.