बेंगलुरू : आपराधिक जांच विभाग (CID) ने सनसनीखेज पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले के सिलसिले में एक अदालत के समक्ष 34 आरोपियों के खिलाफ 1,975 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है. जांच एजेंसी के सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. सीआईडी द्वारा एडीजीपी रैंक के एक ऑन-ड्यूटी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमृत पॉल को गिरफ्तार करने के बाद पीएसआई भर्ती घोटाले मामले में उन्हें निलंबित कर दिया गया.
चार्जशीट थर्ड जेएमएफसी (प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट) कोर्ट को सौंपी गई है. इसमें गिरफ्तार भाजपा नेता दिव्या हागरागी के खिलाफ आरोप और ज्ञान ज्योति इंग्लिश मीडियम स्कूल परीक्षा केंद्र में हुए कदाचार शामिल हैं. स्कूल का स्वामित्व दिव्या हागरागी के पास है. एमएस ईरानी कॉलेज और नोबेल परीक्षा केंद्रों में हुई परीक्षा धोखाधड़ी की आगे की जांच जारी है. आरोपों में परीक्षा हॉल में ब्लूटूथ डिवाइस का उपयोग, ओएमआर शीट का निर्माण, परीक्षा नियमों का उल्लंघन, पीएसआई पदों की बिक्री और सबूतों को नष्ट करना शामिल है.
बता दें कि मामले में दिव्या हागरागी के अलावा, उनके पति राजेश हागरागी, अफजलपुर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष महंतेश पाटिल और उनके भाई आरडी पाटिल, जो कथित तौर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के करीबी हैं, सर्कल पुलिस इंस्पेक्टर आनंद मेत्री, डीएसपी मल्लिकार्जुन साली, सिंचाई विभाग से जुड़े इंजीनियर मंजुनाथ मेलाकुंडी और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमृत पॉल को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है.
सीआईडी के सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमृत पॉल ने अपने खिलाफ सभी आरोपों से इनकार किया है. जांच में पता चला है कि एडीजीपी के रूप में भर्ती का प्रभारी आरोपी आईपीएस अधिकारी लगातार व्हाट्सएप कॉल के जरिए डीएसपी शांताकुमार के संपर्क में था. उन्होंने परीक्षा के बाद और ओएमआर शीट के निर्माण के दौरान बात की है. सूत्रों ने कहा कि अधिकारी मिलीभगत को साबित करने के लिए सबूत के तौर पर कॉल लिस्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं.
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(IANS)