कोलार: कर्नाटक के कोलार जिले में एक अमानवीय घटना सामने आई है, जहां एक आवासीय विद्यालय के बच्चों से शौचालय के गड्ढे में सफाई कराई गई. जानकारी के अनुसार, यह घटना मालूर तालुक के मोरारजी आवासीय विद्यालय की है. आरोप है कि वरिष्ठ शिक्षक की मौजूदगी में बच्चों को मल-मूत्र के गड्ढे में उतारकर साफ-सफाई करायी गयी. इस मामले में 4 लोगों के खिलाफ स्टूल कैरीइंग एक्ट और अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इसके अलावा इस संबंध में POCSO एक्ट का एक अलग मामला भी दर्ज किया गया है, जिसमें एक पुरुष शिक्षक को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि इस मामले में चार में से दो को रविवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया और मस्ती थाना पुलिस अन्य दो की तलाश कर रही है, जो फरार हैं. अधिकारियों ने जानकारी दी कि 'समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक आर श्रीनिवास और सहायक निदेशक शिवकुमार द्वारा दायर शिकायत के आधार पर कार्रवाई की गई है.'
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 'इस संबंध में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पहली एफआईआर बच्चों से सोख्ता गड्ढा साफ कराने के मामले में दर्ज की गई है और इसके तहत स्कूल के प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि दूसरा मामला POCSO अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है और एक शिक्षक को गिरफ्तार किया गया है.'
बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद से ही विद्यार्थियों के शरीर, हाथ व पीठ में दर्द की शिकायत हो रही है. आवासीय विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने मल-मूत्र के गड्ढे में छात्रों को उतारा और उनसे उसकी सफाई कराई. इसके बाद छात्रों ने अपने अभिभावकों को बताया कि उन्हें परेशान किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार इस घटना के वीडियो वायरल भी सामने आए हैं.
बच्चों के परिजनों का कहना है कि बच्चों ने उनके साथ हुई इस घटना के बारे में रो-रोकर अपने माता-पिता को बताया है. बताया जा रहा है कि आवासीय विद्यालय में 250 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं. मामले का संज्ञान लेते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हुबली में मीडिया से कहा कि 'मुझे मलूर के स्कूल के बारे में पता चला है. मैं इस पर एक रिपोर्ट लूंगा. हम दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
घटना को लेकर समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक श्रीनिवास ने वहां पहुंचकर निरीक्षण किया. इसके अलावा समाज कल्याण विभाग के मंत्री एचसी महादेवप्पा ने निलंबित करने और जांच कराने का निर्देश दिया था. मंत्री ने केस दर्ज करने का भी निर्देश दिया. इस मामले में अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चों को परेशान करने वाले शिक्षक और एक स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
बच्चों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज चल रहा है. वहीं दूसरी ओर जिला जज सुनील होसामानी ने रविवार को आवासीय विद्यालय का दौरा कर निरीक्षण किया. जज ने बच्चों से अलग-अलग बात की और मामले की जानकारी ली. इसके अलावा कर्नाटक आवासीय शैक्षणिक संस्थान संघ के कार्यकारी निदेशक नवीन कुमार राज ने भी आवासीय विद्यालय का दौरा किया.
बीजेपी ने सिद्दारमैया सरकार को घेरा
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने मामले में सरकार की निंदा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि 'कोलार के मालुरु यालुवहल्ली स्थित मुरारजी देसाई छात्रावास में हुई घटना को देखकर ऐसा लग रहा है कि राज्य में कांग्रेस सरकार के पटरी से उतरे प्रशासन की वजह से महिलाएं और बच्चे सुरक्षित नहीं रह सकते हैं.'
उन्होंने आगे लिखा कि 'यह एक चिंताजनक घटनाक्रम है कि अनुसूचित समुदाय के लोगों को क्रूर शोषण का शिकार होना पड़ रहा है. मालूर में बच्चों को मलमूत्र के गड्ढे में धकेल कर उनके साथ मारपीट की गई. भाजपा इसकी कड़ी निंदा करती है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए तथा समाज कल्याण मंत्री डॉ. एचसी महादेवप्पा को नैतिक रूप से जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.'