हसन: कर्नाटक के हसन जिले में पहली बार ऐसा हुआ है कि अर्धसैनिक बल की मौजूदगी में और बेलूर चेन्नाकेशव की उपस्थिति में कुरान के पाठ के बिना रथोत्सव सफलतापूर्वक आयोजित किया गया. पहले रथोत्सवम के दौरान कुरान का पाठ किया जाता था. लेकिन, पिछले साल से इसे लेकर हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा विरोध हो रहा था. राज्य के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक हसन जिले के बेलूर कस्बे में मंगलवार को ऐतिहासिक बेलूर चेन्नाकेशव रथोत्सव का आयोजन किया गया.
विभिन्न हिंदुत्ववादी संगठनों ने कुरान के पाठ का विरोध किया और सरकार से अपील की कि चन्नकेशवन रथोत्सव में कुरान का पाठ नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन, हर साल की तरह, डोड्डा मेदुरु गांव के सैयद सज्जाद भाषा कादरी, जो कुरान का पाठ करने आए थे, इस बार केवल मंदिर के सामने की सीढ़ियों के पास एक मुस्लिम आयत बोलकर अपना सम्मान दिया और कुरान का पाठ नहीं किया.
जब सैयद सज्जाद भाषा कादरी मुस्लिम धर्म के अनुसार आयत पढ़ने गए तो इस दौरान घटना घटी, जिसमें विभिन्न हिंदूवादी संगठनों के नेताओं ने 'जय श्री राम, हम हिंदू हैं, हम एक हैं' के नारे लगाकर मुस्लिम धर्म की प्रार्थना को बाधित कर दिया. हालांकि इस दौरान किसी भी तरह की गर्मागर्मी नहीं हुई, क्योंकि पुलिस का कड़ा बंदोबस्त था.
इस विरोध के बावजूद इस यात्रा में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया. बता दें कि पिछले 28 मार्च को बेलूर के टेंपल रोड पर रथोत्सव में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कुरान के पाठ का विरोध किया था. इसी दौरान बाइक पर सवार एक युवक ने नारेबाजी की. इसी बात को लेकर प्रदर्शनकारियों और युवकों के बीच कहासुनी हो गई और कुछ देर के लिए माहौल तनावपूर्ण हो गया था. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया.