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Karnataka News: अमूल ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के माध्यम से करेगा दूध-दही की होम डिलीवरी, विपक्षी पार्टियां कर रहीं आगमन का विरोध

डेयरी उत्पाद कंपनी अमूल कर्नाटक में अपने ऑपरेशन को शुरू करने जा रही है. लेकिन राज्य में उसके आगमन का विरोध किया जा रहा है. इस मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियां सत्तारूढ़ पार्टी को घेर रही है. हालांकि कंपनी ने जानकारी दी है कि वह ई-कॉमर्स ऐप के माध्यम से डोर-टू-डोर डिलीवरी करेगी.

dairy products company amul
डेयरी उत्पाद कंपनी अमूल
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Published : Apr 7, 2023, 10:10 PM IST

बेंगलुरु: डेयरी उत्पाद कंपनी अमूल ने अब कर्नाटक में दूध और दही बेचने की घोषणा की है. कंपनी ने बताया कि वह दूध और दही की बिक्री क्विक-स्टोर (ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म) के माध्यम से घरों तक पहुंचाएगी. लेकिन कर्नाटक की जनता ने सोशल मीडिया पर इसका कड़ा विरोध जताया है. साथ ही विपक्षी नेताओं ने भी अपना विरोध जताया है. कर्नाटक के बाजार में उतरने की जानकारी अमूल ने ट्वीट के जरिए दी है.

अमूल ने दो पहले एक ट्वीट में लिखा था कि 'अमूल आपके लिए दूध और दही के रूप में नई ताजगी लेकर आ रहा है. क्विक-स्टोर कॉमर्स प्लेटफार्मों पर उपलब्ध है, उन्हें आपके दरवाजे पर डिलीवर किया जा सकता है. इसी के मद्देनजर कर्नाटक के ब्रैंड नंदिनी को झटका लगने से हड़कंप मच गया है. इस मामले में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने विधानसभा में मांग की कि कर्नाटक की जनता को सर्वसम्मति से अमूल उत्पादों को नहीं खरीदने का संकल्प लेना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और अमूल को पिछले दरवाजे से प्रवेश करने से रोकना चाहिए. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को राज्य के जनमत संग्रह पर ध्यान देना चाहिए और विश्वासघात के बारे में सोचना बंद करना चाहिए. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश भाजपा के कमजोर नेतृत्व के चलते केएमएफ को खत्म करने की कोशिशें शुरू हो गई हैं, जो देश के लाखों डेयरी फार्मिंग परिवारों की आजीविका है.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि इसके लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं. जिस दिन से अमित शाह ने केएमएफ और अमूल के विलय का प्रस्ताव रखा है, राज्य का डेयरी उद्योग उथल-पुथल में है. राज्य में नंदिनी का दूध और दही पिछले कुछ दिनों से बाजार से गायब हो रहा है. अमूल के उत्पादों की बिक्री जोरों पर है. साफ है कि यह सब अमित शाह की सीधी निगरानी में हो रहा है.

सिद्धारमैया ने कहा कि गुजरात स्थित अमूल ने पहले दूध और दही बेचकर कर्नाटक के बाजार में प्रवेश करने की कोशिश की थी. हमने इसकी अनुमति नहीं दी. अब बीजेपी ने रेड कार्पेट बिछाकर उनका स्वागत किया है. राज्यसभा सांसद जीसी चंद्रशेखर ने #SaveNandini और #BoycottAmul जैसे टैग का इस्तेमाल किया और ट्वीट्स की एक श्रृंखला के साथ उनका अनुसरण किया.

केपीसीसी मीडिया प्रवक्ता एम. लक्ष्मण ने आरोप लगाया कि कुछ महीने पहले जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मांड्या आए थे, तो उन्होंने KMF (कर्नाटक मिल्क फेडरेशन) के अमूल में विलय की बात कही थी. अब भाजपा द्वारा केएमएफ नंदिनी को गुजरात की अमूल में मिलाने की साजिश चल रही है.

पढ़ें: Karnataka Assembly Election 2023 : कांग्रेस, भाजपा और जेडीएस, सबके अपने-अपने हैं जातीय समीकरण

केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि नंदिनी ब्रांड कर्नाटक का गौरव है और इसे और आगे बढ़ाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. हालांकि, राज्य में अमूल दूध और दही की ऑनलाइन खरीदारी लोगों की पसंद पर छोड़ दी गई है.

बेंगलुरु: डेयरी उत्पाद कंपनी अमूल ने अब कर्नाटक में दूध और दही बेचने की घोषणा की है. कंपनी ने बताया कि वह दूध और दही की बिक्री क्विक-स्टोर (ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म) के माध्यम से घरों तक पहुंचाएगी. लेकिन कर्नाटक की जनता ने सोशल मीडिया पर इसका कड़ा विरोध जताया है. साथ ही विपक्षी नेताओं ने भी अपना विरोध जताया है. कर्नाटक के बाजार में उतरने की जानकारी अमूल ने ट्वीट के जरिए दी है.

अमूल ने दो पहले एक ट्वीट में लिखा था कि 'अमूल आपके लिए दूध और दही के रूप में नई ताजगी लेकर आ रहा है. क्विक-स्टोर कॉमर्स प्लेटफार्मों पर उपलब्ध है, उन्हें आपके दरवाजे पर डिलीवर किया जा सकता है. इसी के मद्देनजर कर्नाटक के ब्रैंड नंदिनी को झटका लगने से हड़कंप मच गया है. इस मामले में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने विधानसभा में मांग की कि कर्नाटक की जनता को सर्वसम्मति से अमूल उत्पादों को नहीं खरीदने का संकल्प लेना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और अमूल को पिछले दरवाजे से प्रवेश करने से रोकना चाहिए. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को राज्य के जनमत संग्रह पर ध्यान देना चाहिए और विश्वासघात के बारे में सोचना बंद करना चाहिए. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश भाजपा के कमजोर नेतृत्व के चलते केएमएफ को खत्म करने की कोशिशें शुरू हो गई हैं, जो देश के लाखों डेयरी फार्मिंग परिवारों की आजीविका है.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि इसके लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं. जिस दिन से अमित शाह ने केएमएफ और अमूल के विलय का प्रस्ताव रखा है, राज्य का डेयरी उद्योग उथल-पुथल में है. राज्य में नंदिनी का दूध और दही पिछले कुछ दिनों से बाजार से गायब हो रहा है. अमूल के उत्पादों की बिक्री जोरों पर है. साफ है कि यह सब अमित शाह की सीधी निगरानी में हो रहा है.

सिद्धारमैया ने कहा कि गुजरात स्थित अमूल ने पहले दूध और दही बेचकर कर्नाटक के बाजार में प्रवेश करने की कोशिश की थी. हमने इसकी अनुमति नहीं दी. अब बीजेपी ने रेड कार्पेट बिछाकर उनका स्वागत किया है. राज्यसभा सांसद जीसी चंद्रशेखर ने #SaveNandini और #BoycottAmul जैसे टैग का इस्तेमाल किया और ट्वीट्स की एक श्रृंखला के साथ उनका अनुसरण किया.

केपीसीसी मीडिया प्रवक्ता एम. लक्ष्मण ने आरोप लगाया कि कुछ महीने पहले जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मांड्या आए थे, तो उन्होंने KMF (कर्नाटक मिल्क फेडरेशन) के अमूल में विलय की बात कही थी. अब भाजपा द्वारा केएमएफ नंदिनी को गुजरात की अमूल में मिलाने की साजिश चल रही है.

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केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि नंदिनी ब्रांड कर्नाटक का गौरव है और इसे और आगे बढ़ाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. हालांकि, राज्य में अमूल दूध और दही की ऑनलाइन खरीदारी लोगों की पसंद पर छोड़ दी गई है.

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