रामनगर (कर्नाटक) : कंचुगल बंदे मठ के लिंगायत संत बसवलिंग श्री की आत्महत्या के मामले की जांच में खुलासा हुआ है कि मृतक साधु को हनी ट्रैप में फंसाया गया, प्रताड़ित किया गया और जीवन समाप्त करने के लिए मजबूर किया गया. जांच में यह भी पता चला है कि इस साजिश के पीछे एक और लिंगायत संत का हाथ है, जो स्थिति पर नजर रखे हुए है.
पुलिस ने यह भी बताया कि कुछ नेता समेत 10 से 15 लोगों की एक टीम ने योजना को अंजाम दिया. पुलिस ने कहा कि मृतक संत को निजी तस्वीरें और वीडियो के जरिए हनी ट्रैप और ब्लैकमेल किया गया. मामले की जांच कर रही कुदुर पुलिस ने पहले ही कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने बताया कि मृतक संत ने अपने सुसाइड नोट में प्रताड़ना और हनी ट्रैपिंग का जिक्र किया है.
एसपी संतोष बाबू ने कहा है कि मामले की जांच को लेकर पुलिस पर कोई दबाव नहीं है. हालांकि, सुसाइड नोट में कुछ नाम लिखे गए हैं, लेकिन उनकी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार किसी व्यक्ति का जिक्र नहीं है. मठ में सोमवार को संत रहस्यमय परिस्थितियों में फांसी पर लटका मिला. आगे की जांच जारी है. सूत्रों ने दावा किया कि मुरुग मठ के प्रमुख महंत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू को यौन उत्पीड़न के एक मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद 45 वर्षीय लिंगायत संत बसवलिंगेश्वर स्वामी को 'जाल में फंसाया' गया और अक्सर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था.
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