बेंगलुरु : बेंगलुरु ग्रामीण जिले के एक निजी अस्पताल के परिसर में रखे कूड़ेदान में एक कन्या भ्रूण पाए जाने के बाद उसे सील कर दिया गया और उसके चार कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया. पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी. जिले के होसकोटे तालुक के तिरुमालाशेट्टीहल्ली स्थित अस्पताल में हुई घटना के बाद पुलिस ने उस चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज किया है जो अस्पताल के मालिक भी हैं.
उन्होंने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों में महिला नर्सें भी शामिल हैं जिनका नाम प्राथमिकी में है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम ने बुधवार को अपने नियमित निरीक्षण के तहत अस्पताल का दौरा किया और इसी दौरान उन्हें कन्या भ्रूण मिला. निरीक्षण के दौरान उन्हें ऑपरेशन थियेटर में एक महिला भी लेटी हुई मिली और उन्हें संदेह हुआ कि कूड़ेदान में फेंका गया भ्रूण उसी का है. हालांकि, अधिकारी ने कहा, 'जांच जारी है और अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि फेंका गया भ्रूण उसका था, या किसी और का.'
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने अस्पताल को सील कर दिया. राज्य के स्वास्थ्य आयुक्त रणदीप डी ने कहा कि यह कर्नाटक में अवैध गर्भपात के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या का पहला मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य अधिकारियों के निरीक्षण, प्राप्त साक्ष्य और उचित रिकॉर्ड नहीं होने के कारण अस्पताल को सील कर दिया गया. अधिकारी ने बताया कि संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों के बयान और शिकायत के आधार पर, हमने लिंग चयन निषेध अधिनियम, चिकित्सकीय गर्भपात अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 312, 314 तथा 315 के तहत अस्पताल के मालिक और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
उन्होंने बताया कि घटना के बाद से अस्पताल का मालिक फरार है और उसका पता लगाने के लिए टीमें गठित की गई हैं. इस महीने की शुरुआत में, कर्नाटक में लिंग निर्धारण और कन्या भ्रूण हत्या रैकेट का पुलिस ने भंडाफोड़ किया था जिसके बाद कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को अनधिकृत चिकित्सा सुविधाओं और फर्जी डॉक्टरों द्वारा संचालित सुविधाओं का निरीक्षण करने और उन्हें सील करने के लिए कहा था.
बेंगलुरु, मांड्या और मैसूरु जिलों में उजागर हुए घोटाले के सिलसिले में कई गिरफ्तारियां की गई हैं. कर्नाटक सरकार ने ऐसी अवैध गतिविधियों की जांच राज्य पुलिस के आपराधिक जांच विभाग को स्थानांतरित कर दी है. राज्य स्वास्थ्य आयुक्त ने हाल ही में एक परिपत्र जारी कर जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को क्लीनिकों और लैब समेत सभी चिकित्सा सुविधाओं का निरीक्षण करने और उन्हें अनधिकृत और फर्जी डॉक्टरों द्वारा संचालित किये जाने पर सील करने का निर्देश दिया है.
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