उडुपी: कर्नाटक के उडुपी जिले के सरकारी गर्ल्स पीयू कॉलेज के छह छात्राओं ने कॉलेज विकास समिति के सुझाव को ठुकरा (Students stick to demand) दिया है कि अगर वे क्लास रूम में (Karnataka hijab row) हिजाब (इस्लामिक हेडस्कार्फ़) पहनने पर अड़े हैं तो वे ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प चुनेंगे.
छात्राएं पिछले चार हफ्तों से कक्षाओं का बहिष्कार कर रही हैं क्योंकि कॉलेज के अधिकारियों ने उन्हें कक्षा के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. उडुपी में विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्राओं ने गुरुवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हिजाब पहनना उनका संवैधानिक अधिकार है और वे ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने के इच्छुक नहीं हैं जो 'भेदभावपूर्ण' है.
समुदाय की अन्य लड़कियों के हिजाब के बिना कक्षाओं में भाग लेने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि लड़कियां आगे नहीं आ रही हैं क्योंकि वे उन समस्याओं से डरती हैं जिनका उन्हें सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा, 'शिक्षा और अधिकार समान रूप से महत्वपूर्ण हैं.' कॉलेज विकास समिति के अध्यक्ष और उडुपी के विधायक रघुपति भट ने बुधवार को कहा था कि शिक्षा विभाग ने क्लास रूम में ड्रेस कोड पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था. अन्य राज्यों के कॉलेजों में ड्रेस कोड का अध्ययन करने के लिए विभाग द्वारा एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है. उन्होंने कहा था कि अगर वे अपनी मांग पर कायम रहते हैं, तो वे ऑनलाइन कक्षाएं चुन सकते हैं.