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Cauvery Water Dispute: कर्नाटक सरकार सुप्रीम कोर्ट और CWMA के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर करेगी

कावेरी जल विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन कर्नाटक और तमिलनाडु सरकार में गतिरोध दिखाई पड़ता है. शुक्रवार को इसी सिलसिले में कर्नाटक बंद बुलाया गया था. इससे पहले बेंगलुरु बंद भी आयोजित किया गया था.

apex court and CWMA in Cauvery water dispute
कर्नाटक सरकार सुप्रीम कोर्ट और CWMA के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर करेगी
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By PTI

Published : Sep 30, 2023, 9:57 AM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार शनिवार को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) और उच्चतम न्यायालय के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर करेगी. सीडब्ल्यूएमए ने शुक्रवार को अपने सहायक निकाय कावेरी जल विनियमन समिति (सीआरडब्ल्यूसी) के निर्देश का समर्थन किया था, जिसके तहत कर्नाटक से तमिलनाडु को 3,000 क्यूसेक पानी छोड़ने के लिए कहा गया था. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा, 'हमारे पास पानी नहीं है. इसलिए हम पानी नहीं छोड़ सकते.'

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अपने गृह-कार्यालय 'कृष्णा' में शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और राज्य के पूर्व महाधिवक्ता के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बात की. सिद्धरमैया ने कहा कि शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और राज्य के पूर्व महाधिवक्ता ने कुछ राय और सुझाव दिए हैं. उन्होंने बताया कि सरकार को विशेष रूप से राज्य की सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में एक विशेषज्ञ सलाहकार समिति बनाने का सुझाव दिया गया है.

मुख्यमंत्री ने बैठक में दिए गए सुझावों के बारे में कहा, 'डेटा संग्रह और सलाह का काम समिति को करना चाहिए. समिति को सरकार को सलाह देनी चाहिए और अंतरराज्यीय जल विवादों के बारे में कानूनी टीम को जानकारी देनी चाहिए.' उन्होंने कहा कि सुझाव के अनुसार कार्यवाही की जाएगी. बैठक में उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार, गृह मंत्री जी परमेश्वर, कानून मंत्री एच के पाटिल और कृषि मंत्री एन चेलुवरायस्वामी मौजूद थे.

पढ़ें: South Stars Supportes Karnataka Bandh : कावेरी जल विवाद को लेकर कर्नाटक बंद आज, समर्थन में उतरे साउथ स्टार्स

बता दें, कावेरी जल विवाद को लेकर शुक्रवार को कर्नाटक बंद बुलाया गया था. जिसको लेकर तमाम संगठनों ने पूरे शहर में विरोध-प्रदर्शन किया. नाराज लोगों ने जगह-जगह आक्रोश प्रकट किया. इससे पहले राज्य के सीएम और डिप्टी सीएम दिल्ली में पार्टी आलाकमान और केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात की थी.

बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार शनिवार को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) और उच्चतम न्यायालय के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर करेगी. सीडब्ल्यूएमए ने शुक्रवार को अपने सहायक निकाय कावेरी जल विनियमन समिति (सीआरडब्ल्यूसी) के निर्देश का समर्थन किया था, जिसके तहत कर्नाटक से तमिलनाडु को 3,000 क्यूसेक पानी छोड़ने के लिए कहा गया था. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा, 'हमारे पास पानी नहीं है. इसलिए हम पानी नहीं छोड़ सकते.'

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अपने गृह-कार्यालय 'कृष्णा' में शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और राज्य के पूर्व महाधिवक्ता के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बात की. सिद्धरमैया ने कहा कि शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और राज्य के पूर्व महाधिवक्ता ने कुछ राय और सुझाव दिए हैं. उन्होंने बताया कि सरकार को विशेष रूप से राज्य की सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में एक विशेषज्ञ सलाहकार समिति बनाने का सुझाव दिया गया है.

मुख्यमंत्री ने बैठक में दिए गए सुझावों के बारे में कहा, 'डेटा संग्रह और सलाह का काम समिति को करना चाहिए. समिति को सरकार को सलाह देनी चाहिए और अंतरराज्यीय जल विवादों के बारे में कानूनी टीम को जानकारी देनी चाहिए.' उन्होंने कहा कि सुझाव के अनुसार कार्यवाही की जाएगी. बैठक में उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार, गृह मंत्री जी परमेश्वर, कानून मंत्री एच के पाटिल और कृषि मंत्री एन चेलुवरायस्वामी मौजूद थे.

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बता दें, कावेरी जल विवाद को लेकर शुक्रवार को कर्नाटक बंद बुलाया गया था. जिसको लेकर तमाम संगठनों ने पूरे शहर में विरोध-प्रदर्शन किया. नाराज लोगों ने जगह-जगह आक्रोश प्रकट किया. इससे पहले राज्य के सीएम और डिप्टी सीएम दिल्ली में पार्टी आलाकमान और केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात की थी.

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