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कर्नाटक में खुला गधों का फार्म, मिला लाखों का ऑर्डर - कर्नाटक में गधे का फार्म

तमिलनाडु के बाद अब कर्नाटक के बंतवाल में भी गधों का फार्म खुला है. फार्म की शुरुआत होने के साथ ही इसके मालिक श्रीनिवास गौड़ा को लाखों के ऑर्डर मिल चुके हैं.

donkey farm in bantwal
गधे का फार्म बंतवाल
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Published : Jun 12, 2022, 5:10 PM IST

मंगलुरु: कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बंतवाल में एक 42 वर्षीय व्यक्ति ने गधों का फार्म शुरू किया है. इस फार्म की शुरुआत उन्होंने बीते 8 जून को की. फार्म के मालिक श्रीनिवास गौड़ा ने बताया कि उन्हें महसूस हुआ कि गधा ऐसा जानवर है जिसको काफी दुर्दशा का समना करना पड़ रहा है और उसे कम आंका जाता है इसलिए उन्होंने गधों का एक फार्म शुरू करने की सोची.

गौड़ा ने एक सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी छोड़ने के बाद 2020 में इरा गांव में 2.3 एकड़ के भूखंड पर कृषि, पशुपालन, पशु चिकित्सा सेवाएं, प्रशिक्षण और चारा विकास का एकीकृत केंद्र शुरू किया था. फार्म में उन्होंने सबसे पहले बकरी पालन शुरू किया. इसके साथ ही उनके फार्म में खरगोश और कड़कनाथ मुर्गे भी हैं. उन्होंने कहा कि अब गधों के फार्म की शुरुआत 20 गधों से की गई है.

गौड़ा कहते हैं कि, चूंकि अब धोबियों द्वारा मशीनों एवं अन्य तकनीकों का उपयोग किया जाने लगा है जिससे गधों की मांग दिन प्रतिदिन घटती जा रही है. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने गधों का फार्म शुरू करने का विचार लोगों से साझा किया तो कुछ लोगों ने उनके सफल होने पर आशंका जताई. वहीं कुछ लोगों ने तो उनका मजाक भी बनाया. लेकिन गौड़ा ने इसके बावजूद अपने विचार नहीं बदले.

यह भी पढ़ें-इस आदमी ने शुरू किया ऊंटनी के दूध का फार्म, लोगों का बना पसंदीदा

अब गौड़ा गधे का दूध पैकेट में पैक कर बेचने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि गधे का दूध स्वादिष्ट, औषधीय महत्व का और बहुत महंगा होता है. उन्होंने बताया कि 30 मिलीलीटर दूध के पैकेट की कीमत 150 रुपये होगी और इसकी आपूर्ति मॉल, दुकानों और सुपरमार्केट के माध्यम से की जाएगी. इसके साथ ही उनकी योजना, गधे के दूध को सौंदर्य उत्पादों में इस्तेमाल करने के लिए बेचने की भी है. इस दूध के लिए उन्हें 17 लाख रुपये के ऑर्डर पहले ही मिल चुके हैं.

मंगलुरु: कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बंतवाल में एक 42 वर्षीय व्यक्ति ने गधों का फार्म शुरू किया है. इस फार्म की शुरुआत उन्होंने बीते 8 जून को की. फार्म के मालिक श्रीनिवास गौड़ा ने बताया कि उन्हें महसूस हुआ कि गधा ऐसा जानवर है जिसको काफी दुर्दशा का समना करना पड़ रहा है और उसे कम आंका जाता है इसलिए उन्होंने गधों का एक फार्म शुरू करने की सोची.

गौड़ा ने एक सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी छोड़ने के बाद 2020 में इरा गांव में 2.3 एकड़ के भूखंड पर कृषि, पशुपालन, पशु चिकित्सा सेवाएं, प्रशिक्षण और चारा विकास का एकीकृत केंद्र शुरू किया था. फार्म में उन्होंने सबसे पहले बकरी पालन शुरू किया. इसके साथ ही उनके फार्म में खरगोश और कड़कनाथ मुर्गे भी हैं. उन्होंने कहा कि अब गधों के फार्म की शुरुआत 20 गधों से की गई है.

गौड़ा कहते हैं कि, चूंकि अब धोबियों द्वारा मशीनों एवं अन्य तकनीकों का उपयोग किया जाने लगा है जिससे गधों की मांग दिन प्रतिदिन घटती जा रही है. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने गधों का फार्म शुरू करने का विचार लोगों से साझा किया तो कुछ लोगों ने उनके सफल होने पर आशंका जताई. वहीं कुछ लोगों ने तो उनका मजाक भी बनाया. लेकिन गौड़ा ने इसके बावजूद अपने विचार नहीं बदले.

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अब गौड़ा गधे का दूध पैकेट में पैक कर बेचने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि गधे का दूध स्वादिष्ट, औषधीय महत्व का और बहुत महंगा होता है. उन्होंने बताया कि 30 मिलीलीटर दूध के पैकेट की कीमत 150 रुपये होगी और इसकी आपूर्ति मॉल, दुकानों और सुपरमार्केट के माध्यम से की जाएगी. इसके साथ ही उनकी योजना, गधे के दूध को सौंदर्य उत्पादों में इस्तेमाल करने के लिए बेचने की भी है. इस दूध के लिए उन्हें 17 लाख रुपये के ऑर्डर पहले ही मिल चुके हैं.

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