बेंगलुरू: कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद के बीच एक राहत भरी खबर आयी है, जहां 22 साल की हिजाब गर्ल बुशरा मतीन विश्वेश्वरैया टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (Visvesvaraya Technological University) की 16 गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली छात्रा बनी हैं. एसएलएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, रायचूर से सिविल इंजीनियरिंग स्नातक बुशरा मतीन (Civil Engineering graduate Bushra Mateen) ने विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षांत समारोह में ये पदक हासिल किए हैं.
कुल 9.73 के संचयी ग्रेड बिंदु औसत (GPA) के साथ उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग शाखा में प्रथम स्थान हासिल किया है. इतना ही नहीं सिविल इंजीनियरिंग विभाग की छात्रा बुशरा मतीन ने 16 स्वर्ण पदक जीतकर नया कीर्तिमान भी स्थापित किया. बुशरा मतीन विश्वविद्यालय के इतिहास में सर्वोच्च पदक विजेता बनी हैं क्योंकि इससे पहले विश्वविद्यालय के पास सर्वाधिक 13 स्वर्ण पदक जीतने का रिकॉर्ड था. कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने बुशरा मतीन को 16 स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी है. इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, उच्च शिक्षा मंत्री अश्वथ नारायण, कुलाधिपति प्रो. करीसिद्दप्पा भी मौजूद थे.
सिविल सर्विसेज में जाने का सपना
बुशरा मतीन ने इन पदकों के अलावा श्रीएसजी बालकुंदरी स्वर्ण पदक, जेएनयू विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, वीटीयू स्वर्ण पदक और आरएन शेट्टी स्वर्ण पदक जीता है. उन्होंने दो नकद पुरस्कार भी जीते हैं. सिविल इंजीनियरिंग में उनकी दिलचस्पी उनके पिता और भाई को देखकर बढ़ी, जो पेशे से सिविल इंजीनियर हैं. इस मौके पर बुशरा मतीन ने कहा कि मेरे पिता चाहते थे कि मैं मेडिकल की पढ़ाई करूं, लेकिन उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के मेरे फैसले का भरपुर समर्थन किया. अब बुशरा यूपीएससी सिविल सर्विसेज की तैयारी करना चाहती हैं. उसका मानना है कि कुछ भी असंभव नहीं है और आत्मविश्वास व दृढ़ संकल्प ही सफलता की कुंजी है. इस बीच 16 गोल्ड मेडल जीतने पर लोग सोशल मीडिया पर बुशरा की तारीफों के पुल बांध रहे हैं.
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