बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय की धारवाड़ पीठ ने तीन बच्चों समेत पांच लोगों की हत्या करने वाले व्यक्ति की मौत की सजा को बरकरार रखा है. न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज और न्यायमूर्ति जी. बसवराज की पीठ ने दोषी और राज्य द्वारा दायर दो याचिकाओं का निस्तारण करते हुए कहा, 'अपराध की क्रूरता के परिणामस्वरूप 10 साल से कम उम्र के तीन बच्चों समेत पांच लोगों की मौत हो गई. जिस क्रूरता से ऐसा किया गया, उसके मद्देनजर हमारे पास निचली अदालत द्वारा पारित मौत की सजा के आदेश की पुष्टि करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. हम भारी मन से निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हैं.'
उच्च न्यायालय ने 22 नवंबर 2022 को याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया था. लेकिन अदालत ने कुछ रिकॉर्ड और रिपोर्ट समेत कई जानकारियां मांगी थीं. अदालत ने कहा कि ये रिकॉर्ड उन सभी मामलों में निर्देश जारी करने के लिए आवश्यक थे, जिनमें अभियोजन पक्ष मृत्युदंड की मांग करता है. अभियोजन के अनुसार, बेल्लारी जिले के कंचनगुड्डा हल्ली निवासी एवं मजदूर के रूप में काम करने वाले ब्यलुरू थिप्पैया को अपनी पत्नी के विवाहेत्तर संबंध होने का शक था, जिसके कारण उनके बीच झगड़ा होता था.
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उनके चार बच्चे थे, और थिप्पैया का कहना था कि वह उनमें से केवल एक का पिता है. 25 फरवरी, 2017 को उसने अपनी पत्नी पाकीरम्मा, अपने तीन बच्चों पवित्रा, नागराज, रजप्पा और भाभी गंगम्मा पर हमला कर उनकी हत्या कर दी थी. एक अन्य मामले में नवंबर महीने में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 13 वर्षीय एक बलात्कार पीड़िता के 25 सप्ताह का गर्भ गिराने की अनुमति दी थी.
(पीटीआई-भाषा)