ETV Bharat / bharat

कलियुग का 'श्रवण' बनकर मां को स्कूटर से तीर्थाटन करा रहे कर्नाटक के कृष्णा, नाप चुके हैं 70 हजार किमी - स्कूटर से मां के साथ तीर्थ स्थलों के दर्शन

कर्नाटक के डी कृष्णा कुमार अपनी मां को स्कूटर पर देश-विदेश के तीर्थ स्थलों के दर्शन करा रहे हैं. कृष्णा अपनी मां के साथ करीब 70 हजार किमी की यात्रा कर चुके हैं. कृष्णा अब चारों धामों के दर्शन के लिए उत्तराखंड पहुंचे हैं.

D Krishna Kumar
डी कृष्णा कुमार
author img

By

Published : May 31, 2023, 4:12 PM IST

Updated : May 31, 2023, 4:25 PM IST

कलियुग का श्रवण बना कर्नाटक का कृष्णा

हल्द्वानी (उत्तराखंड): कहा जाता है माता-पिता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है. इस धरती में माता-पिता को ईश्वर के बराबर का दर्जा दिया गया है. माता-पिता की सेवा करने से ईश्वर की आराधना के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. ऐसे में कर्नाटक के दक्षिणामूर्ति कृष्णा कुमार अपनी मां को स्कूटर से भारत के तीर्थ स्थलों का भ्रमण कराकर सेवा कर रहे हैं. अभी तक कृष्णा कुमार अपनी मां के साथ 70 हजार किमी की यात्रा कर चुके हैं. भारत के साथ ही उन्होंने अन्य देशों के तीर्थ स्थलों के भी दर्शन किए हैं.

स्कूटर से तीर्थयात्रा पर कर्नाटक का श्रवण कुमार: मैसूर जिले के वोगादी के रहने वाले डी कृष्णा कुमार को 'कलियुग का श्रवण' कहा जा सकता है. 44 वर्षीय कृष्णा कुमार अपनी 72 वर्षीय मां चूड़ारत्ना को स्कूटर में बैठाकर देश-विदेश के तीर्थ स्थलों के भ्रमण पर निकले हैं. भ्रमण के तहत कृष्णा कुमार बुधवार को उत्तराखंड के नैतीताल जिले के लालकुआं पहुंचे, जहां समाजसेवियों ने उनका स्वागत किया. कृष्णा चारों धामों के दर्शन के साथ ही देवभूमि के पौराणिक तीर्थ स्थलों के दर्शन भी करेंगे.

मां को तीर्थ कराने के लिए कृष्णा ने छोड़ी नौकरी: कृष्णा का कहना है कि नौकरी, मकान सब कुछ छोड़कर मातृ सेवा संकल्प यात्रा के तहत अपनी मां को तीर्थ स्थलों की यात्रा कराने के लिए निकले हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक करीब 70 हजार किमी की यात्रा अपने 20 साल पूराने स्कूटर से कर चुके हैं.

20 साल पुराने स्कूटर से देश-विदेश की यात्रा: कृष्णा कुमार का कहना है कि पिता के निधन के बाद मां ने धार्मिक यात्रा की इच्छा जताई थी. परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी. इस कारण पिता द्वारा तोहफे में दिए 20 साल पुराने स्कूटर को ठीक कराया और मां को लेकर तीर्थ यात्रा पर निकल पड़े. कृष्णा कुमार ने बताया कि 16 जनवरी 2018 को वोगादी से यात्रा की शुरुआत की थी. आज अपनी मां को स्कूटर से देश के विभिन्न शहरों के तीर्थ स्थलों की यात्रा करवा चुके हैं.

मां को हर तीर्थ स्थल के दर्शन कराना चाहते हैं कृष्णा: उन्होंने बताया कि इस धार्मिक यात्रा में भारत के साथ-साथ नेपाल, भूटान व म्यांमार के तीर्थ स्थलों के भी दर्शन किए. उन्होंने कहा कि मां को देश के एक-एक मंदिर के दर्शन कराने हैं. कृष्णा कुमार कर्नाटक में एक प्राइवेट कंपनी में कॉपोर्रेट टीम लीडर की नौकरी करते थे. नौकरी के समय की गई बचत और उसके ब्याज से भारत भ्रमण का खर्चा उठा रहे हैं. कृष्णा कुमार की मां चूड़ारत्ना का कहना है कि आज के युग में श्रवण जैसा पुत्र पाकर वे धन्य हैं.
ये भी पढ़ेंः स्कूटर से मां को तीर्थाटन कराने निकले 'श्रवण कुमार', अब तक 70 हजार किमी की नाप दी दूरी

कलियुग का श्रवण बना कर्नाटक का कृष्णा

हल्द्वानी (उत्तराखंड): कहा जाता है माता-पिता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है. इस धरती में माता-पिता को ईश्वर के बराबर का दर्जा दिया गया है. माता-पिता की सेवा करने से ईश्वर की आराधना के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. ऐसे में कर्नाटक के दक्षिणामूर्ति कृष्णा कुमार अपनी मां को स्कूटर से भारत के तीर्थ स्थलों का भ्रमण कराकर सेवा कर रहे हैं. अभी तक कृष्णा कुमार अपनी मां के साथ 70 हजार किमी की यात्रा कर चुके हैं. भारत के साथ ही उन्होंने अन्य देशों के तीर्थ स्थलों के भी दर्शन किए हैं.

स्कूटर से तीर्थयात्रा पर कर्नाटक का श्रवण कुमार: मैसूर जिले के वोगादी के रहने वाले डी कृष्णा कुमार को 'कलियुग का श्रवण' कहा जा सकता है. 44 वर्षीय कृष्णा कुमार अपनी 72 वर्षीय मां चूड़ारत्ना को स्कूटर में बैठाकर देश-विदेश के तीर्थ स्थलों के भ्रमण पर निकले हैं. भ्रमण के तहत कृष्णा कुमार बुधवार को उत्तराखंड के नैतीताल जिले के लालकुआं पहुंचे, जहां समाजसेवियों ने उनका स्वागत किया. कृष्णा चारों धामों के दर्शन के साथ ही देवभूमि के पौराणिक तीर्थ स्थलों के दर्शन भी करेंगे.

मां को तीर्थ कराने के लिए कृष्णा ने छोड़ी नौकरी: कृष्णा का कहना है कि नौकरी, मकान सब कुछ छोड़कर मातृ सेवा संकल्प यात्रा के तहत अपनी मां को तीर्थ स्थलों की यात्रा कराने के लिए निकले हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक करीब 70 हजार किमी की यात्रा अपने 20 साल पूराने स्कूटर से कर चुके हैं.

20 साल पुराने स्कूटर से देश-विदेश की यात्रा: कृष्णा कुमार का कहना है कि पिता के निधन के बाद मां ने धार्मिक यात्रा की इच्छा जताई थी. परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी. इस कारण पिता द्वारा तोहफे में दिए 20 साल पुराने स्कूटर को ठीक कराया और मां को लेकर तीर्थ यात्रा पर निकल पड़े. कृष्णा कुमार ने बताया कि 16 जनवरी 2018 को वोगादी से यात्रा की शुरुआत की थी. आज अपनी मां को स्कूटर से देश के विभिन्न शहरों के तीर्थ स्थलों की यात्रा करवा चुके हैं.

मां को हर तीर्थ स्थल के दर्शन कराना चाहते हैं कृष्णा: उन्होंने बताया कि इस धार्मिक यात्रा में भारत के साथ-साथ नेपाल, भूटान व म्यांमार के तीर्थ स्थलों के भी दर्शन किए. उन्होंने कहा कि मां को देश के एक-एक मंदिर के दर्शन कराने हैं. कृष्णा कुमार कर्नाटक में एक प्राइवेट कंपनी में कॉपोर्रेट टीम लीडर की नौकरी करते थे. नौकरी के समय की गई बचत और उसके ब्याज से भारत भ्रमण का खर्चा उठा रहे हैं. कृष्णा कुमार की मां चूड़ारत्ना का कहना है कि आज के युग में श्रवण जैसा पुत्र पाकर वे धन्य हैं.
ये भी पढ़ेंः स्कूटर से मां को तीर्थाटन कराने निकले 'श्रवण कुमार', अब तक 70 हजार किमी की नाप दी दूरी

Last Updated : May 31, 2023, 4:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.