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कर्नाटक की अदालत ने पत्रकार और उसके पिता को राजद्रोह के आरोप से बरी

कर्नाटक की अदालत ने पत्रकार विट्टला मेलेकुडिया और उनके पिता को माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तारी के नौ साल के बाद आरोपों से बरी कर दिया है.

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Published : Oct 22, 2021, 3:52 PM IST

मंगलुरु : कर्नाटक की अदालत ने पत्रकार विट्टला मेलेकुडिया और उनके पिता को माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तारी के नौ साल के बाद आरोपों से बरी कर दिया है.

यहां के तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बीबी जकाती ने बृहस्पतिवार को विट्टला और उनके पिता लिंगप्पा मेलेकुडिया को राजद्रोह के आरोप से बरी किया.

यह मार्च 2012 का मामला था जब नक्सल विरोधी बल ने दक्षिण कन्नड जिले के कुटलुर में आदिवासी कार्यकर्ता के आवास पर छापेमारी की कार्रवाई की थी और कुछ नक्सली साहित्य और भगत सिंह पर लिखी किताब अन्य सामग्री के साथ बरामद की थी.

पढ़ें - बंगाल में चुनाव बाद हिंसा : SC ने CBI जांच के खिलाफ मुकदमे पर सुनवाई स्थगित की

पुलिस ने छापेमारी की कार्रवाई के बाद पिता-पुत्र के साथ ही अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और 124 ए एवं गैरकानूनी गतिविधि निषेध अधिनियम (यूएपीए) की धारा-19 और 20 के तहत अन्य लोगों के साथ प्राथमिकी दर्ज की थी जो अब भी फारार हैं. पिता-पुत्र की मामले में गिरफ्तारी हुई और जमानत पर रिहा होने से पहले उन्होंने तीन महीने जेल में बिताए थे.

(पीटीआई-भाषा)

मंगलुरु : कर्नाटक की अदालत ने पत्रकार विट्टला मेलेकुडिया और उनके पिता को माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तारी के नौ साल के बाद आरोपों से बरी कर दिया है.

यहां के तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बीबी जकाती ने बृहस्पतिवार को विट्टला और उनके पिता लिंगप्पा मेलेकुडिया को राजद्रोह के आरोप से बरी किया.

यह मार्च 2012 का मामला था जब नक्सल विरोधी बल ने दक्षिण कन्नड जिले के कुटलुर में आदिवासी कार्यकर्ता के आवास पर छापेमारी की कार्रवाई की थी और कुछ नक्सली साहित्य और भगत सिंह पर लिखी किताब अन्य सामग्री के साथ बरामद की थी.

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पुलिस ने छापेमारी की कार्रवाई के बाद पिता-पुत्र के साथ ही अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और 124 ए एवं गैरकानूनी गतिविधि निषेध अधिनियम (यूएपीए) की धारा-19 और 20 के तहत अन्य लोगों के साथ प्राथमिकी दर्ज की थी जो अब भी फारार हैं. पिता-पुत्र की मामले में गिरफ्तारी हुई और जमानत पर रिहा होने से पहले उन्होंने तीन महीने जेल में बिताए थे.

(पीटीआई-भाषा)

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