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दिल्ली में होगा कर्नाटक सीएम का फैसला, सिद्धामैया ने लगाया 2/3 फार्मूला

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Published : May 15, 2023, 1:17 PM IST

Updated : May 15, 2023, 5:15 PM IST

कर्नाटक में कौन होगा अगला सीएम, इसका फैसला दिल्ली में आलाकमान करेंगे. इसलिए सिद्धामैया दिल्ली पहुंच गए हैं, लेकिन डीके शिवकुमार का अब तक तय नहीं हुआ कि वह दिल्ली जाएंगे या नहीं. वहीं, कर्नाटक सीएम को लेकर बने सस्पेंस के बीच सिद्धामैया ने अपना फार्मूला लगाया है. जानें क्या है उनका 2/3 फार्मूला...

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बेंगलुरू : कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रचंड जनादेश के बाद दिल्ली में कांग्रेस, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं सिद्धामैया और डीके शिवकुमार द्वारा मुख्यमंत्री पद के खुले दावों के बाद इसे अंतिम रूप देने में जुटी है. एआईसीसी के सूत्रों ने बताया कि सिद्धामैया ने एक सुझाव दिया है कि वह शिवकुमार के साथ मुख्यमंत्री पद साझा करने के इच्छुक हैं. हालांकि, सूत्रों के अनुसार, सिद्धामैया पहला कार्यकाल चाहते हैं. वह पहले दो वर्षों के बाद शेष कार्यकाल के लिए शिवकुमार को पद छोड़ देंगे.

सिद्धामैया और शिवकुमार क्रमश: कुर्बा और वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं. दोनों को समायोजित करने के लिए कांग्रेस आलाकमान प्रयासरत है. कांग्रेस आलाकमान के सोमवार को ही इस फैसले को अंतिम रूप देने की संभावना है और पहले कार्यकाल के लिए सिद्धामैया के मुख्यमंत्री बनने की प्रबल संभावना है. पार्टी के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि शिवकुमार भी इस व्यवस्था के लिए राजी होंगे, लेकिन उन्होंने पार्टी आलाकमान को स्पष्ट रूप से सूचित कर दिया है कि उन्हें गृह मंत्रालय के पद के साथ एकल उपमुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए.

कर्नाटक कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, लगभग 70 प्रतिशत निर्वाचित विधायकों ने मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धारमैया का समर्थन किया है. एआईसीसी पर्यवेक्षक महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया से परामर्श के बाद एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा अंतिम निर्णय की घोषणा की जाएगी. एआईसीसी अध्यक्ष खड़गे सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी के साथ-साथ एआईसीसी महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल और कर्नाटक के प्रभारी एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं.

दिल्ली के लिए रवाना हुए सिद्धामैया और शिवकुमार : कर्नाटक सीएम पद की रेस में शामिल पूर्व सीएम सिद्धारमैया दिल्ली के लिए सोमवार दोपहर एक बजे रवाना हो चुके हैं. वहीं, केपीसीसी अध्यक्ष डीके शिवकुमार शाम को दिल्ली के लिए रवाना हो गए. हालांकि, उन्होंने पहले कहा था कि वह दिल्ली नहीं जाएंगे, लेकिन अब दिल्ली से बुलावा आने के बाद उन्होंने आलाकमान से मिलने का निश्चित किया. कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने को लेकर नवनिर्वाचित विधायकों की राय जानने के बाद अब तीनों पर्यवेक्षक जल्द ही पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे और ऐसे में पूरी निगाहें पार्टी आलाकमान पर टिक गई हैं. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया आज दिल्ली पहुंच रहे हैं और वह यहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं. उधर, विधायकों की राय जानने के लिए बेंगलुरु भेजे गए पार्टी के तीनों पर्यवेक्षक सोमवार को दिल्ली लौट आए और अब वे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.

पढ़ें : जानें, आखिर क्यों डीके शिवकुमार ने कहा, मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा!

सूत्रों का कहना है कि खरगे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार के साथ मंत्रणा के बाद कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के बारे में जल्द फैसला करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता चुनने के लिए वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। तीनों पर्यवेक्षकों ने पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों से अलग-अलग बात कर उनकी राय जानी. तीनों पर्यवेक्षकों ने बेंगलुरु के एक निजी होटल में रविवार रात कई घंटे तक विधायकों के साथ बातचीत की और अगले मुख्यमंत्री को लेकर गोपनीय मतदान भी कराया गया है.

डीके शिवकुमार ने जोर देकर कहा कि पार्टी संगठन के लिए काम करने के बाद उन्हें मौका दिया जाना चाहिए. दूसरी ओर, सिद्धारमैया इस बात पर जोर दे रहे हैं कि उनके पास अधिक विधायकों का समर्थन है और वह भी सीएम बनने के योग्य हैं. जहां दोनों कद्दावर नेताओं में पार्टी के शीर्ष पद के लिए होड़ लगी है, वहीं राज्य में विधायकों का झुकाव किसकी तरफ है इसकी जानकारी अभी तक पक्की नहीं हो पाई है.

(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)

बेंगलुरू : कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रचंड जनादेश के बाद दिल्ली में कांग्रेस, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं सिद्धामैया और डीके शिवकुमार द्वारा मुख्यमंत्री पद के खुले दावों के बाद इसे अंतिम रूप देने में जुटी है. एआईसीसी के सूत्रों ने बताया कि सिद्धामैया ने एक सुझाव दिया है कि वह शिवकुमार के साथ मुख्यमंत्री पद साझा करने के इच्छुक हैं. हालांकि, सूत्रों के अनुसार, सिद्धामैया पहला कार्यकाल चाहते हैं. वह पहले दो वर्षों के बाद शेष कार्यकाल के लिए शिवकुमार को पद छोड़ देंगे.

सिद्धामैया और शिवकुमार क्रमश: कुर्बा और वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं. दोनों को समायोजित करने के लिए कांग्रेस आलाकमान प्रयासरत है. कांग्रेस आलाकमान के सोमवार को ही इस फैसले को अंतिम रूप देने की संभावना है और पहले कार्यकाल के लिए सिद्धामैया के मुख्यमंत्री बनने की प्रबल संभावना है. पार्टी के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि शिवकुमार भी इस व्यवस्था के लिए राजी होंगे, लेकिन उन्होंने पार्टी आलाकमान को स्पष्ट रूप से सूचित कर दिया है कि उन्हें गृह मंत्रालय के पद के साथ एकल उपमुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए.

कर्नाटक कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, लगभग 70 प्रतिशत निर्वाचित विधायकों ने मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धारमैया का समर्थन किया है. एआईसीसी पर्यवेक्षक महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया से परामर्श के बाद एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा अंतिम निर्णय की घोषणा की जाएगी. एआईसीसी अध्यक्ष खड़गे सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी के साथ-साथ एआईसीसी महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल और कर्नाटक के प्रभारी एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं.

दिल्ली के लिए रवाना हुए सिद्धामैया और शिवकुमार : कर्नाटक सीएम पद की रेस में शामिल पूर्व सीएम सिद्धारमैया दिल्ली के लिए सोमवार दोपहर एक बजे रवाना हो चुके हैं. वहीं, केपीसीसी अध्यक्ष डीके शिवकुमार शाम को दिल्ली के लिए रवाना हो गए. हालांकि, उन्होंने पहले कहा था कि वह दिल्ली नहीं जाएंगे, लेकिन अब दिल्ली से बुलावा आने के बाद उन्होंने आलाकमान से मिलने का निश्चित किया. कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने को लेकर नवनिर्वाचित विधायकों की राय जानने के बाद अब तीनों पर्यवेक्षक जल्द ही पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे और ऐसे में पूरी निगाहें पार्टी आलाकमान पर टिक गई हैं. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया आज दिल्ली पहुंच रहे हैं और वह यहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं. उधर, विधायकों की राय जानने के लिए बेंगलुरु भेजे गए पार्टी के तीनों पर्यवेक्षक सोमवार को दिल्ली लौट आए और अब वे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.

पढ़ें : जानें, आखिर क्यों डीके शिवकुमार ने कहा, मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा!

सूत्रों का कहना है कि खरगे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार के साथ मंत्रणा के बाद कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के बारे में जल्द फैसला करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता चुनने के लिए वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। तीनों पर्यवेक्षकों ने पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों से अलग-अलग बात कर उनकी राय जानी. तीनों पर्यवेक्षकों ने बेंगलुरु के एक निजी होटल में रविवार रात कई घंटे तक विधायकों के साथ बातचीत की और अगले मुख्यमंत्री को लेकर गोपनीय मतदान भी कराया गया है.

डीके शिवकुमार ने जोर देकर कहा कि पार्टी संगठन के लिए काम करने के बाद उन्हें मौका दिया जाना चाहिए. दूसरी ओर, सिद्धारमैया इस बात पर जोर दे रहे हैं कि उनके पास अधिक विधायकों का समर्थन है और वह भी सीएम बनने के योग्य हैं. जहां दोनों कद्दावर नेताओं में पार्टी के शीर्ष पद के लिए होड़ लगी है, वहीं राज्य में विधायकों का झुकाव किसकी तरफ है इसकी जानकारी अभी तक पक्की नहीं हो पाई है.

(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : May 15, 2023, 5:15 PM IST
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