बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार के नेतृतव में कांग्रेस के नेताओं ने बुधवार को केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ मौन धरना दिया. कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी को संसद से अयोग्य ठहराए जाने और केंद्र की बदले की राजनीति के खिलाफ यह धरना दिया गया. इससे कुछ दिन पहले मोदी सरनेम मामले में पार्टी ने कहा था कि सजा पर रोक लगाए जाने से गुजरात हाईकोर्ट के इनकार करने पर वह सुप्रीम कोर्ट का रूख करेगी.
'मौन विरोध प्रदर्शन' के दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रतीकात्मक रूप से यह बताने के लिए अपने मुंह पर काला रिबन बांधा. इस प्रदर्शन से नेताओं ने यह जताने की कोशिश की कि बोलने की स्वतंत्रता खतरे में है और केंद्र सरकार के खिलाफ बोलने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा. सीएम सिद्धारमैया, डीसीएम शिवकुमार और अन्य लोगों ने यहां फ्रीडम पार्क में राहुल गांधी की तस्वीर वाली तख्तियां पकड़ रखी थीं. इसमें लिखा था, 'सच्चाई की दहाड़ कायम होनी चाहिए'.
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यह आरोप लगाते हुए कि भाजपा ने राहुल गांधी को संसद से अयोग्य ठहराने के लिए गंदी चालें चली, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने 9 जुलाई को आज के लिए हर राज्य की राजधानी में मौन विरोध करने की घोषणा की थी. राहुल गांधी की सजा बरकरार रखने के गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस की ओर से देशव्यापी विरोध जताया गया. पार्टी ने न्यायालय के इस फैसले को राजनीति से जोड़ते हुए बीजेपी पर हमला किया. पार्टी के कई नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देने की बात कही.